भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ बताने वाले ट्रम्प अब उसी में 1 लाख करोड़ रूपए का निवेश करेंगे

 ट्रंप ने तेलंगाना की भारत फ्यूचर सिटी में अगले 10 साल में 1 लाख करोड़ रूपए के निवेश का ऐलान किया (साभार: Future City Hyderabad, Le Monde)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ बताने के बाद देश के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में निवेश करने का फैसला किया है। हाल ही में ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) ने तेलंगाना में बड़ा निवेश करने का वादा किया है। ट्रंप के मीडिया समूह TMTG ने अगले 10 सालों में तेलंगाना की भारत फ्यूचर सिटी (Bharat Future City) में 1 लाख करोड़ रूपए तक के निवेश की योजना की घोषणा की है।

ट्रंप के मीडिया TMTG ने घोषणा में क्या कहा?

दरअसल, ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) ने 08 दिसंबर 2025 को तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट 2025 के उद्घाटन समारोह में घोषणा की है कि वह आने वाले 10 सालों में तेलंगाना की भारत फ्यूचर सिटी और आसपास के विकास क्षेत्रों में लगभग 1 लाख करोड़ रूपए तक निवेश करेगा। यह घोषणा करते हुए TMTG के प्रतिनिधि एरिक स्वाइडर ने कहा कि वह इस अवसर के लिए बहुत आभारी हैं।

स्वाइडर ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज करना अंधापन होगा कि दुनियाभर के प्रौद्योगिकी पूंजीपति भारत से आ रहे हैं और देश प्रगति पर है। उन्होंने कहा, “भारत से काफी प्रतिभाएँ सामने आ रही हैं। और अब अगर आप आज की स्थिति देखें, तो यह मानना गलत होगा कि दुनियाभर के प्रौद्योगिकी पूंजीपति भारत से ही आ रहे हैं।”

एरिक स्वाइडर ने आगे कहा, “भारत प्रगति कर रहा है और मुझे नहीं लगता कि भारत रुकने वाला है। मेरा मानना है कि भारत निरंतर प्रगति करता रहेगा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करेगा।”

एक अधिकारिक रिलीज के अनुसार, TMTG पहले ही 41,000 रूपए के समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है। इन समझौतों के तहत कंपनी तेलंगाना में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया और स्मार्ट टेक्नोलॉजी हब बनाने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से हजारों रोजगार पैदा होंगे और भारत में TMTG की बढ़ती उपस्थिति भी मजबूत होगी।

क्या है तेलंगाना में बनने जा रही भारत फ्यूचर सिटी?

भारत फ्यूचर सिटी, तेलंगाना सरकार की एक परियोजना है, जिसे हैदराबाद के रंगारेड्डी जिले में विकसित किया जा रहा है। इसे एक आधुनिक, स्मार्ट और टिकाऊ शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जहाँ रहने, काम करने, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन की सभी सुविधाएँ एक ही जगह उपलब्ध होंगी। इस शहर को कई हिस्सों में बाँटकर तैयार किया जाएगा:

  • टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जोन: जहाँ AI, इलेक्ट्रॉनिक्स, EV और हाई-टेक कंपनियाँ आएँगी।
  • फार्मा और हेल्थकेयर जोन: जहाँ दवाइयो और मेडिकल रिसर्च से जुड़े बड़े उद्योग लगेंगे।
  • मैन्युफैक्चरिंग जोन: जहाँ बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली कंपनियाँ आएँगी।
  • शैक्षणिक और रिसर्च संस्थान: ताकि लोग यहीं पढ़ाई करके यहीं नौकरी कर सकें।
  • आवासीय और मनोरंजन क्षेत्र: जहाँ अच्छे घर, पार्क, मॉल और स्पोर्ट्स सुविधाएँ होंगी।
  • ग्रीन जोन और रिजर्व फॉरेस्ट: ताकि शहर हरियाली और पर्यावरण के साथ संतुलन में रहे
यह सिर्फ एक नया शहर नहीं होगा, बल्कि आने वाले समय की जरूरतों के अनुरूप तकनीक, उद्योग और रोजगार का केंद्र भी बनेगा। इस शहर का कुल क्षेत्रफळ लगभग 765 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 56 गाँव और 7 मंडल शामिल हैं। सरकार ने इसके लिए फ्यूचर सिटी डेवलपमेंट ऑथरिटी (FCDA) का गठन किया है, जो शहर की योजना, जोनिंग, भू-अधिग्रहण और निर्माण कार्यों की देखरेख करेगा।
इस शहर को भारत की पहली ‘नेट-जीरो‘ स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें ऊर्जा का इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल होगा, कार्बन का उत्सर्जन न्यूनतम होगा और ग्रीन बिल्डिंग, कचरा प्रबंधन, जल प्रबंधन और हरे-भरे क्षेत्र होंगे। शहर में आधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ चौड़ी सड़कें, मेट्रो, बस रैपिड ट्रांजिट, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और डिजिटल नेटवर्किंग जैसी सुविधाएँ भी होंगी।

