चुनाव की तारीखें ही कारण बन गईं कम “मतदान” का; चुनाव आयोग ने 7 चरणों का मतदान ऐसे दिनों पर तय किया जिससे कम मतदान हो

सुभाष चन्द्र

बहुत लोग हैं जो मतदान करने से कतराते हैं, किसी के पास जायज कारण हो सकते हैं वोट न देने के लिए लेकिन अधिकांश वोट न देने वाले वोट देना जरूरी नहीं समझते और चुनाव तिथि से लगते दिनों को जोड़ कर छुट्टी पर चले जाते हैं। चुनाव आयोग ने इस बार ऐसी ही तिथियों पर 7 चरणों के मतदान रखें जो लोगों को गायब होने और मतदान न करने का मौका दे सकें 

आइए देखते हैं चुनाव आयोग ने कैसी लापरवाही की है?

पहले 2 चरणों के चुनाव 19 और 26 अप्रैल को थे और दोनों दिन शुक्रवार था शुक्रवार के दिन मतदान रखना चुनाव को पूरी तरह सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश होता है क्योंकि मुस्लिम हर मस्जिद में जुड़ते हैं चुनाव के लिए और वहां उनके लीडर उन्हें उटपटांग हिदायतें देने हैं भाजपा को हराने के लिए वोट देने के लिए दूसरी तरफ शुक्रवार की छुट्टी लेकर शनिवार रविवार जोड़कर 3 दिन की छुट्टी बनती है चलो जी क्या करना है वोट कर, पिकनिक पर जाते हैं, उन्हें कोई धर्म का पाठ पढ़ाने वाला तो है नहीं जो वोट देने के लिए Motivate कर सके “तो कम मतदान का जिम्मेदार कौन -चुनाव आयोग”?

लेखक 
चर्चित यूटूबर 

यह बात ओवैसी ने अपने किसी बयान में कही भी है कि जुमे के दिन कोई ताकत मुसलमानों की इच्छा पूरी होने से नहीं रोक सकती वो जिसे वोट देंगे वो हर हाल में जीतेगा आखिर क्या सोच कर आयोग ने 2 दिन मतदान शुक्रवार को रखा

3rd चरण का मतदान 7 मई को हैं जिस दिन मंगलवार है अधिकांश सरकारी कार्यालय शनिवार रविवार को बंद रहते हैं और एक सोमवार की छुट्टी लेकर मंगलवार का चुनाव का दिन मिलाकर 4 दिन की छुट्टी बनेगी बहुत होंगे ऐसा सोचने वाले कि मतदान करके क्या करना है “फिर कम मतदान होना तो तय है और जिम्मेदार होगा चुनाव आयोग”

4th और 5th चरण 13 और 20 मई को हैं और दोनों दिन “सोमवार” हैं और चुनाव आयोग ने बना दी 3 दिन की छुट्टी, यानी शनिवार रविवार और सोमवार को मतदान मतदान कम क्यों नहीं होगा और जिम्मेदार चुनाव आयोग क्यों नहीं माना जाए?

6th और 7th चरण का मतदान है 25 मई और 1 जून को और दोनों दिन “शनिवार” मिला रविवार के साथ बन गई 2 छुट्टी किसी के पास 2 casual leave हैं तो शुक्रवार और सोमवार की छुट्टी लेकर 4 दिन मौज के लिए जा सकता है फिर मतदान कैसे कम नहीं होगा लेकिन उम्मीद है चुनाव आयोग उसके लिए जिम्मेदारी नहीं लेगा

चुनाव के समय मतदान के आसपास की तिथियों पर किसी को छुट्टी दी ही जाए और ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए सरकार से मिलने वाली सुविधाएं ऐसे लोगों के बंद कर देनी चाहिए

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