राकेश किशोर (बाएँ) और CJI गवई (दाएँ) (फोटो साभार- ANI/MInt)
मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने भगवान विष्णु पर विवादित टिप्पणी कर जो फूस में चिंगारी छोड़ी है उसे शांत करने में कितने मुख्य न्यायाधीशों को झुलसना पड़ेगा यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। अयोध्या में रामजन्मभूमि मन्दिर विवाद और नूपुर शर्मा केस से सोशल मीडिया पर एक बात बहुत गरमाई हुई है कि हिन्दुओं के संयम की अग्नि परीक्षा मत लो। "सिर तन से जुदा" नारे को समर्थन देने पर क्या कार्यवाही की? कन्हैया लाल के कातिलों को अब तक क्यों नहीं फांसी हुई? है सुप्रीम कोर्ट के पास कोई जवाब? बस सनातन के विरुद्ध सारे कानून और दलाल वकीलों की बहार आ जाती है?
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 अक्टूबर 2025) को कार्यवाही के दौरान CJI पर जूता फेंकने के आरोपित वरिष्ठ वकील राकेश किशोर ने अब कहा, ”मैं बेहद गौरवान्विंत हूँ कि भगवान ने इसके काम के लिए 100 करोड़ हिंदुओं में से सिर्फ मुझे चुना, मैं न झुकूँगा न डरूँगा, भगवान विष्णु के लिए खजुराहो जाकर अनशन करूँगा। मेरी तैयारी पूरी है इसके लिए मुझे भगवान से आदेश प्राप्त हो गया है।“
घटना से बाद से ही हम आरोपित वकील का इंटरव्यू करने के प्रयास में थे लेकिन तीसरे दिन (गुरुवार 9 अक्टूबर) आरोपित वकील डॉ. राकेश किशोर से उनके मयूर विहार स्थित आवास पर मुलाकात हुई इससे पहले सोसायटी के गेट पर सुरक्षाकर्मी ने पूरी जाँच पड़ताल और वकील से बात कराने के बाद ही हमें अंदर जाने दिया।
दरवाजे पर घँटी बजाने पर बाहर आए वकील डॉ. राकेश किशोर ने जालीदार गेट के अंदर से पूरा परिचय और उद्देश्य जानने के बाद ही हमें अंदर बुलाया। इसके बाद उनकी पत्नी और वहाँ पहले से मौजूद एक उनके दोस्त ने हमारी पूरी पड़ताल के बाद ही कैमरे पर हमसे बात करने के लिए तैयार हुए।
हाल चाल पूछने पर वकील डॉ. राकेश किशोर अपनी जान पर खतरा बताते हुए कहते हैं कि कुछ लोग हमेशा सर तन से जुदा करने में दिलचस्पी रखते हैं। मुझ पर कभी भी अटैक हो सकता है मुझे लगातार धमकियाँ मिल रही हैं हो भी सकता है कि सनातन की आवाज हमेशा के लिए बंद हो जाए। मैंने डर के कारण बाहर जाना यहां तक कि बाहर टहलना भी बंद कर दिया है, लेकिन भगवान पर भरोसा रखते हुए एक शेर सुनाते हैं…
फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे,
वो चिराग क्या बुझे जिसकी हिफाजत खुदा करे।।
आगे डॉ. किशोर कहते हैं कि भगवान के आदेश से मैं खजुराहो अनशन के लिए जा रहा हूँ तैयारी पूरी कर ली है। अपने भगवान विष्णु की प्रतिमा को फिर से स्थापित कराने के लिए मैं जान भी देने के लिए तैयार हूँ। इस जन्म में यह काम नहीं हुआ तो एक-दो जन्म लेकर करूँगा।
डॉ. राकेश किशोर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कथन-करनी में अंतर आ गया है। नुपूर शर्मा की जिंदगी आज तबाह हो गई है। वो अंडर ग्राउंड है। वो कहाँ है उसका परिवार कहाँ है किसी को नहीं पता ऐसी जिंदगी कौन जीना चाहेगा? ये सब एक सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के कारण हुआ। कोर्ट ने नुपूर शर्मा को तो फटकार लगा दी, लेकिन जिन लोगों ने सर तन से जुदा की धमकी दी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वो(नुपूर शर्मा) बेचारी मर-मर के जी रही है। उधर कन्हैयालाल की हत्या करके हत्यारों ने वीडियो बनाया, लेकिन उसके हत्यारे आज भी आजाद घूम रहे हैं।
इससे साफ है कि बात सनातन की कोर्ट में आती है तो जज साहब टिप्पणी करते हैं और बात जब सर तन से जुदा वालों की आती है तो चुप्पी साध लेते हैं। हिम्मत है तो दूसरे लोगों के लिए टिप्पणी करके देखिए, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा।
डॉ. राकेश किशोर ने कहा कि इस देश में सनातन की आज ये जो हालत है वह इसलिए कि हम सनातन के अपमान पर आज तक चुप रहे और सिर्फ लेख लिखते रहे कभी कोई कदम नहीं उठाया।
डॉ. राकेश किशोर ने कहा, “वो(मुस्लिम) गजवा ए हिंद की तैयारी कर रहे हैं। वह भारत को ईरान की तरह बनाना चाहते हैं। इसकी एक झलक मैंने अपनी आँखों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और झारखंड में देखी है। 1947 में मुस्लिम देशों की संख्या 10-12 थी लेकिन आज उनकी संख्या 57 हो गई है। ये अब देश के युवाओं की चिंता है कि अगर कल को भागना पड़े तो वह भारत से कहाँ जाएँगे?”
माफ करने पर CJI को नहीं कहूँगा शुक्रिया
‘जूता कांड’ के बाद CJI बीआर गवई द्वारा खुद को माफ करने पर डॉ. किशोर कहते हैं, “मैं उन्हें शुक्रिया अदा नहीं करूँगा क्योंकि उन्होंने मुझे इसलिए माफ किया है कि वह नवंबर माह में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद वह मेरी तरह सामान्य वकील हो जाएँगे। जब मैं अपना केस लड़ते हुए इनसे कोर्ट में सवाल करूँगा तो वह मेरे सवालों का सामना नहीं कर पाएँगे। उन्हें पता है कि मैं एक ईमानदार हूँ और मैं इनकी(CJI) की कलई खोल सकता हूँ। हालाँकि मुझे फँसाने और गिरफ्तार किए जाने के लिए नए तरीके से प्रयास हो रहे हैं। मेरे खिलाफ कर्नाटक में भी मुकदमा लिखवाया गया है, लेकिन मैं इनसे डरने वाला नहीं हूँ। मैं गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हूँ।”
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