आंध्र प्रदेश : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के 75% आरक्षण वाले बिल से डरा IT कंपनियों का सबसे बड़ा समूह को CM नायडू के मंत्री बेटे ने कहा – आंध्र में स्वागत है, हम देंगे सारी सुविधाएँ

                          आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने कंपनियों को अपने राज्य में आमंत्रित किया
प्रारम्भ से कांग्रेस विवादों को खड़ा कर जनता को उनमें उलझा कर राज करना चाहती है। इसको विकास से ज्यादा सरोकार नहीं। जनता को इस कटु सच्चाई को समझना होगा। अब वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने IT कंपनियों के सामने जो आरक्षण की गंभीर समस्या खड़ी की है, जिसे आंध्र प्रदेश सरकार ने हाथों-हाथ लेने का प्रयास कर रही है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को जिस तरह विकसित किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। आंध्र के विभाजित होने से पहले नायडू को आंध्र को एक विकसित राज्य बना दिया था। दुर्भाग्य से विभाजन होने पर प्रदेश का विकसित हिस्सा तेलंगाना में चला गया। NDA को समर्थन देने में नायडू ने नरेंद्र मोदी से सौदेबाजी नहीं करने का मुख्य कारण आंध्र के विकास में मोदी का सहयोग। अब नायडू सरकार राज्य को विकसित की राह पर चल दी है। 

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने मैनेजमेंट से जुड़ी 50% और नॉन-मैनेजमेंट से जुड़ी 75% नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दिया है। इसके बाद IT कंपनियों के सबसे बड़े समूह ने इस कदम की आलोचना की है। ‘कर्नाटक स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल इंडस्ट्रीज फैक्ट्रीज इस्टैब्लिशमेंट एक्ट बिल, 2024’ का विरोध करते हुए ‘नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एन्ड सर्विस कंपनीज’ (NASSCOM) ने कहा है कि वो फैसले को लेकर हताश एवं चिंतित है। उसने याद दिलाया कि तक कंपनियाँ कर्नाटक की GDP में 25% का योगदान देती हैं।

IT कंपनियों के सबसे बड़े संघ ने कहा कि स्थानीय प्रतिभाओं की कमी होने के कारण कंपंनियों को किसी अन्य राज्य का रुख करने को मजबूर होना पड़ सकता है। NASSCOM ने कहा है कि आज की प्रतियोगी दुनिया में ज्ञान पर आधारित कारोबार वहीं स्थापित होंगे जहाँ प्रतिभाएँ होंगी, क्योंकि दक्ष कर्मचारी सफलता के लिए ज़रूरी हैं। नैसकॉम ने कहा कि दुनिया भर में प्रतिभाओं की कमी है और कर्नाटक कोई अपवाद नहीं है। संस्था ने कहा कि किसी भी राज्य को तकनीक का हब बनने के लिए उसे दुनिया भर की प्रतिभाओं को आकर्षित करना होगा, साथ ही उसे स्थानीय प्रतिभाओं को भी तैयार करना होगा।

संगठन ने याद दिलाया कि बेंगलुरु देश का ‘सिलिकन वैली’ माना जाता है, यहाँ सामाजिक-आर्थिक विकास में इसका खासा योगदान है, इसी कारण यहाँ राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रतिव्यक्ति आय है। संगठन ने याद दिलाया कि राज्य में 11,000 स्टार्टअप हैं। NASSCOM ने कहा कि नए बिल से न सिर्फ इंडस्ट्री के विकास को बाधित करेगा, बल्कि बल्कि नौकरियों और राज्य की वैश्विक छवि पर भी दुष्प्रभाव डालेगा। संगठन ने कहा कि इस फैसले से कंपनियाँ बाहर जाएँगी।

उधर आंध्र प्रदेश सरकार ने NASSCOM की चिंताओं को जायज बताते हुए कंपनियों को आमंत्रित किया है। उन्होंने नैस्कॉम के सदस्यों से कहा कि हम आपकी निराशा समझते हैं, हम आपकी IT सेवाओं का विस्तार करने के लिए स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि विशाखापत्तनम में AI एन्ड डेटा क्लस्टर सेंटर बनाया जा रहा है। राज्य के IT, इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार और मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि उनके पिता चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार कंपनियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ, निर्बाध पॉवर सप्लाई और इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा दक्ष प्रतिभाएँ भी देंगी।

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