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दिल्ली में पानी की भीषण समस्या |
उत्तर भारत भीषण गर्मी और तेज धूप समेत लू का सामना कर रहा है। आसमान से आग बरस रही है, गरम हवाएँ चल रही हैं। राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों का पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच रहा है। इन सब समस्याओं के बीच अब दिल्ली में जल संकट भी आ गया है।आज दिल्ली दो प्रकोपों से झूझ रही है, एक प्रकृति द्वारा भीषण गर्मी और दूसरे अरविन्द केजरीवाल द्वारा पानी संकट। आखिर दिल्ली चुनाव संपन्न होते ही पानी संकट क्यों आया? केजरीवाल अपने झूठ और चालबाज़ी से सबको पागल बनाते रहे। गर्मी होती है, पानी की समस्या, बारिशों में बाढ़ और सर्दियों में प्रदुषण। जब से दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार बनी है दिल्ली वालों को किसी न किसी समस्या में उलझा कर अपने घोटालों में लगे रहे।
केजरीवाल सरकार बताए कितने सालों से यमुना नदी की सफाई नहीं हुई है? बाढ़ के दिनों में बाढ़ का पानी शहरों में पहुँचने पर लिखा था कि यमुना की सफाई न होने की वजह से यमुना ऊपर ही ऊपर बह रही है। छठ पूजा के समय यमुना की हालत देख अरविन्द केजरीवाल की आंखे नहीं खुली। हरियाणा द्वारा जरुरत से ज्यादा पानी देने पर भी हरियाणा पर दोष? क्या हरियाणा अपनी जनता को प्यासा मरने दे? क्यों नहीं यमुना की सफाई करवाई गई, ताकि यमुना में पानी रुके ना कि बह जाए।
बीते कुछ दिनों से राजधानी दिल्ली से डरावनी तस्वीरें आ रही हैं। राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पानी का भीषण संकट आ गया है। पानी की आपूर्ति के लिए लोग तरस रहे हैं। पानी के दौड़ते लोगों की डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं। एक पानी के टैंकर के पीछे सैकड़ों लोग भाग रहे हैं।
कोने-कोने में भीषण जल संकट, डरावनी तस्वीरें
चाणक्यपुरी के संजय कैम्प से लेकर गीता कॉलोनी तक और ओखला से लेकर वसंत कुंज तक, दसियों ऐसे इलाके हैं जहाँ पानी का गंभीर संकट है। रोहिणी, कैलाश विहार, बेगम विहार, बेगमपुर, पटेल नगर समेत तमाम इलाके जल संकट की चपेट में हैं। चाणक्यपुरी से आने वाली तस्वीरें तो काफी असहज करने वाली हैं। यहाँ पानी के एक टैंकर के पीछे बच्चे से लेकर बूढ़े तक दौड़ रहे हैं और पाइप डालने का प्रयास कर रहे हैं।
इस पूरी कवायद में कोई सफल हो रहा है तो कोई प्यासा रह जा रहा है। कहीं महिलाएँ पानी के बर्तन लेकर खड़ी हो रही हैं, कहीं लोगों में कुछ लीटर पानी के लिए बहस हो रही है। मारपीट तक की नौबत आ रही है। पानी के लिए तरसने वाले बता रहे हैं कि दिन भर में पानी का एक टैंकर आ रहा है, जिसमें पानी लेने वालों की संख्या सैकड़ों में है। निवासी बता रहे हैं कि उन्हें पीने से लेकर नहाने और खाना बनाने तक के पानी में समस्या हो रही है।
AAP फिर से ‘ब्लेम गेम में जुटी’
जहाँ एक ओर दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच पानी की किल्लत है, वहीं दिल्ली में पानी की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार दिल्ली जल बोर्ड अकर्मण्य साबित हो रहा है। दिल्ली जल बोर्ड AAP सरकार के अंतर्गत आता है। AAP सरकार पानी की इस दिक्कत को सुलझाने और लोगों को राहत पहुँचाने की बजाय फिर से एक बार फिर दोष मढ़ने के लिए आगे आ गई है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी का पूरा अमला यह साबित करने पर जुटा हुआ है कि यह पानी की किल्लत इसके फेलियर नहीं बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पानी ना देने की वजह से हो रही है।
आतिशी लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के यह बता रही हैं कि हरियाणा उन्हें कम पानी दे रहा है, इस कारण से दिल्ली में पानी की कमी हो रही है, उनका कहना है कि दिल्ली यमुना के पानी पर निर्भर है और उसका पानी घटा दिया गया है। हरियाणा से अधिक पानी लेने के लिए दिल्ली की AAP सरकार सुप्रीम कोर्ट भी पहुँच गई है। यहाँ AAP सरकार ने याचिका लगाई है कि उन्हें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश अधिक पानी दें। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है।
क्या है इस दावे की सच्चाई?
