उत्तर प्रदेश : वैश्विक मंच तक पहुँची अवधी व्यंजनों की महक, UNESCO की ‘क्रिएटिव सिटीज’ सूची में शामिल हुआ लखनऊ

नेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ की उपाधि पाने वाला भारत का दूसरा शहर बना लखनऊ (साभार: दैनिक भास्कर, अमृत विचार)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को अपनी समृद्ध और विविध पाक कला परंपरा के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की ‘क्रिएटिव सिटीज’ सूची में शामिल किया गया है। UNESCO की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने इस साल 58 नए शहरों को ‘रचनात्मक शहरों’ के नेटवर्क का हिस्सा बनाया, जिनमें लखनऊ को ‘पाक कला’ श्रेणी में चुना गया है।

यह घोषणा शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई यूनेस्को की 43वीं जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘वर्ल्ड सिटीज डे 2025’ पर की गई। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि लखनऊ की इस उपलब्धि के पीछे पर्यटन विभाग की मेहनत रही, जिसने शहर के नामांकन का प्रस्ताव तैयार कर जनवरी 2025 में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा था।

मंत्रालय द्वारा जरूरी समीक्षा किए जाने के बाद भारत सरकार ने मार्च में इसे UNESCO के पास भेजा, जिसके चलते शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को लखनऊ को यह सम्मान मिला। भारत के यूनेस्को में स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने इस उपलब्धि को देश के लिए गर्व का क्षण बताया और जानकारी दी कि ‘वर्ल्ड सिटीज डे’ के अवसर पर लखनऊ को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ नामित किया गया है।

लखनऊ के स्वादिष्ट व्यंजनों को मिला वैश्विक सम्मान

यह सम्मान लखनऊ की समृद्ध अवधी पाक परंपरा, चाट, कबाब, बिरयानी और मिठाइयों जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों की वैश्विक पहचान का प्रतीक है। इससे पहले भारत से केवल हैदराबाद को यह सम्मान प्राप्त था और अब लखनऊ इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाला दूसरा भारतीय शहर बन गया है।

UNESCO ने बताया कि इस सम्मान का उद्देश्य उन शहरों को प्रोत्साहित करना है जो रचनात्मकता (क्रिएटिवीटी) और संस्कृति को सतत विकास का आधार बनाते हैं। संगठन की महानिदेशक अजोले ने कहा कि रचनात्मक शहर यह साबित करते हैं कि संस्कृति और क्रिएटिव उद्योग न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं बल्कि सामाजिक सामंजस्य और स्थानीय विकास के भी सशक्त माध्यम हैं।

UNESCO का क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN) वर्ष 2004 में शुरू किया गया था, ताकि ऐसे शहरों को जोड़ा जा सके जो संस्कृति के माध्यम से समावेशी और सतत विकास को आगे बढ़ाते हैं। यह नेटवर्क उन पहलों को प्रोत्साहित करता है जो रोजगार के अवसर बढ़ाने, सांस्कृतिक जीवन्तता बनाए रखने और सामाजिक एकता को सशक्त करने में सहायक हैं।

सीएम योगी बोले- ऐतिहासिक उपलब्धि

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। सीएम योगी ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी मार्गदर्शन में भारत की परंपरा, संस्कृति और मूल्यों को वैश्विक पटल पर निरंतर नई पहचान और प्रतिष्ठा प्राप्त हो रही है।” उन्होंने आगे लिखा, “इस ऐतिहासिक उपलब्धि की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!”

विश्वभर के शहरों ने रचनात्मकता से बढ़ाया अपनी सांस्कृतिक पहचान का मान

लखनऊ के अलावा इस साल संगीत, डिजाइन, फिल्म, पाककला और साहित्य जैसी विभिन्न श्रेणियों में कई अन्य शहर भी शामिल किए गए हैं, जिनमें संगीत के लिए केन्या का किसुमु और अमेरिका का न्यू ऑरलियंस, डिजाइन के लिए सऊदी अरब का रियाद, पाक कला के लिए पुर्तगाल का मातोसिन्होस और इक्वाडोर का कुएनका शामिल हैं।

वहीं फिल्म के लिए मिस्र के गीजा, वास्तुकला के लिए फिनलैंड के रोवेनेमी, मीडिया कला के लिए इंडोनेशिया के मलंग और साहित्य के लिए ब्रिटेन के एबरिस्टविथ को शामिल किया गया है। अगला वार्षिक सम्मेलन वर्ष 2026 में मोरक्को के एस्सौइरा शहर में आयोजित किया जाएगा, जिसे 2019 में संगीत श्रेणी में यूनेस्को की सूची में स्थान मिला था।

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