प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती से आगे बढ़ रही है। वैश्विक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद भारत ने विकास के पथ पर मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत की रूस से तेल खरीद को लेकर की गई आलोचना और “Dead Economy” वाले बयान पर विश्व बैंक ने करारा जवाब दिया है। ट्रंप के इन बयानों की हवा अमेरिका की अपनी ही एजेंसी विश्व बैंक ने निकाल दी है। प्रेसिडेंट ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने और भारत की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने के दावे को नकारते हुए विश्व बैंक ने 7 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट में भारत की चालू वित्त वर्ष 2025-26 की वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता खर्च, कृषि उत्पादन और सरकार द्वारा किए गए टैक्स सुधारों की वजह से भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
6.9% की रफ्तार से दौड़ेगी इंडिया की इकोनॉमी- Fitchअमेरिकी रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि इससे भारत की ग्रोथ न तो रुकने वाली है और न ही धीमी पड़ने वाली। उल्टा, एजेंसी ने वित्तवर्ष 26 के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है, जो अमेरिका की इस टॉप क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के इसी साल जून में 6.5 प्रतिशत ग्रोथ अनुमान से 40 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है। इसके साथ ही फिच ने अगले वित्त वर्ष 2027 को लेकर कहा है कि इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 6.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 28 में 6.2 प्रतिशत रह सकता है। फिच का अनुमान है कि भारत की ग्रोथ का सबसे बड़ा इंजन घरेलू मांग होगी। फिच ने कहा है कि भारत की बाहरी मांग पर कम निर्भरता और पर्याप्त आत्म-निर्भरता के कारण अर्थव्यवस्था इसके व्यापक असर से बची रहेगी।
विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत- फिचफिच ने हाल ही में यह भी कहा है कि अगले कुछ सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। फिच ने इसके पहले भारत की संप्रभु रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश का विकास मजबूत दिख रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ के स्तर पर रखा है। फिच ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को पिछले साल के बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद मिली है।
ट्रंप की टैरिफ का भारत की ग्रोथ पर नहीं पड़ेगा कोई असर- S&Pइतना ही नहीं इसके पहले हाल ही में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी कहा कि भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ का देश पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी- S&P) ने साफ कहा कि अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामान पर जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है, उसका इंडिया की ग्रोथ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा ट्रंप का टैरिफS&P ग्लोबल रेटिंग्स की डायरेक्टर यीफार्न फुआ ने साफ-साफ कहा कि भारत एक एक्सपोर्ट-केंद्रित इकोनॉमी नहीं है। मतलब ये कि भारत की पूरी अर्थव्यवस्था अमेरिका को सामान बेचने पर निर्भर नहीं करती। उन्होंने बताया कि भारत का अमेरिका को होने वाला निर्यात जीडीपी का सिर्फ 2 प्रतिशत है– यानी बहुत ही कम।
भारत की ग्रोथ की असली ताकत बड़ा घरेलू बाजारइतना ही नहीं, फार्मास्यूटिकल्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे भारत के बड़े और अहम निर्यात सेक्टर, इस टैरिफ के दायरे से बाहर रखे गए हैं। इसका मतलब है कि भारत के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले प्रोडक्ट्स को ट्रंप के इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, भारत की ग्रोथ की असली ताकत है उसका बड़ा घरेलू बाजार और तेजी से बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर- न कि सिर्फ एक्सपोर्ट।
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत- S&Pपिछले साल एजेंसी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर पॉजिटिव आउटलुक में कर दिया था। अब एजेंसी का कहना है कि इस टैरिफ के चलते रेटिंग में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा, क्योंकि भारत की इकोनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत हैं और लॉन्ग टर्म में टैरिफ जैसे कदमों का कोई बड़ा असर नहीं होगा।
S&P ने जताया भरोसा- 2025 में 6.5 प्रतिशत रहेगी GDP ग्रोथ
इतना ही नहीं एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने अपनी ताजा एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि भारत में घरेलू मांग में मजबूती और मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद के कारण अर्थव्यवस्था को वैश्विक चुनौतियों के बावजूद गति मिल रही है। इसके पहले अमेरिका की शुल्क नीति पर अनिश्चितता को लेकर एसएंडपी ने मई 2025 में भारत की वृद्धि का अनुमान कम कर 6.3 प्रतिशत कर दिया था।