कौन-कौन से देश ‘भारत फ्यूचर सिटी’ में कर रहे निवेश?

सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि कई अन्य देश भी तेलंगाना में विकसित हो रही भारत फ्यूचर सिटी में निवेश कर रहे हैं। इनमें जापान, वियतनाम, कनाडा, सिंगापुर की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भी इस परियोजना की निवेशक हैं।
जापान की ट्रेडिंग कंपनी Marubeni Corporation लगभग ₹1000 करोड़ का निवेश कर एक बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क बना रही है। सिंगापुर की Asia Gateway Infrastructure & Data Center (AGIDC) फ्यूचर सिटी में एक बड़े इंटरनेशनल गेटवे डेटा सेंटर बनाने के लिए 67000 करोड़ रूपए निवेश करने जा रही है।
इसके अलावा वियतनाम की सबसे बड़ी कंपनी में से एक Vingroup ने तेलंगाना सरकार के साथ लगभग 30,000 करोड़ रूपए निवेश का समझौता किया है। यह निवेश स्मार्ट-सिटी डेवलपमेंट, इलेक्ट्रिक वाहनों, रिन्यूएबल एनर्जी, हेल्थकेयर और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा।
कनाडा की कंपनी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समूह Brookfield के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम ने करीब 75,000 करोड़ रूपए निवेश का प्रस्ताव दिया है, जो ‘नेट जीरो इनोवेशन जोन’ विकसित करेगा।

ट्रंप ने भारत को बताया था ‘डेड इकोनॉमी’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर बुधवार (30 जुलाई, 2025) को 25% टैरिफ का ऐलान किया था। ट्रंप ने इसी के साथ कहा था कि भारत के रूस से हथियार सौदों और तेल-गैस खरीदने के चलते भारत अपर अतिरिक्त टैरिफ भी लगेगा। ट्रंप ने इसके बाद गुरुवार (31 जुलाई, 2025) को भारत और रूस को ‘डेड इकॉनमी’ बता दिया। उनका इशारा था कि दोनों देश एक साथ हैं और अब वह जो चाहें वो करें।

भारत में ट्रंप के प्रोजेक्ट्स

भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ बताने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने उसी भारत को अपना सबसे बड़ा विदेशी बाजार माना है। साल 2012 में पहले प्रोजेक्ट से लेकर अब साल 2025 तक ट्रंप का रीयल-एस्टेट फूटप्रिंट 6 शहरों के फैले प्रोजेक्ट्स के साथ लगभग 252.5 एकड़ तक पहुँच गया है।
ट्रंप के मुंबई, पुणे, गुरुग्राम और कोलकाता में रिहायशी और ऑफिस-टावर प्रोजेक्ट्स हैं। हाल ही में ट्रंप वर्ल्ड सेन्टर पुणे लॉन्च हुआ है, जिसके अंतर्गत 27-27 मंजिला के दो टावर बनाए जाएँगे। यह ट्रंप का पहला कमर्शियल रियल-एस्टेट प्रोजेक्ट है।
वहीं, उत्तर भारत के पास NCR क्षेत्र में Trump Residences नाम का प्रोजेक्ट है। यह ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसे लॉन्च होते ही खरीदारों ने खरीद लिया। इसमें दो 51 मंजिला टावर में 298 फ्लैट्स हैं, जिनकी पहले ही दिन करोड़ों रुपए में बुकिंग हुई थी।
मतलब साफ है कि ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन देख चुका है कि भारत में रियल-एस्टेट, निवेश और प्रगति की गुंजाइश है। ट्रंप के दावे के मुताबिक भारत एक ‘डेड इकोनॉमी’ होती तो शायद ट्रंप कभी भारत में विकास परियोजनाओं के भागीदारी नहीं बनते।

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