हिंदुओं की आवाज उठाने वाली नाजिया इलाही खान पर ‘झूठा’ ईशनिंदा का केस, गिरफ्तारी के बाद बात लिंचिंग तक पहुँची

                                                 नाजिया इलाही खान को मिल रही धमकियाँ
नूपुर शर्मा विवाद से लगातार मुस्लिम कट्टरपंथियों पर हमले करने वाली नाज़िया इलाही खान निशाने पर रही हैं। नूपुर विवाद पर सोशल मीडिया पर अकेली नाज़िया ही नहीं एक्स मुस्लिम भी लगातार कट्टरपंथियों और देश में तुष्टिकरण करने वालों को भी नहीं बख्शा। कई बार लिखा कि अनेकों मौलानाओं/इमामों और इस्लामिक विद्वानों को Jaipur Dialogue, Sach और NewsNation पर 'इस्लाम क्या कहता है' पर एक्स मुस्लिमों के आगे बेबस देखा। 
सोशल मीडिया पर इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ आवाज उठाने वाली नाजिया इलाही खान को 10 सितंबर को ईशनिंदा मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया। उनके विरुद्ध शिकायत वकील नूर महविश ने दर्ज कराई थी।

शिकायत में कहा था कि नाजिया देश में सांप्रदायिक हिंसा और मजहबी तनाव पैदा करना चाहती हैं। महविश ने शिकायत में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299, 353 और 362 के तहत केस को दर्ज कराया था। इस मामले में अलीपुर कोर्ट में पेश होने के बाद नाजिया को भले जमानत मिल गई लेकिन कट्टरपंथियों की नफरत उनके लिए कम नहीं हुई।

नाजिया पर ये केस 3 अगस्त 2024 को दिए एक इंटरव्यू के बाद दर्ज हुआ था। अपने इंटरव्यू में उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि आखिर हिंदू नाम से मुस्लिम दुकान क्यों खोल रहे हैं। उन्होंने पूछा था कि आखिर वो सलीम जो हिंदुओं को काफिर समझता है, उसने महादेव के नाम पर ढाबा क्यों खोला है।

जब पत्रकार ने उनसे कहा कि ये तो लोगों की इच्छा है कि वो क्या नाम रखेंगें, क्या नहीं… इस पर नाजिया ने कहा था कि फिर तो हिंदू भी अपनी मनमर्जी का नाम लिख सकते हैं।

नाजिया ने इस दौरान कुछ उदाहरण ऐसे दिए जिन्हें लेकर विवाद उपजा। उन्होंने कहा था कि अगर हिंदू कोई मुस्लिम नाम के साथ दुकान का नाम रख लेंगे तो हल्ला मच जाएगा और गुस्ताख-ए-रसूल की एक सजा सिर तन से जुदा के नारे लगने लगेंगे।

वीडियो में हालाँकि सुना जा सकता है कि नाजिया सिर्फ मुस्लिम नाम लगाकर उदाहरण दे रही हैं उन्होंने कहीं पैंगबर मोहम्मद के बारे में कुछ नहीं कहा है। उन्होंने मुस्लिम नाम के साथ दुकान का नाम जोड़ सिर्फ पूछा कि क्या अच्छा लगेगा अगर हिंदू ऐसे नाम से दुकान खोल लें। मगर, इस्लामी कट्टरपंथी इसी बात से नाराज हो गए और मामला थाने तक पहुँच गया।

नाजिया ने अपनी वीडियो में थूक जिहाद का खतरा बताते हुए कहा था कि नाम बदलकर कारोबार करने की क्या जरूरत है जिसके मन में चोर होता है वो ही ऐसा करता है। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ के फैसले का समर्थन किया था जहाँ दुकानों पर मालिक का असली नाम लिखने को कहा गया था।

इस इंटरव्यू के बाद इस्लामी कट्टरपंथी उन्हें सोशल मीडिया पर गाली देने लगे। क्रिकेटर शिवम दुबे की बीवी अंजुम खान तक ने उनके खिलाफ जहर उगला। अपनी स्टोरी में अंजुम ने कहा- “अगर नबी के शान में गुस्ताखी होने पर आपको गुस्सा नहीं आता तो अपना ईमान मर चुका है और अगर आपका ईमान जिंदा है तो नाजिया की गिरफ्तारी की माँग करिए।”

इसी तरह अन्य मुस्लिम समूहों ने भी नाजिया के खिलाफ जहर उगला। नतीजा ये हुआ कि नाजिया को धमकियाँ आने लगीं। एजाज असलम नाम के मुस्लिम यूट्यूबर ने भी धमकी दी।

4 सितंबर को सोशल मीडिया पर नाजिया ने बताया जहाँ पूरा देश आरजी कर अस्पताल की डॉक्टर के लिए इंसाफ माँग रहा है, वहीं बंगाल के मुस्लिम उनके खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में कोलकाता पुलिस और टीएमसी नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया था। 

उन्होंने ये भी बताया कि जब उन्हें अलीपुर कोर्ट ले जाया जा रहा था तब लोगों ने उनकी लिंचिंग की कोशिश की। उन्होंने कहा, “पहले मुझे पोर्ट एरिया गार्डन रीच पुलिस स्टेशन से झूठे ईशनिंदा मामले में गिरफ्तार किया गया, फिर कोलकाता पुलिस के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन के अधिकारी की मिलीभगत से अलीपुर कोर्ट में लाखों मुसलमानों को इकट्ठा करके मेरी मॉब लिंचिंग की साजिश रची गई। मेरा गला काटने की साजिश में कई टीएमसी विधायक, मुस्लिम महिला टीएमसी नेता का सीधा हाथ है!”

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