हैरानी की बात यह भी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस इकोनॉमी को डेड बता रहे हैं, उसी भारत की इकोनॉमी को उनके देश की एजेंसियां ही सबसे तेज और सशक्त बता रही हैं। एसएंडपी ग्लोबल के साथ ही हाल ही में टॉप 2 अन्य शीर्ष अमेरिकी रेटिंग एजेंसियों गोल्डमैन सेक व मॉर्गन स्टेनली ने भी भारत की अर्थव्यवस्था को सबसे सशक्त बताया है। हाल में आईएमएफ ने भी कहा है कि भारतीय इकोनॉमी सबसे तेजी से बढ़ रही है और 2025-26 में 6.4% दर से बढ़ेगी। जबकि अमेरिकी ग्रोथ रेट 2.9% है।
भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर टिकी होने से असर सीमित रहेगाविशेषज्ञों के मुताबिक भारत की आर्थिक विकास दर, निर्यात और कंपनियों की कमाई पर टैरिफ का ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैश, नोमुरा और बार्कलेज ने भी अपनी रिपोर्ट में ट्रंप टैरिफ से भारत की जीडीपी में 0.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आने का अनुमान लगाया है। नोमुरा का मानना है कि टैरिफ का भारत पर कम असर होगा और इससे विकास दर में सिर्फ 0.2 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। बार्कलेज और गोल्डमैन सैश का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था का घरेलू मांग पर टिकी होने से असर सीमित रहेगा।
2030 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- एसएंडपी
इसके पहले रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने कहा कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। एसएंडपी ने ‘ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024: न्यू रिस्क, न्यू प्लेबुक’ रिपोर्ट में कहा कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और यह अगले तीन सालों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है जो भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।हाल ही में एसएंडपी ने ‘चाइना स्लोज इंडिया ग्रोथ’ नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन नहीं, बल्कि भारत एशिया-प्रशांत का विकास इंजन बनेगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का वृद्धि इंजन चीन से हटकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2026 तक बढ़कर सात प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन के लिए इसके सुस्त पड़कर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एसएंडपी ने हाल ही में यह भी कहा है कि भारतीय इकोनॉमी साल 2031 तक बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने अगस्त वॉल्यूम रिपोर्ट ‘लुक फॉरवर्ड इंडिया मोमेंट’ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह जानकारी साझा की है। एजेंसी ने कहा है कि विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होने से प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ जाएगी। 2031 तक भारत पर कैपिटा जीडीपी 2500 से बढ़कर 4500 डॉलर तक हो जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनिया भर में छाई अनिश्चितताओं के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यह कहते हुए इस साल 2025 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले अप्रैल 2025 में जारी अपनी रिपोर्ट में IMF ने भारत की विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। IMF ने अपनी जुलाई 2025 की विश्व आर्थिक परिदृश्य (World Economic Outlook) अपडेट में कहा है कि भारत की इस बढ़ी हुई वृद्धि दर से यह साफ है कि देश वैश्विक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। इस वृद्धि से भारत के समक्ष आने वाले वर्षों में निवेश, निजी उपभोग और सार्वजनिक निवेश को समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट से यह भी संकेत मिलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत बनी हुई है और जल्द ही विश्व की प्रमुख आर्थिक ताकतों में अपनी स्थिति और भी मजबूत करेगा।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ( डब्ल्यूईएफ- WEF) के प्रमुख और सीईओ बोर्गे ब्रेंडे ने कहा है कि आर्थिक सुधारों के बल पर भारत की विकास दर सात से आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है। स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से पहले उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं और अगले कुछ वर्षों में ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
#WEF के प्रेसिडेंट और CEO बोर्गे ब्रेंडे ने #NDTV से बात करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि कुछ वर्षों में भारत कुल ग्लोबल ग्रोथ का 20% हिस्सा होगा.#Davos2025
— NDTV Profit Hindi (@NDTVProfitHindi) January 20, 2025
LIVE पढ़ें: https://t.co/gqB9NguAHn pic.twitter.com/bc2OElxE0b
No comments:
Post a Comment