रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AMCA के निर्माण कार्यक्रम का जानकारी एक्स पर साझा की (photo- rmoX)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को बनाने वाले कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। ये पाँचवी जेनेरेशन का फाइटर जेट होंगे। इसके जरिए स्वदेशी एयरोस्पेस तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा। रक्षा मंत्री कार्यालय के एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी साझा की गई है।
एक्स पर साझा पोस्ट में लिखा गया है कि भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्री ने उन्नत मध्यम युद्धक विमान (AMCA) कार्यक्रम के एक्जीक्यूशन (निष्पादन) मॉडल को मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय ने एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) को इसे बनाने की मंजूरी दे दी है। ADA के साथ इस 5th जेनेरेशन फाइटर जेट को बनाने में निजी कंपनियाँ भी शामिल हो सकती हैं।
In a significant push towards enhancing India’s indigenous defence capabilities and fostering a robust domestic aerospace industrial ecosystem, Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has approved the Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) Programme Execution Model. Aeronautical… pic.twitter.com/28JEY123M5
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 27, 2025
पोस्ट में यह भी लिखा गया कि स्वदेशी विशेषज्ञता, क्षमता और योग्यता का उपयोग करके AMCA प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।इससे एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए 5th जेनेरेशन वाले AMCA फाइटर जेट के निर्माण के लिए 15,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।
सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम की सफलता से भारत को विदेशी फाइटर जेट पर निर्भर नहीं रहना होगा, बल्कि एयरोस्पेस इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा और स्वदेशी कंपनियाँ भी नई और अत्याधुनिक तकनीक पर काम कर सकेंगी। इससे भविष्य में भारत अपने बनाए फाइटर जेट्स अन्य देशों को बेचने की क्षमता पैदा कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मॉडल के निर्माण के लिए भारतीय कंपनियों के लिए जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी किया जा सकता है। इसके बाद इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने कि लिए भारतीय सरकारी और निजी कंपनियाँ बिडिंग (bidding) में भाग ले सकती हैं। निजी कंपनियाँ ज्वाइंट वेंचर या कंसोर्टियम की तरह भी सम्मिलित हो सकती हैं।
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वायुसेना में लड़ाकू विमानों की कमी पर रक्षा मंत्रालय काफी ध्यान दे रहा है। देश पर अमेरिका और रूस से 5th जेनेरेशन का लड़ाकू विमान खरीदने का भी काफी दबाव है। ऐसे में स्वदेशी लड़ाकू विमान बनाने वाले इस कार्यक्रम से काफी उम्मीदें लगाई जा रही हैं। इसके निर्माण के लिए चुनी गई कंपनियाँ भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती हैं।
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