अयोध्या में 30 अक्टूबर 2024 को सरयू नदी के तट पर आयोजित आठवें दीपोत्सव के अवसर पर दो नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने। एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा सरयू आरती करने का और दूसरा सबसे अधिक दीयों को जलाने का।
500 वर्ष बाद भगवान राम के अयोध्या में आगमन में बाद चूँकि यह दीवाली है इसलिए इसे खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। इस विशेष अवसर पर 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू नदी की आरती की, जबकि कुल 25,12,585 मिट्टी के दीये जलाए गए।
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— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) October 30, 2024
Saryu ghat illuminated with more than 25 lakhs of Diyas 🪔 in Ayodhya as part of grand Deepotsav celebration here.
First Diwali in Ayodhya after Ram Mandir inauguration, only possible because of Modi - Yogi duo 🎯pic.twitter.com/H3O42zuqLr
सभी कलाकारों का स्वागत योगी जी अपने परिवार की तरह किया ।
— Ujjaval Tiwari (@Ujjaval4JNP) October 30, 2024
उत्तर प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री पिछले 20 वर्ष पहले ही मिल जाना चाहिए था, आजहम बहुत आगे होते ☺️ pic.twitter.com/S0jhjV35Oi
यह संख्या पहले के रिकॉर्ड से काफी अधिक है। पिछली बार दीपोत्सव पर 22,23,676 दीयों को जलाकर रिकॉर्ड बनाया गया था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक प्रवीण पटेल ने इन नए रिकॉर्डों की पुष्टि की और कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग करके दीयों की संख्या की गणना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सरयू माता की पूजा-अर्चना में भाग लिया और दीपोत्सव में फिर गिनीज रिकॉर्ड बनाने में सबको बधाई दी।
लगता है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता की नब्ज को पढ़ रखी है। क्योकि जिस चेतावनी अंदाज में सनातन विरोधियों को सचेत किया है, जो वास्तव में जनता भी यही चाहती है कि सनातन विरोधियों पर कड़ी कार्यवाही हो। लेकिन इस काम में जनता को भी सरकार का साथ देना होगा। क्योकि सनातन विरोधियों का जब तक सामाजिक बहिष्कार नहीं होगा, इनकी पार्टियों को चुनावों में औंधे मुंह गिराना होगा, ये काम तो जनता को ही करना है किसी सरकार ने नहीं। अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती। दूसरे, विधाता भी इन सनातन विरोधियों के विरुद्ध कुछ लीला रचने को है। क्योकि पहली किसी शंकराचार्य जी महाराज ने हिन्दुओं को इस्लाम की घेराबंदी से सचेत होने को कहना भी बहुत संकेत कर रहा है।(अपने पिछले लेख में पूज्यनीय शंकराचार्य जी का timesnow के नवभारत चैनल का वीडियो) सनातन धर्म कोई बाजार में घूमती हसीना नहीं कि जिसके मन जो आया फब्ती कस दी। सनातन विश्व का सबसे प्राचीनतम सम्मानित धर्म है और अनंतकाल तक रहेगा।
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