‘अचानक बेड से उठा, मेरी ब्रेस्ट छूने लगा’: आतंकियों और देशद्रोहियों के मानवाधिकारों की बात करने वाली इंदिरा जयसिंह के सहयोगी पर ट्रांसजेंडर महिला वकील ने लगाए यौन शोषण के आरोप

             इंदिरा जयसिंह के सहयोगी भट्ट पर यौन उत्पीड़न का आरोप ( फोटो साभार- ET n India today)
आतंकियों और देशद्रोहियों के मानवाधिकारों की बात करने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह अपने सहयोगी वकील रोहिन भट्ट पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पर खामोश हैं। ये आरोप एक ट्रांसजेंडर महिला वकील राघवी ने लगाए हैं।

रोहिन भट्ट पर यौन उत्पीड़न का आरोप

सोशल मीडिया पर राघवी ने एक के बाद एक कई पोस्ट डाले हैं। इसमें कहा गया है कि समलैंगिक मामलों के अधिकारों की माँग करने वाले एक्टिविस्ट रोहिन भट्ट ने राघवी का यौन शोषण किया।
राघवी ने लिखा है कि दो साल पहले उनके साथ शर्मनाक हरकत की गई थी। उस वक्त वह कानून की पढ़ाई कर रही थी और हार्मोन थरेपी ले रही थी। दिल्ली में रोहिन भट्ट का कोई स्थायी घर नहीं था। इसलिए भट्ट दोस्तों के घर लाजपत नगर में रह रहा था। दरअसल ये दोस्त राघवी के भी दोस्त थे। उन्होंने राघवी को मिलने के लिए बुलाया था। वह जब मिलने पहुँची, तो उसने अपने दोस्तों से हार्मोन थरेपी से होने वाले शारीरिक बदलाव के बारे में बतलाया। उसने बताया कि उसके ब्रेस्ट अब बड़े होने लगे हैं। बेड पर लेटा भट्ट अचानक उठ गया और उसके ब्रेस्ट को छूने लगे। उसने पूरे शरीर को गलत तरीके से छूआ।
राघवी के मुताबिक, “वह काफी सकते में आ गई। वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ क्या हुआ। मेरे दोनों दोस्त भी काफी शॉक्ड थे। उन दोनों ने कुछ देर चुप रहने के बाद मुझे नॉर्मल किया और भट्ट से कहा कि आज के बाद कभी ऐसी हरकत किसी महिला के साथ नहीं करना। भट्ट खुद को सही साबित करने के लिए कहता रहा कि वह मजाक कर रहा है।”
राघवी के मुताबिक, उस वक्त समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। इस तरह की हरकत के लिए कानून में क्या सजा है, ये समझ नहीं आ रहा था। उसने दोस्तों से बात की, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला।
इसी तरह समय बीता। लेकिन पीड़िता के अंदर दहशत बैठ गया। कुछ दूसरे दोस्तों से बात हुई, जो भट्ट के भी दोस्त थे। दोस्तों ने भट्ट को लोगों को न छूने की सलाह दी। भट्ट ने इसे नजरअंदाज किया। पीड़िता के मुताबिक, “उसके पास माफी माँगने का मौका था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। मैंने उसे हर जगह नजरअंदाज करने की कोशिश की। वर्क प्लेस से लेकर दोस्तों के बीच भी। काफी वक्त तक मैं खुद से लड़ती रही। एक दिन मैंने उसका इंटरव्यू देखा। मुझे उसका अमानवीय चेहरा याद आ गया। वह उस वक्त रेप और उत्पीड़न पर बात कर रहा था।”
हाल ही में जब राघवी का रोहिन भट्ट से आमना-सामना हुआ, तो पुराने घाव याद आ गए। राघवी के मुताबिक, “उसने सोचा कि अब वह आवाज बुलंद करेगी। कुछ दिन इसमें बीत गया कि कैसे एक पुरुष ‘क्लास प्रिविलेज’ मिलने के बाद दूसरों को कुछ नहीं समझता है। उसे ट्रांसजेंडर और महिलाओं के अधिकारों का कोई ख्याल नहीं रहता है।”
राघवी का कहना है कि भट्ट ने एक महिला के इमोशन की परवाह नहीं की। न ही कभी माफी माँगी।

कौन है रोहिन भट्ट

रोहिन भट्ट समलैंगिकों के अधिकारों को सुप्रीम कोर्ट में लड़ने वाला वकील और एक्टविस्ट है। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर का सहयोगी रहा रोहिन भट्ट की पहचान LGBTQIA+ समुदाय के लोगों के रिश्ते और शादी को कानूनी मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने से बनी। रोहिन भट्ट जुलाई 2022 से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के चैंबर में काम करता है। वह कानूनी और रिसर्च सहायता देता है।
उसने दो मामले, समीर समुद्र द्वारा दायर याचिका और नितिन करणी द्वारा दायर याचिका का मसौदा तैयार किया था। वह सेम सेक्स मैरिज केस में वादियों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखता रहा है। बोस्टन के हार्वर्ड लॉ स्कूल में बायोएथिक्स में मास्टर्स करने वाले भट्ट को इंदिरा जयसिंह ने भारत में पहली नौकरी दी।
रोहिन खुद भी समलैंगिक है। रोहिन का जन्म गुजरात के भावनगर में हुआ। उसके पिता एक सिविल सेवक थे और माँ एक कॉलेज लेक्चरर थीं। रोहिन ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स गांधीनगर और उदगाम स्कूल अहमदाबाद से पूरी की।
उसका कहना है कि स्कूल में उसे धमकाया गया था। उसके समलैंगिक दोस्त थे, जो उसे डेटिंग ऐप्स के माध्यम से मिले थे। हालाँकि वह समलैंगिकों के आयोजनों से दूर रहता था। 2021 में हार्वर्ड में प्रवेश मिलने के बाद वह दहशत से बाहर आ पाया।
समलैंगिकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले समलैंगिक रोहिन भट्ट पर एक समलैंगिक महिला ने ही यौन उत्पीड़न का आरोप लगा कर बताया है कि कैसे ‘उच्चवर्ग वाले’ वकील महिलाओं और ट्रांसजेंडर को अपने पैर की जूती समझते हैं।

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