किताब की तस्वीर (बाएँ), धर्मांतरण का साजिशकर्ता जलालुद्दीन छांगुर पीर (दाएँ), (फोटो साभार : FB_AMP News)
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ, जिसमें जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर मुख्य आरोपित है। जाँच एजेंसियों का मानना है कि यह एक बड़ा धर्मांतरण गैंग है। इसका मकसद हिंदुओं का ब्रेनवॉश करके उनका धर्म परिवर्तन करना और उनके नाम पर अवैध जमीन करना था।
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इस केस को दोबारा खोलने की जरुरत है |

‘शिजर-ए-तैयबा’ किताब मिली
न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी ATS को छांगुर पीर के ठिकाने से एक अहम किताब मिली है। इस किताब का नाम ‘शिजर-ए-तैयबा’ है। ATS का मानना है कि यह किताब लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी।
यह किताब खुद छांगुर पीर ने छपवाई थी। इस किताब का मकसद लोगों का ब्रेनवॉश करना था। किताब में ऐसे लोगों का जिक्र किया गया है, जो इस्लाम के लिए अपनी जान दे सकते हैं। किताब में यह भी बताया गया है कि कैसे युवाओं को इस्लाम की तरफ आकर्षित किया जाए। यह किताब विदेशी पैसों से छपी थी।
रिपोर्ट बताती है कि किताब सोशल नेटवर्किंग और धार्मिक कार्यक्रमों के जरिए युवाओं तक पहुँचाई जाती थी, जिससे वे धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारधारा की ओर आकर्षित होते जाए। इस किताब को छपवाने का मकसद ये भी था, कि छांगुर पीर ने ना होने पर उसका गैंग इसके माध्यम से धर्मांतरण का काम जारी रखें।
‘किताब’ नहीं ‘हथियार’ है
पुलिस और ATS ‘शिजर-ए-तैयबा‘ नाम की किताब की गहराई से जाँच कर रही है। उनका मानना है कि यह कोई सामान्य धार्मिक किताब नहीं है। बल्कि, यह एक खतरनाक हथियार है।
इस किताब का इस्तेमाल लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के लिए किया गया। ATS अब यह पता लगा रही है कि इस किताब की कितनी कॉपियाँ बनाई गईं। यह किताबें किन-किन लोगों तक पहुँचीं और कहाँ-कहाँ भेजी गईं।
जाँच एजेंसियों का मानना है कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। इसका मकसद सुनियोजित तरीके से लोगों का धर्मांतरण कराना और कट्टरपंथी सोच फैलाना था।
त्रिशुल और कव्वाली से किया जाता था धर्मांतरण
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस और ED छांगुर पीर के साथियों के बैंक खातों की जाँच कर रही हैं। छांगुर पीर के 4 करीबी दोस्त पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) के जिलों में अवैध तरीके से लोगों का धर्म बदलवाते थे।
यह लोग मजार (दरगाह) जैसी जगहों पर त्रिशूल लगाते थे और कव्वाली गाते थे। ऐसा करने से ये लोगों को इस्लाम की तरफ आकर्षित करते थे और हिंदू धर्म की मान्यताओं को गलत बताते थे। उनका मकसद लोगों को लालच देकर धर्म बदलवाना था।
लड़कियों को ‘प्रोजेक्ट’ कहने का कोडवर्ड
जानकारी के अनुसार, जाँच में खुलासा हुआ कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर अपने साथियों से बात करने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था। वह गरीब, विधवा और प्रेमजाल में फँसी हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर निशाना बनाता था। इन लड़कियों को कोडवर्ड में ‘प्रोजेक्ट‘ कहा जाता था।
धर्मांतरण को ‘मिट्टी पलटना‘ और मानसिक रूप से प्रभावित करने या ब्रेनवॉश करने को ‘काजल करना‘ कहा जाता था। छांगुर पीर से मिलवाने के लिए ‘दर्शन‘ शब्द का इस्तेमाल होता था।
डॉक्टर्स करते खतना
आजतक की रिपोर्ट में एक पीड़िता ने खुलासा किया है कि छांगुर पीर के गैंग के 30-40 लोग अभी भी बाहर हैं। वे बरेली और आजमगढ़ में धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहे हैं।
इस गैंग में कई प्रभावशाली लोग और डॉक्टर भी शामिल हैं। कुछ डॉक्टर हिंदुओं का धर्म बदलकर उनका खतना भी करते थे। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है।
पीड़िता का खुलासा
"I am too powerful to be touched," said Jamaluddin, alias Changur ‘Pir’ Baba, who ran a large dargah in Balrampur.
— Subhi Vishwakarma (@subhi_karma) July 12, 2025
Malti, a Dalit woman, said she bought cloth from Mehboob’s shop in the town. It was defective, so she went to exchange it.
However, the people there sent her to… pic.twitter.com/CtlOZ6whfw
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