केरल : बोगस वोटिंग दिखाने पर मुस्लिम लीग गुंडों ने पत्रकार को पीट दिया ; चुनाव आयोग ने क्या कार्यवाही की? क्या वहां का चुनाव रद्द होगा?

                              सीपीएम विधायक सीएच कुन्हाबु से धक्का मुक्की (साभार: onmanorama)
केरल के कासरगोड में शुक्रवार (26 अप्रैल 2024) को फर्जी मतदान की रिपोर्टिंग करने गए चार पत्रकारों पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। इस दौरान पत्रकारों से मारपीट की गई और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने पिटाई करने के बाद पत्रकारों को वहाँ से भगा दिया।
चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त स्टाफ और पुलिस ने उच्च अधिकारीयों को तुरंत सूचित किया? क्या  उन्होंने Returning Officer को सूचित किया? यदि नहीं, क्यों? अगर सूचित किया तो Returning Officer ने क्या कार्यवाही की? यह सिर्फ कासरगोड ही नहीं, भारत में शायद हो कोई ऐसा अनोखा पोलिंग बूथ होगा, जहां फर्जी वोटिंग न होता हो। लेकिन इसको रोकने में आज तक चुनाव आयोग पूरी तरफ से नकारा ही है। यह आरोप नहीं, कटु सत्य है। पोलिंग एजेंट से लेकर चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त स्टाफ तक कोई झूठला नहीं सकता। आधार कार्ड, चुनाव मतदान कार्ड सब बेकार। एक सुहागन को 500 रूपए के लिए अपना सिन्दूर पोंछ बुर्का पहनकर फर्जी वोट डालते देखा गया है। पार्टियों के प्रतिनिधियों को सुबह और शाम पोलिंग बूथ में EVM चैक करने और सील करने के लिए अंदर जाने की अनुमति होनी चाहिए। समाजसेवक के नाम पर किसी को बूथ में जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। 

घटना कासरगोड के चेंगला स्थित सरकारी हाई स्कूल के बूथ की है। यहाँ पर फर्जी मतदान की खबर मिलते ही कैराली न्यूज के रिपोर्टर शिजू कन्नन, चैनल के कैमरामैन शैजू पिलाथारा, मातृभूमि न्यूज के रिपोर्टर सारंग और मातृभूमि अखबार के रिपोर्टर प्रदीप जीएन बूथ पर पहुँचे और रिपोर्टिंग की कोशिश की। इसी दौरान IUML कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की।

दरअसल, मतदान के दिन दोपहर में मार्क्सवादी पार्टी के एजेंटों ने स्कूल में बूथ संख्या 113, 114 और 115 में बड़े पैमाने पर फर्जी मतदान की सूचना अपने पार्टी के अधिकारियों को दी। उन्होंने यह भी बताया कि IUML के कार्यकर्ता उन्हें मतदान केंद्र पर बैठने नहीं दे रहे हैं। इसके बाद CPM चुनाव प्रबंधक कासरगोड विधानसभा क्षेत्र में IUML के गढ़ चेंगला के स्कूल पहुँचे।

एलडीएफ चुनाव समिति के संयोजक केपी सतीश चंद्रम ने आरोप लगाया कि मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता उन लोगों के वोट डाल रहे थे, जो केरल में मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा, “हमने जिला निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है।” सतीश चंद्रम ने इसकी जानकारी मीडिया को भी दी। इसके साथ ही उदमा के विधायक और सीपीएम के जिला सचिव को भी इसके बारे में बताया।

जब मीडिया घटना की रिपोर्टिंग के लिए पहुँची तो IUML के कार्यकर्ताओं ने रिपोर्टिंग नहीं करने के लिए कहा और वहाँ से तुरंत भागने के लिए धमकाया। उसी समय उदमा विधायक और कार्यवाहक सीपीएम जिला सचिव कुन्हाम्बु स्कूल पहुँचे। उन्होंने कहा, “IUML कार्यकर्ताओं ने विधायक के साथ मारपीट करने की कोशिश की, लेकिन कासरगोड विधायक एनए नेल्लिकुन्नु ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाया।”

इधर, हमले के शिकार पत्रकारों ने इसकी शिकायत पुलिस और जिला कलेक्टर से की है। कलेक्टर इनबासेकर ने एक बयान में कहा कि उन्होंने बूथ संख्या 115 पर फर्जी मतदान पर कार्रवाई की है। हालाँकि, उन्होंने की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से नहीं बताया।

अवलोकन करें:-

केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग UDF (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) गठबंधन में कॉन्ग्रेस की सहयोगी दल है। इस गठबंधन में और भी कई छोटे-छोटे दल हैं। वहीं, दूसरी तरफ CPM की अगुवाई वाली LDF (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) गठबंधन है। इसमें सीपीएम और सीपीआई सहित कई दल हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री विजयन पिनराई के नेतृत्व में केरल में LDF की सरकार है।

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