जिहादी डॉक्टर आदिल ( फोटो साभार- chatgpt)
दिल्ली कार ब्लास्ट और आतंकी डॉक्टरों के मॉड्यूल की लगातार गिरफ्तारी के बीच एक हिन्दू डॉक्टर प्रियंका शर्मा से पूछताछ के बाद सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा फैलाने का दौर शुरू हो गया है। हालाँकि प्रियंका शर्मा को अब छोड़ भी दिया गया है। डॉक्टर प्रियंका के परिजनों के मुताबिक, ये पूछताछ जम्मू कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार जिहादी डॉक्टर आदिल अहमद के बारे में जानने के लिए की थी।
लालकिला ब्लास्ट और 2900 किलो विस्फोटक जमा करने के मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टरों के नाम आए। अब तक गिरफ्तार सभी डॉक्टरों के बारे में जो पता चला है, उसके अनुसार ये सभी इस्लामी कट्टरपंथी हैं। ये देश के सरकारी कॉलेजों में पढ़कर, करीब 90 फीसदी सब्सिडी के पैसों से एमबीबीएस और पीजी की डिग्री ली। मानवता की सेवा का प्रण लिया और निकल गए जिहादी बनकर देश को बर्बाद करने के लिए।
इन डॉक्टरों के खिलाफ देशभर में गुस्सा का माहौल है। एक के बाद एक मिल रहे सबूत इन डॉक्टरों के जिहादी होने की कहानी कह रहे हैं। ऐसे में एक हिन्दू डॉक्टर प्रियंका को हिरासत में लेकर की गई पूछताछ के बाद प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई है। दिल्ली ब्लास्ट के बाद आतंकियों से जुड़े इस मामले में पुलिस ने हजारों लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। जहाँ इन आतंकियों ने काम किया, जहाँ से पढ़ाई की, उन जगहों पर काम करने वाले लोगों से रूटीन पूछताछ की जा रही है। हालाँकि, वे सभी संदिग्ध नहीं माने जा रहे हैं।
वहीं, जब प्रियंका का नाम इसमें आया तो प्रियंका का नाम लेकर सनातन को आतंकवाद से जोड़ कर दिखाने की कोशिश की जा रही है। ये कहा जा रहा है कि सिर्फ मुस्लिम ही आतंकी नहीं होते, हिन्दू भी हो सकते हैं।
जब नाम अरबाज़ हो, फ़र्ज़ी पासपोर्ट मिले और एक बम बरामद हो —
— Mirza (@MuzahidWrites) November 16, 2025
तो पूरा मीडिया स्टूडियो हिला देता है।
लेकिन जब नाम प्रियंका शर्मा हो,
तो अचानक ये ‘लोन वुल्फ’, ‘मेंटल हेल्थ’, ‘साजिश का शिकार’ जैसे शब्द निकल आते हैं!
आतंकी का कोई धर्म नहीं होता —
लेकिन मीडिया का रवैया बताता है कि उनके…
एक यूजर ने कहा कि दिल्ली ब्लास्ट में जैसे ही प्रियंका का नाम आया, चैनलों में सन्नाटा पसर गया, हाय रे मुस्लिम एंगल…वही एक दूसरे यूजर ने लिखा कि मुसलमानों से सवाल करते थे,अब क्या करेंगे।
जो यूट्यूबर मुसलमानों के मुँह में माइक घुसेड़ कर सवाल करते थे वो लोग अब सवाल करेंगे?
— Waseem Zaidi (@NewsZD) November 16, 2025
रोहतक की डॉक्टर प्रियंका को गिरफ्तार किया गया, प्रियंका गिरफ्तार डॉक्टरों से जुड़ी हुई थी।#Delhi pic.twitter.com/CJsyYo0B2t
एक यूजर ने लिखा, “शर्मा जी की बेटी प्रियंका शर्मा दिल्ली ब्लास्ट केस में गिरफ्तार”
शर्मा जी की बेटी प्रियंका शर्मा दिल्ली ब्लास्ट केस में गिरफ्तार,
— बाबा लपेटू नाथ (@Bhagal_Sanjuu) November 17, 2025
जय टनाटन pic.twitter.com/EMFf1DEkcW
अब क्या जितने नफरत फैलाने वाले अंधभक्त थे जो मुसलमान डॉक्टर का विरोध कर रहे थे अब प्रियंका को लेकर हिंदू डॉक्टर का विरोध करेंगे पूछना था बस
— MOHD SULEMAN (@mohdsuleman78) November 16, 2025
दरअसल प्रियंका शर्मा से पूछताछ होते ही उसे दोषी साबित करने की कोशिश होने लगी।
डॉ प्रियंका शर्मा से पूछताछ हुई और अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि, उसके दिल्ली धमाके में शामिल होने के कोई भी संकेत हों, लेकिन सिर्फ हिन्दू नाम देखकर एक वर्ग दोषी साबित करने को तैयार हो जाता है। https://t.co/gbIh4FyyaO
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी 🇮🇳Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) November 17, 2025
डॉक्टर प्रियंका से क्यों हुई पूछताछ?
