कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक खरगे ने गुजरात और असम के लोगों के खिलाफ की नस्लवादी टिप्पणी, कहा- इन राज्यों में नहीं है कोई ‘प्रतिभा’ और ‘इकोसिस्टम’

आखिर कांग्रेस कब तक भेदभाव कर जनता को गुमराह करती रहेगी? क्या कांग्रेस को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है? बाप मल्लिकार्जुन सनातन के विरुद्ध बोलता है तो बेटा प्रियांक राज्यों के विरुद्ध। क्या इस तरह की जहरीली मानसिकता से कांग्रेस को एकजुट रख सकती है या देश को तोड़ने का षड़यंत्र कर रही है? क्या इस तरह की जहरीली विभाजनकारी बोली बोलकर गाँधी परिवार के प्रति अपनी अंधभक्ति दिखाई जा रही है?  
गुजरात और असम में स्थापित सेमीकंडक्टर संयंत्र इस साल के अंत तक सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन शुरू कर देंगे। कांग्रेस इसे नहीं पचा पा रही है। कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने एक बार फिर इन संयंत्रों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा ने कर्नाटक से ये संयंत्र ‘छीन’ लिए हैं। इन संयंत्रों का वे पहले भी विरोध कर चुके हैं। रविवार(अक्टूबर 26) को उन्होंने नस्लवादी टिप्पणी की और कहा कि गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए कोई ‘प्रतिभा’ नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे ने सवाल उठाया कि क्या इन राज्यों में प्रतिभाओं का भंडार है? उन्होंने मोदी सरकार पर कर्नाटक से सेमीकंडक्टर निवेश हटाने का आरोप लगाया। शनिवार(अक्टूबर 25) को बेंगलुरु में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, खड़गे ने केंद्र से उद्योगों को गुजरात और असम की ओर कथित तौर पर ‘ठेलने’ को लेकर स्पष्टीकरण माँगा। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक या तमिलनाडु को प्राथमिकता देने के बावजूद उद्योगपतियों को वहाँ भेजा जा रहा है।

खड़गे ने कहा, “सेमीकंडक्टर उद्योग जब बेंगलुरु आना चाहते हैं, तो असम और गुजरात क्यों जा रहे हैं? मैंने यह मुद्दा पहले भी उठाया है। कर्नाटक में आने वाला सारा निवेश केंद्र सरकार गुजरात जाने के लिए मजबूर कर रही है। गुजरात में क्या है? क्या वहाँ प्रतिभा है? असम में क्या है? क्या वहाँ प्रतिभा है?” उन्होंने आगे कहा, “जब उद्योगपति आवेदन दे रहे हैं कि वे कर्नाटक या तमिलनाडु आना चाहते हैं, तो उन्हें गुजरात क्यों भेजा जा रहा है?”

खड़गे की टिप्पणियों को अपमानजनक और विभाजनकारी करार देते हुए निंदा की गई है। असम के मंत्री जयंत मल्लाबरुआ ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस पर असम से नफरत करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस हमेशा से असम की प्रगति से नफरत करती रही है। जब भी राज्य एक कदम आगे बढ़ता है, कांग्रेस उसे पीछे खींचने की कोशिश करती है!” उन्होंने इसे हर मेहनती असमिया युवा का घोर अपमान बताया।

असम बीजेपी के एक अन्य नेता और मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि खड़गे की टिप्पणी आश्चर्यजनक नहीं है, और यही कांग्रेस का असली चेहरा है। उन्होंने कहा, “एक ऐसी पार्टी जिसने हमेशा असम और पूर्वोत्तर को हीन माना है, हमारी क्षमता को नजरअंदाज किया है और हमारे विकास में बाधा डाली है। इस क्षेत्र के प्रति उनका तिरस्कार इतिहास में गहराई तक समाया हुआ है और आज उनके शब्द इसकी पुष्टि ही करते हैं।”

हजारिका ने यह भी याद दिलाया कि खड़गे के पिता मल्लिकार्जुन खड़गे ने असम के महानतम नेताओं में से एक डॉ. भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिए जाने का विरोध किया था। इससे पता चलता है कि खरगे परिवार में असम विरोधी भावनाएँ अंदर तक समाई हुई हैं।

यह पहली बार नहीं है जब खड़गे ने भारत के उभरते सेमीकंडक्टर उद्योग को कुछ राज्यों स्थापित करने के बजाए, देशभर में लगाए जाने का विरोध किया हो। पिछले साल सितंबर में, उन्होंने कहा कि स्किल का कोई इकोसिस्टम नहीं होने के बावजूद गुजरात को 4 और असम को 1 सेमीकंडक्टर इकाइयाँ मिलीं।

उन्होंने ट्वीट किया था, “पाँच सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयाँ, जिनमें से चार गुजरात में और एक असम में हैं, लेकिन वहाँ स्किल का कोई इकोसिस्टम नहीं है। उनके पास अनुसंधान का कोई परिस्थिति की तंत्र नहीं है। उनके पास इनक्यूबेशन का कोई पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है। उनके पास नवाचारों का कोई पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है…जब चिप डिज़ाइनिंग की 70% प्रतिभा कर्नाटक में है, तो मुझे समझ नहीं आता कि सरकार राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके उन्हें दूसरे राज्य में क्यों धकेलना चाहती है। यह अनुचित है।”

इस पोस्ट पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर असम के विकास का विरोध करने का आरोप लगाया।

सरमा ने X पर लिखा, “एक बार फिर, कांग्रेस असम के विकास का विरोध करके अपना असली रंग दिखा रही है। कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक खरगे ने दावा किया है कि असम को सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने का कोई अधिकार नहीं है! मैं असम के कांग्रेस नेताओं से आग्रह करता हूँ कि वे इस विभाजनकारी सोच को खारिज करें और असम के उचित विकास और प्रगति के लिए खड़े हों।”

गौरतलब है कि देश में कई कंपनियाँ अपने सेमीकंडक्टर संयंत्र विकसित कर रही हैं। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात के धोलेरा में एक चिप निर्माण इकाई स्थापित कर रही है। कंपनी असम के जगीरोड में एक सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा भी स्थापित कर रही है।

इसके अलावा, माइक्रोन टेक्नोलॉजी गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है, सीजी पावर गुजरात के साणंद में एक इकाई स्थापित कर रही है, केन्स सेमीकॉन भी साणंद में एक संयंत्र स्थापित कर रही है, और एचसीएल, फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी कर उत्तर प्रदेश के जेवर में एक सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।

सेमीकंडटर संयंत्र केवल गुजरात और असम में स्थापित नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि ये महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी स्थापित किए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस नेता असम और गुजरात को ही टारगेट क्यों कर रहे हैं, ये ध्यान देने वाली बात है।

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