राम मंदिर निर्माण पर अध्यादेश के लिए संघ परिवार के अंदर से उठी आवाज

अयोध्या राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जनवरी पहले हफ्ते तक के लिए टलने के बाद से मंदिर के जल्द निर्माण के लिए भाजपा और संघ परिवार के अंदर से ही आवाजें तेज होने लगी हैं। भाजपा अब अयोध्या में विवादित स्थल पर जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण चाहती है। 
पार्टी के नेता विनय कटियार ने आरोप लगाया है कि इस मसले को कांग्रेस के ‘दबाव’ में लटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण जैसे लोग इस मामले को लंबा खींचने के लिए दबाव डाल रहे हैं। आखिर राम भक्त कब तक इंतजार करेंगे। 

सर्वोच्च न्यायालय जल्द दे फैसला : संघ

हालांकि कांग्रेस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। भाजपा के नेता संजय बालियान ने कहा, ‘मैं अदालत की प्राथमिकता से आश्चर्यचकित हूं। मेरा मत है कि राम मंदिर बनना चाहिए और सरकार को इसके लिए सभी संभावनाएं तलाश करनी चाहिए।’
आरएसएस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को राम जन्मभूमि विवाद पर जल्द फैसला देना चाहिए और केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण की राह में कोई बाधा हो तो उसे दूर करने के लिए कानून लाना चाहिए। संघ के मुख्य प्रवक्ता अरुण कुमार ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह स्वीकार किया था कि वह स्थल भगवा राम की जन्मभूमि है और वहां पहले मंदिर था।
सत्ता के गलियारों के चर्चा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को टालता रहेगा, जिसे मन्दिर विरोधी अपनी जीत और मंदिर पक्षधर अपनी हार समझते रहेंगे, क्योकि शाहबानो प्रकरण शायद ही भूला होगा, कि किस तरह तुष्टिकरण के चलते तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने संसद में अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट निर्णय को निरस्त कर, सुप्रीम कोर्ट निर्णय का अपमान किया था। लेकिन हिन्दू वोट कांग्रेस से जाता देख, राममन्दिर के बंद तालों को खुलवाकर हिन्दू वोटों को सुरक्षित किया था। दूसरे, जब तत्कालीन प्रधानमन्त्री चंद्रशेखर ने इस विवाद को समाप्त करने का साहसिक निर्णय लिया ही था, राजीव गाँधी(कांग्रेस) ने तुरन्त सरकार से अपना समर्थन वापस ले, चंद्रशेखर सरकार को गिरा दिया था। 
खुदाई में मिले अवशेषों को कोर्ट से किसने छुपाया और किसके कहने पर?
फिर कांग्रेस और अन्य भाजपा-विरोधी कभी नहीं चाहेंगे कि अयोध्या विवाद समाप्त हो। इसलिए खुदाई में मिले अवशेषों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किये। मंदिर विरोधी भलीभांति इस बात से अवगत थे कि खुदाई में मिले अवशेषों को देखते ही, दुनियाँ की कोई अदालत अयोध्या में राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती और जिस दिन मंदिर बन गया, मंदिर विरोधियों को मुस्लिम वोट तो क्या रोटियों के भी लाले पड़ सकते हैं। इसीलिए खुदाई में मिले इतने प्रमाणों को छुपा कर, कोर्ट में केवल एक ही खम्बा दिखाया गया। 
मंदिर विरोधी खेमे में भी यह चर्चा गम्भीर होती जा रही है कि कहीं मंदिर पक्षधर खुदाई में मिले अवशेषों को केवल कोर्ट ही नहीं, जनता के समक्ष प्रस्तुत करने की माँग को केन्द्र में मोदी सरकार, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध जनआन्दोलन छेड़, कोर्ट को धोखा देने वालों को आजीवन कारावास किये जाने की माँग करने पर शायद मन्दिर विरोधी दुनियाँ में शर्मसार होने के साथ-साथ अपने ही परिवारों में लज्जित न हो जाये और उनके शाही रहन-सहन निर्धनता में न परिवर्तित हो जाएँ।    
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सरकार कानून नहीं लाई तो धर्म संसद में होगा फैसला : विहिप

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनंत काल तक इंतजार नहीं किया जा सकता। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अगर सरकार कानून बनाने में असफल रहती है तो अगले साल प्रयागराज कुंभ में होने वाले धर्म संसद में साधु संत इस पर रणनीति बनाएंगे। 
उन्होंने कहा कि राम मंदिर आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन है और इससे हिंदू-मुस्लिम समीकरण प्रभावित हो रहा है। पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत भी विजया दशमी के मौके पर मंदिर के लिए कानून बनाने की बात कह चुके हैं।

राम मंदिर मामले में कुछ नहीं करेगी अदालत : शिव सेना

भाजपा से रिश्ते में कड़वाहट रखने वाली उसकी सहयोगी शिव सेना ने कहा है कि कोर्ट राम मंदिर मामले में कुछ नहीं करेगा। शिव सेना नेता संजय राउत ने फैसले पर कहा, ‘राम मंदिर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला है, उसने कौन सी तारीख दी, हम इस पर ध्यान नहीं देते और न ही देना चाहते हैं। इस मसले पर कोर्ट कुछ नहीं करेगा।’ राउत ने कहा कि हमने 25 साल पहले बाबरी ढांचा ढहाने से पहले कोर्ट से नहीं पूछा था। हम चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने। हम पाकिस्तान में राम मंदिर बनाने की मांग नहीं करते। 
मंदिर पर एनसीपी व शिव सेना में वाक युद्ध
मंदिर निर्माण को लेकर शिव सेना और एनसीपी में शब्द युद्ध तेज हो गया है। शरद पवार के भतीजे राजेंद्र के बेटे ने मंदिर मुद्दे पर अजित पवार की आलोचना पर शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है। 
दरअसल शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पिछले हफ्ते कहा था कि उद्धव ठाकरे अपने पिता बाल ठाकरे के नाम पर एक स्मारक तक तो बनवा नहीं पाए और अयोध्या में राम मंदिर बनवाने की ‘बीन’ बजा रहे हैं। शिव सेना ने इसका अपने मुखपत्र सामना में जवाब देते हुए अजित पवार को ‘गटर का कीड़ा’ बता दिया। 
जहाँ तक बाल ठाकरे स्मारक की है, अजित पवार को स्मरण होगा कि बाल ठाकरे तो प्रारम्भ से ही अयोध्या में भव्य राम मन्दिर के पक्षधर रहे हैं, और जिस दिन अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनेगा, बाल ठाकरे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

सरकार को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए : भाकपा

उधर भाकपा नेता डी राजा और सुधाकर रेड्डी ने कहा है कि यह मामला अभी विचाराधीन है और भाजपा नेता अध्यादेश के जरिये मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी तानाशाही व्यवस्था में नहीं रहते और लोकतांत्रिक संस्थानों को भाजपा नेताओं के बयानों का संज्ञान लेना चाहिए। सरकार को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।

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