दिल्ली की AAP सरकार हरियाणा पर यमुना का पानी नहीं देने का आरोप लगा रही है। दिल्ली में हरियाणा से आने वाला यमुना का पानी यमुना नगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज से आता है। यहाँ उत्तराखंड से आने वाली यमुना नदी का पानी बैराज के माध्यम से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को भेजा जाता है। हथिनी कुंड बैराज की पूर्वी नहर से पानी उत्तर प्रदेश जबकि पश्चिमी नहर से दिल्ली और हरियाणा को पानी भेजा जाता है। हथिनी कुंड बैराज के अधिकारियों ने दिल्ली को कम पानी भेजने की बात को सिरे से नकार दिया।
हथिनी कुंड बैराज के XEN अधिकारी विजय गर्ग ने ऑपइंडिया को बताया कि दिल्ली को वर्तमान में 761 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सामान्यतः दिल्ली को नवम्बर से जून के बीच 381 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। इसे अब बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली की पानी की माँग लगातार पूरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली इस संबंध में करनाल से अपनी आवश्यकता बताती है और उसी हिसाब से हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ दिया जाता है। पानी कम छोड़ने जैसी बात सत्य नहीं है।
पानी कम छोड़ने पर उन्होंने बताया कि जैसी भी उपलब्धता होती है, वैसा ही निर्णय लिया जाता है। यदि नदी में पानी कम आता है तो दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश सभी को कम पानी भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में यह अधिक हो जाता है। उनका कहना है कि दिल्ली के पानी में कोई कमी नहीं की जा रही है। हरियाणा के सिंचाई मंत्री अभय सिंह यादव ने बताया है कि वर्तमान में दिल्ली को समझौते से अधिक पानी की आपूर्ति हो रही है, इसके बाद भी AAP इस पर राजनीति कर रही है।
वहीं दूसरी ओर यह भी सामने आया है कि दिल्ली की पानी की आपूर्ति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट की भी सफाई पिछले 10 वर्षों से नहीं हुई है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में अब बड़े स्तर पर गाद जम गई है जिसके कारण इसकी पानी स्टोर करने की क्षमता घट गई है। ऐसे में यहाँ कम पानी साफ़ हो रहा है और आपूर्ति घट गई है।
भाजपा ने लगाया टैंकर माफिया को बढ़ाने का आरोप
दिल्ली के इस जल संकट को लेकर भाजपा ने AAP सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया है। भाजपा ने AAP सरकार पर कुप्रबन्धन का आरोप लगाया है। दिल्ली की भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड 2013 में 600 करोड़ रूपए के मुनाफे में था, वह अब 73000 करोड़ रूपए के घाटे में चला गया है।
उन्होंने कहा कि यह पूरा संकट AAP ने खुद ही खड़ा किया है। स्वराज ने यह भी आरोप लगाया कि यह पूरा जल संकट दिल्ली में भ्रष्टाचार करने और टैंकर माफिया को फायदा पहुँचाने के लिए लाया गया है।
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