अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक 20 साल का युवक Thomas Matthew Crooks गोली मार हत्या करने की नाकाम कोशिश करता है जिसके बारे में अमेरिकी रिकॉर्ड के अनुसार कहा गया है कि उसने 17 वर्ष की आयु में एक ऐसे संगठन को 15 डॉलर का दान किया था जो वामपंथी और democrat politicians के लिए काम करता था। मतलब उसकी सोच सामने है।
Crooks का एक भवन पर चढ़ कर जाना और वहां से ट्रंप पर गोली चलाना साबित करता है कि सुरक्षा एजेंसियां प्रबंधों में फेल हुई वरना तो ट्रंप बिडेन या अन्य बड़े लोगों के लिए तो आसपास के सभी भवनों को सील कर दिया जाना चाहिए लेकिन Crooks पर लगता है कोई पाबंदी नहीं थी।
भारत में यदि ऐसा हुआ होता तो सुरक्षा कर्मियों के हाथों हमलावर के मारे जाने पर जाति और धर्म तलाश कर राजनीति शुरू हो जाती और इसे “जघन्य हत्या” बता कर उसके परिवार के लिए भारी भरकम मुआवजा मांग लिया जाता और यदि किसी विशेष धार्मिक समुदाय का होता तो उसे अभी तक “मानसिक रूप” से विक्षिप्त कह कर “पीड़ित” साबित कर दिया गया होता।
भारत में प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए George Soros, China, पाकिस्तान, अनेक इस्लामिक संगठन और स्वयं अमेरिका के बहुत संस्थान लगे हुए थे लेकिन मोदी फिर भी नहीं रुका। मोदी को बार बार मणिपुर जाने के लिए कांग्रेस द्वारा जोर देना कुछ ईशारा करता है कि शायद वहां कोई खेल की संरचना की गई हो मोदी की हत्या की और इसलिए मेरे विचार से मोदी जी को मणिपुर फिलहाल तो नहीं जाना चाहिए। जो कांग्रेस विदेशी ताकतों से मिलकर मणिपुर का षड़यंत्र रच सकती है, वह कुछ भी कर सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप पर हमले को गंभीर बताते हुए चिंता व्यक्त करते हुए निंदा की है और कहा है कि राजनीति में हिंसा का कोई स्थान नहीं है लेकिन यह बात आपके विरोधी नहीं मानते। दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि “उन्हें ख़ुशी है ट्रंप सुरक्षित हैं और अमेरिका में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है, हमें एक राष्ट्र के रूप में इसकी निंदा करनी चाहिए”।
लेकिन बिडेन साहब, यह Gun Culture तो अमेरिका के आम जीवन का हिस्सा बन चुकी है क्योंकि आए दिन अमेरिका में जगह जगह लोग ऐसे गोली चलाते फिरते हैं जैसे उनके लिए ऐसा करना कोई खेल का विषय हो और हत्या करने में आनंद लेते हैं। अबकी बार यह गोलीकांड आपके प्रतिद्वंदी के साथ हुआ है। अफ़सोस इस बात का है कि कोई अमेरिकी राष्ट्रपति इस Gun Culture को रोक लगाने के लिए तैयार नहीं है।
अब इसके पीछे कौन है इसका पता लगाना तो संभव नहीं होगा क्योंकि Crooks को तो मार गिराया गया है। इसका जवाब ढूढ़ने के लिए पहले जानना होगा कि पिछले चुनाव में कौन सी शक्तियां थी जो ट्रंप की जीत को रोक रही थी और वे ही शक्तियां आज भी उसे वापस नहीं आने देना चाहती।
कौन नहीं जानता पिछले चुनाव में Soros और China ने खेल खेला था और अभी भी वे इसके पीछे हो सकते हैं लेकिन किसी के रोल कभी सामने नहीं आते खासकर तब, जब हमलावर ढेर हो जाता है।
एक 20 वर्ष के युवक के दिल में ट्रंप के इतनी नफरत कहां से और कैसे आ गई जो उसने ट्रंप की हत्या का ही इरादा बना लिया? कोई तो होगा उसका “मार्गदर्शन” करने वाला? सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला करने वाला “Hadi Matar” भी मात्र 24 साल का था जिसने रुश्दी की किताब “Satanic Verses” लिखने पर उसे दंड देने के लिए हमला किया था, जो 1988 में लिखी गई थी, यानी किताब लिखने के 10 साल बाद पैदा होने वाले के दिल में इतनी नफरत थी रुश्दी के लिए जो उसकी जान लेने की कोशिश कर दी? लेकिन उसका मार्ग दर्शन तो मज़हब विशेष था, Crooks का कौन था? “Satanic Verses” किताब लिखने पर सलमान रुश्दी पर तो हमला हो सकता है, लेकिन 1995, 1998, 1999 में Islam Sex & Violence और Islam The Arab Imperialism आदि अन्य किताबें लिखने वाले अनवर शेख के खिलाफ मुंह खोलने की आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई, क्यों?
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