क्या नेपाल में Deep State/CIA ने खेला है खेल? पशुपतिनाथ मन्दिर का बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से क्या मतलब? पशुपतिनाथ मंदिर पर हमले की साजिश नाकाम; प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सेना ने संभाली कमान, GenZ प्रदर्शनकारियों को दी चेतावनी

                            पशुपतिनाथ मंदिर पर प्रदर्शनकारियों का हमला (फोटो साभार : NDTV)
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में हुई सत्ता पलटने के हिंसा बहुत कुछ कह रही है जिस पर से पर्दा भी बहुत जल्दी उठने वाला है। आज नेपाल इन उपद्रवियों से पूछ रहा है कि इतनी आगजनी करके किस बेरोजगार को रोजगार मिला और क्या भ्रष्टाचार दूर हो गया? इसकी आड़ में अपने ही देश को कम से कम 25 साल पीछे धकेल दे दिया है। इस नुकसान की भरपाई में देश में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चार गुना बढ़ेगा। जिसे कोई रोक नहीं पाएगा। अगर बेरोजगारी और भ्रष्टाचार समस्या थी तो मंत्रियों से लेकर प्रधानमंत्री तक को इस्तफ़ा देने के लिए मजबूर कर नयी सरकार के गठन पर धरना/प्रदर्शन करना था। आगजनी से क्या मिला? मन्दिर पर हमला किसी ओर इशारा करता है। इस उपद्रव को कहते हैं गुंडागर्दी। उपद्रवियों ने नेपाल के नाम को कलंकित कर दिया।     
नेपाल में भड़की हिंसा के बीच प्रधानमंत्री केपी ओली ने इस्तीफा दिया, जिसके बाद देश की कमान वहाँ की नेपाली सेना ने संभाली है। सेना ने चेतावनी भी दी कि अगर हिंसा-लूटपात बंद नहीं हुई, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, पीएम नरेंद्र मोदी समेत UN के महासचिव ने शांति बनाए रखने की अपील की है। GenZ प्रदर्शनकारियों ने पशुपतिनाथ मंदिर पर भी हमला किया।

इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में हुई थी। इस हिंसा में 22+ लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए।

नेपाली सेना ने संभाली सुरक्षा की कमान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बावजूद हिंसा जारी रहने पर, नेपाली सेना ने मंगलवार (9 सितंबर 2025) रात 10 बजे से देश की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने देश के नाम अपने संबोधन में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।

सेना प्रमुख ने चेतावनी दी कि अगर हिंसा, लूटपाट और आगजनी बंद नहीं हुई, तो सेना सख्त कार्रवाई करेगी। सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ समूह इस स्थिति का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, हिंसक प्रदर्शनों के दौरान असामाजिक तत्वों ने पशुपतिनाथ मंदिर जैसे ऐतिहासिक और राष्ट्रीय धरोहरों को भी निशाना बनाने की योजना बनाई। तस्वीर में आपको प्रदर्शनकारी मंदिर के गेट पर तोड़फोड़ करते हुए सफाई दिखाई दे रहे होंगे। हालाँकि, सेना की तैनाती से इसे रोका गया।

भारत और यूएन की प्रतिक्रिया

नेपाल की स्थिति पर भारत और संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता व्यक्त की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नेपाल में हुई हिंसा हृदयविदारक है और इसमें कई युवाओं की जान गई है, जिससे उन्हें बहुत पीड़ा हुई है। उन्होंने नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि को भारत के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए, सभी नेपाली भाई-बहनों से शांति बनाए रखने की विनम्र अपील की।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने भी इस स्थिति पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे नेपाल में हो रही घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं और हिंसा में जानमाल के नुकसान से वे बहुत दुखी हैं। उन्होंने अधिकारियों से मानवाधिकारों का पालन करने और हिंसा को रोकने के लिए संयम बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होने चाहिए, जिसमें जीवन और संपत्ति का सम्मान हो।

नेपाल में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत ‘स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस’ नामक एक छात्र संगठन ने की थी। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और कई राजनेताओं के घरों को आग लगा दी। इस हिंसा में 22 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों से अधिक लोग घायल हुए।

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