अमेरिका का ईरान पर हमला ( फोटो साभार- NYT)
इजरायल ईरान युद्ध में अब अमेरिका सीधे रूप में शामिल हो गया है। अमेरिकी वायुसेना ने फोर्डो, नातांज और इस्फाहन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह एक बड़ा और सफल एयर स्ट्राइक था जिसमें अमेरिका के सभी लड़ाकू विमान सुरक्षित वापस लौट आए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्य निशाना ईरान का अहम परमाणु ठिकाना फोर्डो था जिसे पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। राष्ट्र्पति ट्रंप ने इसे अमेरिकी सेना की उपलब्धि बताया। हमले के बाद अमेरिका ने मिडिल मध्य-पूर्व में अपने सभी एयरबेस को अलर्ट कर दिया है।
अमेरिका के हमलों का UN और यमन ने विरोध किया है। संभव है चीन, रूस और अन्य भी अमेरिका के विरुद्ध आवाज़ उठा सकते हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने शनिवार (21 जून 2025) रात व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु बम बनाने की क्षमता को नष्ट करना और दुनिया में आतंकवाद फैलाने वाले नंबर एक देश के परमाणु खतरे से लोगों को बचाना है। पिछले 40 साल से ईरान अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है और कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं, इसलिए मैंने तय किया है कि अब इसे रोकना ही होगा।”
करीब दो हफ्ते पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के खिलाफ इजरायल के सैन्य हमले की जानकारी दी थी। हालाँकि इसके बाद उन्होने कहा था कोई नहीं जानता कि वह क्या करने जा रहे हैं।
अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक फाइटर जेट्स बी2 बॉम्बर्स को मध्यपूर्व की ओर प्रशांत महासागर में रवाना किया था। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका रणनीति में बदलाव कर सीधा युद्ध में शामिल हो सकता है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को इस हमले के बाद चेतावनी दी है। उन्होने कहा है कि अगर ईरान ने अब भी शांति का रास्ता नहीं अपनाया तो इसके परिणाम और भी ज्यादा भयानक होंगे। ट्रंप ने कहा, “या तो ईरान में शांति होगी या फिर विनाश”
हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की और कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प और मैं अक्सर कहते हैं कि शक्ति के रास्ते ही शांति आती है। पहले शक्ति आती है, फिर शांति आती है।”
President Trump and I often say: ‘Peace through strength.’
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) June 22, 2025
First comes strength, then comes peace.
And tonight, @realDonaldTrump and the United States acted with a lot of strength. pic.twitter.com/7lTWCZkgw7
ईरान ने इस हमले का बाद सरकारी टीवी चैनल के माध्यम से चेतावनी दी है। ईरान ने कहा है कि अब क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक या सैन्यकर्मी ईरान के टारगेट पर हैं।
इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने तीन नामों का जिक्र किया है जिनमें से कोई भी उनके उत्तराधिकारी बन सकते हैं। ये हैं- अलीरेजा अराफी अली असगर हेजाजी, हासिम हुसैनी बुशहरी और अली अकबर वेलायती। ये तीनों मोलवी हैं। इन नामों में खामेनेई के बेटे का नाम शामिल नहीं है।
पहले माना जा रहा था कि खोमेनेई का उत्तराधिकारी उनका बेटा मोजतबा होगा। अब इस बहस पर विराम लग गया है। रिपोर्ट के मुताबिक खामेनेई इस वक्त बंकर में छिपे हुए हैं। उनके आसपास कोई डिवाइस नहीं है ताकि कोई उनके लोकेशन को ट्रेस न कर सके। ये जानकारी ईरान के अधिकारियों ने दी है।
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