असम : पादरी ने 16 साल की बच्ची को बंधक बनाकर 12 दिन तक किया बलात्कार : इशाक हापट के खिलाफ FIR; सारे सेक्युलरिस्ट खामोश, क्यों?

                                                                                       प्रतीकात्मक 
संविधान से Secular शब्द हटाने के लिए पाखंडी नेताओं और उनकी पार्टियों द्वारा खूब चीखा-चिल्ली हो रही है। लेकिन समय-समय पर पाखंड सामने आता रहा है। इन पाखंडियों को Secularism तभी दिखाई देता है जब किसी हिन्दू द्वारा दूसरे मजहबों के साथ हुई दुर्घटना होने पर। लेकिन जब उन्ही मजहबों द्वारा किसी दुर्घटना को अंजाम दिया जाता है सबके सब भीखी बिल्ली बन जाते हैं। अब इसे पाखंडी और हिन्दुओं को गुमराह करने वाला Secularism नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए? हिन्दू समाज को इस पाखंड को अच्छी तरह से समझना होगा।   

असम के तिनसुकिया जिले के मार्गेरिटा में पादरी इसहाक हापट ने नाबालिग के साथ लगातार 12 दिन तक रेप किया। पादरी ने 16 साल की लड़की को धमकाकर अपने घर में बँधक बनाकर रखा। फिर रोजाना नाबालिग का उत्पीड़न कर बलात्कार को अंजाम दिया।

घटना 10 जून 2025 की है, जब पादरी की बीवी घर पर नहीं थी। इसका फायदा उठाते हुए नाबालिग को अपने घर ले आया। यहाँ नाबालिग को रोजाना धमकाकर लगातार रेप किया। 22 जून 2025 को लड़की पादरी के चंगुल से भागकर परिवार के पास पहुँची। यहाँ परिवार ने उसकी बिगड़ी हालत देख पूछा तो नाबालिग अपने साथ हुए अत्याचारों की आपबीती सुनाई।

इंडिया टुडे नॉर्थ ईस्ट के अनुसार, पीड़िता के बयान के आधार पर परिजनों ने मार्गेरिटा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मामला उजागर होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश है। पादरी इसहाक हापट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। 

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