कांग्रेस की स्थापना से लेकर आज तक इसके इतिहास को देखा जाये तो (1) मुस्लिम पक्ष की तरफ ज्यादा झुकाओ, (2) दोगलापन और (3) जनता को गुमराह करना आदि आदि क्योकि पार्टी की स्थापना किसी भारतीय ने नहीं ब्रिटिश मूल के नागरिक ने की थी और उसका उद्देश्य भारत को आज़ादी नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम से जनता का ध्यान भटकाना था। अगर ये उद्देश्य नहीं होता तो ब्रिटिश सरकार ने देशद्रोह के इल्जाम में जेल में बंद कर दिया होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसका मतलब समझा जा सकता है, कुछ कहने की जरुरत नहीं और ना ही किसी तर्क वितर्क की। हाथ कंगन को आरसी क्या पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या।
भारत को आज़ादी गाँधी के 'दे दी हमें आज़ादी बिना खड़क बिना ढाल" से नहीं नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु आदि महान क्रांतिकारियों के कारण मिली थी। कांग्रेस के सुरमा भोपाली कहो या चौधरी बने फिर रहे महात्मा गाँधी ने तो ब्रिटिश सरकार से नेताजी को ब्रिटिश सरकार के हवाले करने का समझौता किया था। गाँधी ने किस आधार पर समझौते पर हस्ताक्षर किये थे?(देखिए नीचे कटिंग)
यह साफ-साफ दिखाता है कि कांग्रेस की विचारधारा और नीतियां स्थिर नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए रोजाना बदलती रहती हैं। 2021 में जो आधार लिंकिंग को संविधान विरोधी बताती थी, वही आज इसे चुनाव सुधार का जरिया बता रही है। कांग्रेस का यह दोगलापन और राजनीतिक अवसरवाद इस बात का प्रमाण है कि पार्टी नीति नहीं, केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए काम करती है। जब विरोध करना फायदेमंद था, तब आधार को अवैध बताया, और जब समर्थन से लाभ दिखा, तब उसी आधार को चुनाव सुधार का हथियार बना डाला। सोशल मीडिया पर कांग्रेस की इस दोहरी नीति को लेकर तीखी आलोचना हो रही है। लोग इसे कांग्रेस के दोगलेपन और राजनीतिक छलावे के रूप में देख रहे हैं। आप भी देखिए कांग्रेस के इस दोहरे रवैये को…
2022: कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट गई थी कि आधार कार्ड और वोटर पहचान पत्र को लिंक न किया जाए क्योंकि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
2025: कांग्रेस कह रही है कि आधार कार्ड से नागरिकता साबित नहीं होगी तो कैसे होगी। आधार ही नागरिकता का प्रमाण है।
कोई मतलब है इस बात का? pic.twitter.com/crWyzj1AJR
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 11, 2025
यह देखिए कांग्रेस की दोहरी नीति:
— Arun Yadav (@BeingArun28) July 11, 2025
2021 में: "आधार नागरिकता का सबूत नहीं है, वोटिंग के लिए नहीं होना चाहिए।"
2025 में: "आधार को नागरिकता का प्रमाण मानो और वोटिंग दो।"
सेक्युलर गैंग की सच्चाई: मौका मिले तो संविधान भी तोड़ दें! pic.twitter.com/ahZjCxJoNd
2021 में कांग्रेस कह रही थी
— Social Tamasha (@SocialTamasha) July 11, 2025
"आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, सिर्फ निवास का सबूत है!"
"वोटिंग के लिए इसे आधार मानना गैर-नागरिकों को वोट का अधिकार देना है!"
और आज वही कांग्रेस चाहती है कि
सरकार आधार को नागरिकता का प्रमाण मानकर वोटिंग का अधिकार दे दे! 🤔 pic.twitter.com/FA4HpIgx5U
Congress in 2021 on Aadhaar for Voting
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 11, 2025
"Aadhaar is not proof of Citizenship, it only proves residents"
"If you're asking Aadhaar of Voting, you are giving voting rights to non-citizens".
Same Congress now wants Govt to accept Aadhaar Card as proof of Citizenship and allow vote pic.twitter.com/ZAMrpwnVmD
“Aadhar is only proof of residence, not proof of citizenship…
— Political Kida (@PoliticalKida) July 11, 2025
…Using Aadhar for voting is potentially giving voting rights to non-citizens”
~ Congress in Parliament (2021) pic.twitter.com/Ucif62313P
2021: Govt proposes voluntary linking of Voter ID with Aadhaar
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) July 11, 2025
~ Congress protests inside the Parliament with Placards, says: "Aadhar is just for targeted delivery of benefits. It doesn't allow linkage with the VOTER ID"😂
Today, they want Aadhar to verify Voter ID. HYPOCRISY🤯 pic.twitter.com/vc2g9kHZpd
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