बिहार में एक कहावत है
बेटा मांगे गइली भतार गंवा के अइली
पप्पू यादव का लगभग यही हाल हो गया है
बेचारे ने कांग्रेस में अपने पार्टी का विलय कर लिया क्योंकि इन्हें लगा कि यदि कांग्रेस और RJD का साथ मिल गया तो शायद पूर्णिया से सांसद बन जाउंगा लेकिन लालू यादव कभी नही चाहेंगे की कोई दुसरा यादव नेता आगे बढ़ें क्योंकि उनके नवमीं फेल बेटा तेजस्वी यादव का फ्यूचर जो बनाना है, यदि यादव समुदाय का कोई दूसरा नेता आगे आ जाता है फिर उनके बेटे के फ्यूचर का क्या होगा?
किसी समय में पप्पू यादव से लेकर रामकृपाल यादव तक लालू यादव के दाहिना और बाएं हाथ हुआ करते थे लेकिन अब रामकृपाल यादव को हराने के लिए हर बार अपनी नासमझ बेटी मिसा भारती को खड़ा करते हैं। हालांकि, यह अलग बात है कि वह दोनों बार बुरे तरीके से चुनाव हारी है, तीसरी बार भी हारेगी और वही खेला इन्होंने पप्पू यादव के साथ कर लिया जब इन्होंने इतना बड़ा बलिदान यानी कि अपने पूरे पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया इस उम्मीद पर की लालू यादव एक पिता समान उनके सर पर आशीर्वाद देंगे लेकिन लालू यादव तो ठहरे घोर परिवारवादी उनके लिए अपने परिवार से बढ़कर जाति कभी नहीं रहा लेकिन यह बात यादवों को कब समझ में आएगा? जो इंसान सिर्फ अपने परिवार के लिए सोच रहा हो वो जनता का कभी भी नहीं हो सकता ,, चाहे तुम जितना यादव यादव कर लो
बेचारे पप्पू यादव इसी चक्कर में एक बार फिर से बर्बाद हो गए और इस बार ऐसा बर्बाद हुए की कहीं के ना रहेंगे
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