भारत से जंग में पाकिस्तान की हार पक्की बताई खूफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाको ने (साभार : Indiatv, NBC, Amritvichar)
अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकू ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जॉन किरियाकू ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत से जंग में उसे कुछ हासिल नहीं होगा, क्योंकि वह एक पारंपरिक युद्ध में हार जाएगा। इस बात को पाकिस्तान भी अच्छी तरह जानता है शायद इसीलिए guerilla war(आतंकवाद) खेल भारत की नाक का बाल बना हुआ है।
किरियाकू ने यह भी बताया कि Pentagon (अमेरिकी रक्षा विभाग) पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण रखता है, जबकि भारत को इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी। जॉन किरियाकू ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाता है और हर हमले का जवाब देता है।
Pentagon के हाथों में पाकिस्तान का परमाणु नियंत्रण
जानकारी के अनुसार, किरियाकू ने एक बड़ा खुलासा किया कि जब वह 2002 में पाकिस्तान में तैनात थे, तब उन्हें अनौपचारिक रूप से बताया गया था कि Pentagon पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को कंट्रोल करता है। किरियाकू ने कहा कि भारत को इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी। किरियाकू ने आगे कहा, “मुझे नहीं लगता कि अमेरिका ने कभी भारत को बताया होगा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर उसका कंट्रोल है, क्योंकि पाकिस्तान हमेशा यह दावा करता रहा है कि उसके परमाणु हथियारों पर उसका खुद का अधिकार है।”
भारत के सख्त जवाब की सराहना
किरियाकू ने कहा कि भारत ने हमेशा आतंकी हमलों पर कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में आतंक पर सर्जिकल स्ट्राइक (2016), बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019) और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों से साफ कर दिया कि वह पाकिस्तान की परमाणु धमकी से नहीं डरता। किरियाकू ने आगे कहा कि भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह किसी भी आतंकी हमले का निर्णायक जवाब देगा।
किरियाकू ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान (AQ Khan) का भी जिक्र किया। किरियाकू ने कहा कि AQ खान पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से गहराई से जुड़े थे। अमेरिका चाहे तो इजरायल की तरह उन्हें खत्म कर सकता था, लेकिन सऊदी अरब की सरकार के दबाव के कारण ऐसा नहीं किया गया।
जॉन किरियाको कौन हैं
जॉन किरियाको अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी हैं। उन्होंने 15 साल तक CIA में काम किया। शुरुआत में वह जानकारी इकट्ठा करने वाले विश्लेषक थे, लेकिन 9/11 हमलों के बाद उन्हें पाकिस्तान में आतंकवाद-रोधी अभियानों का प्रमुख बना दिया गया। वहाँ किरियाको ने अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों पर नजर रखी, खासकर पेशावर, कराची, लाहौर, फैसलाबाद और क्वेटा जैसे इलाकों में।
बाद में वह CIA के संचालन उपनिदेशक के कार्यकारी सहायक बने। साल 2007 में किरियाको ने एक बड़े राज का खुलासा किया। किरियाको ने राष्ट्रीय टीवी पर बताया कि CIA पूछताछ के दौरान कैदियों पर यातना (टॉर्चर) करती थी, जैसे पानी चढ़ाना जैसी क्रूर तकनीकें इस्तेमाल की जाती थीं। इस खुलासे के बाद उन पर कानूनी कार्रवाई हुई और उन्हें 23 महीने की जेल हुई। जॉन किरियाको कहते हैं कि उन्हें अपने खुलासे पर कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि उन्होंने यह सब सच्चाई सामने लाने के लिए किया था।
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