दरअसल प्रियंका जनरल मेडिसीन में एमडी की पढ़ाई अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से कर रही हैं। जिहादी डॉक्टर आदिल इसी कॉलेज में उसका सीनियर था और उसने जॉब भी ज्वाइन किया था। इसको लेकर ही पुलिस की टीम ने उससे पूछताछ की। फिलहाल प्रियंका का मोबाइल पुलिस के पास है।
प्रियंका के भाई भारत के मुताबिक, रात करीब 9 बजे प्रियंका के साथ वीडियो कॉल पर बात हो रही थी। 5 मिनट बाद प्रियंका के हॉस्टल में पुलिस की टीम पहुँची और गेट खटखटाया। इसके बाद प्रियंका का फोन कट गया। रात करीब 11 बजे प्रियंका के पति डॉक्टर अनिरुद्ध का फोन आया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रियंका को हिरासत में ले लिया है। इसके 1 घंटे बाद प्रियंका का फोन आया कि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया है। उसका फोन पुलिस जाँच के लिए लैब भेज रही है।
Rohtak, Haryana: On MD student Dr. Priyanka Sharma custody for questioning related to Delhi's Red Fort bomb blast, Her brother Bharat Bhusan says, "Priyanka is currently working as a medical officer and is pursuing her MD in General Medicine at a government medical college in… pic.twitter.com/q4nnSII6oS
— IANS (@ians_india) November 16, 2025
डॉक्टर प्रियंका हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं। उनके पति भिवानी में सरकारी डॉक्टर हैं। प्रियंका ने एमबीबीएस सोनीपत के खानपुर मेडिकल कॉलेज से किया था। भाई भारत सोनीपत में रोडवेज में क्लर्क है। पिता सतीश शर्मा शुगर मिल की सिक्योरिटी टीम में हैं और माँ हाउस वाइफ हैं।
देवेन्द्र का नाम आने पर भी किए गए थे कमेंट
लालकिला कार विस्फोट में इस्तेमाल की गई i20 कार के मालिक की खोज के दौरान देवेन्द्र सिंह का नाम आया था। दरअसल गुरुग्राम के नंबर HR26 को लेकर जब पुलिस कार मालिक की तलाश कर रही थी और मोहम्मद सलमान से पूछताछ कर रही थी तो उसने कहा था कि डेढ़ साल पहले उसने कार देवेन्द्र सिंह से ली थी। इसके बाद भी सोशल मीडिया पर कोहराम मचा। लेकिन जल्द ही पुलिस ने कार के मालिक अमीर राशिद अली को गिरफ्तार कर लिया।
ठीक इसी तरह देवेन्द्र सिंह को मास्टरमाइंड बताया था जबकि आज NIA ने कार के असल मालिक अमीर राशिद अली को गिरफ्तार कर लिया है। अमीर आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर हमले की साजिश रचने में शामिल था। धमाके में जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, वह अमीर राशिद अली के नाम से पंजीकृत… https://t.co/eEXHeQKVkf pic.twitter.com/EPotJgoHxI
— Vishal Maheshwari (@vishalPosts) November 16, 2025
डॉक्टर प्रियंका को छोड़ दिया गया है। इसको लेकर पुलिस का कोई बयान भी नहीं आया है। जब से इन जिहादी डॉक्टरों के मॉड्यूल का खुलासा हुआ है, यूपी से जम्मू कश्मीर तक धड़पकड़ शुरू हो गई। पूछताछ के बाद एक दूसरे से जुड़े तार का पता चला। लेकिन जैसे ही डॉक्टर प्रियंका से पूछताछ की बात सामने आई, प्रोपेगेंडा फैलाने वालों ने इस्लामी कट्टरपंथ की गंभीरता को कम करने के लिए प्रियंका का नाम लेना शुरू कर दिया। देवेन्द्र सिंह के केस में भी ऐसा ही हुआ था। जब पुलिस ने कार के असल मालिक आमिर अली को गिरफ्तार किया, तब प्रोपेगेंडा फैलाने वाले शांत हुए।
ये लोग तब तक चुप रहे, जब तक डॉक्टर प्रियंका शर्मा, देवेन्द्र सिंह जैसे नाम सामने नहीं आए। इन लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले के वक्त भी यही किया था। जब टूरिस्ट आतंकियों के शिकार हुए, तब एक स्थानीय व्यक्ति की मौत होने की खबर भी आई। इसके बाद को प्रोपेगेंडा टीम इस बात को भी झुठलाने में लग गई की पर्यटकों का नाम पूछ-पूछ कर मारा गया। दरअसल सोशल मीडिया पर हो हल्ला मचाने वाले और प्रोपेगेंडा फैलाने वाले लोग अक्सर मरने वालों में एक मुस्लिम नाम ढूंढते हैं और साजिश करने वालों में कोई हिन्दू नाम। ताकि मुस्लिम कट्टरपंथ और आतंकवाद को जोड़ा न जा सके।
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