
राम मंदिर निर्माण को लेकर होने वाले RSS और VHP के कार्यक्रम पर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या का मुस्लिम समुदाय अगर ऐसी ही दहशत में रहा, तो मुसलमान अपनी जान की हिफाजत के लिए अयोध्या छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में साल 1992 की तरह का एक बार फिर से माहौल बनाया जा रहा है। संघ और वीएचपी ने ऐसे ही भीड़ साल 1992 में इकट्ठा की थी। उस समय कोई भी मुस्लिम मस्जिद बचाने नहीं गया था। इसके बावजूद मुस्लिम समाज के घर और दुकान लूटे गए थे।
इकबाल अंसारी ने कहा कि उस समय मुस्लिम समुदाय के लोगों के कारोबार को तबाह किया गया था। वैसा ही माहौल फिर बनाया जा रहा है. हालांकि हम पहले ही कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने को तैयार हैं. ऐसे में अब अयोध्या में भीड़ क्यों इकट्ठा की जा रही है।

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के लोगों से अयोध्या पहुंचने की अपील
राम मंदिर निर्माण के लिए 25 नवंबर को अयोध्या में होने वाली हुंकार रैली में शामिल होने के लिए हिंदुओं से अपील की जा रही है. इसके लिए पर्चे बांटे जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लोगों से हुंकार रैली में पहुंचने की अपील की जा रही है. केंद्रीय पूजा समिति और विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले शहर के टाउनहॉल मैदान से पूरे उत्साह के साथ लोगों से अयोध्या चलने की गुजारिश की गई।
इक़बाल अंसारी हिन्दुओं को नहीं बल्कि अपने ही मुस्लिम समाज को बताएं कि "अपनी तिजोरियाँ भरने के लिए खुदाई में मिले मंदिर के अवशेषों को छुपा कर कोर्ट को धोखा दिया गया था। खुदाई में मस्जिद का कोई भी सबूत नहीं मिला था। हम लोगों ने कोर्ट को धोखा जनता की नज़रों में विहिप, भाजपा, संघ और बजरंग दल को बदनाम करने के लिए दिया था। यह बात सच है कि यदि खुदाई में मिले समस्त अवशेषों को कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया होता, अयोध्या में मंदिर कई वर्ष पूर्व ही बन चुका होता।" इक़बाल मियाँ आखिर कब तक जितना झूठ बोलोगे? कब तक अपने ही मुसलमान भाईयों को पागल बनाते रहोगे? ये डराने की नौटंकी बन्द करों। खुदाई ने तुम पाखण्डियों और जयचन्दों को बेनकाब कर दिया है। किसी और ने नहीं, आपके ही मुस्लिम भाई ने पुस्तक लिख कर।


अयोध्या में राममन्दिर विरोधी शायद यह भूल रहे हैं कि विहिप ने प्रारम्भ में ही अनुरोध किया था "तीन मन्दिर --अयोध्या, काशी और मथुरा-- दे दो, अन्यथा 3000 मन्दिर जिन्हे मस्जिदों, दरगाह और कब्रिस्तानों में तब्दील कर दिया गया, उन्हें भी लेकर रहेंगे।"
यदि सरकार अध्यादेश लाये तो उसके साथ-साथ एक और अध्यादेश लाये कि कोर्ट में झूठा केस दर्ज़ करवाने वाले पर कम से कम 5 लाख रूपए का जुर्माना वसूला जायेगा। जो अदालतों में लम्बित हज़ारों झूठे केसों के वापस होने की स्थिति आ सकते हैं।
6 दिसम्बर से शुरू हो सकता है राम मंदिर निर्माण--भाजपा सांसद साक्षी महाराजयदि सरकार अध्यादेश लाये तो उसके साथ-साथ एक और अध्यादेश लाये कि कोर्ट में झूठा केस दर्ज़ करवाने वाले पर कम से कम 5 लाख रूपए का जुर्माना वसूला जायेगा। जो अदालतों में लम्बित हज़ारों झूठे केसों के वापस होने की स्थिति आ सकते हैं।
राम मंदिर का मुद्दा इस समय सुर्ख़ियों में छाया हुआ है, सभी राजनेता इस मुद्दे पर अपनी अपनी राय रख रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा सांसद स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज ने भी बयान देते हुए कहा है कि मंदिर निर्माण अभी नहीं हुआ तो कभी नहीं होगा, अध्यादेश लाने की जरूरत है, तो वह लाया जाएगा. उन्होंने मंदिर निर्माण की तारीख का अंदाजा लगाते हुए कहा है कि राम मंदिर निर्माण की शुरुआत 6 दिसंबर से हो सकती है।
दरअसल, भाजपा सांसद नवम्बर 16 को मैनपुरी के बरौनी जाते समय कुछ देर के लिए कन्नौज में रुके थे, इसी दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए राम मंदिर पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि संतों ने भी नवंबर माह में विशाल सम्मेलन कर इस बात को उठाया है, अध्यादेश या कानून जो भी बनाना है उस पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने जो जमीन राम मंदिर की अधिग्रहीत की थी, वह सरकार वापस कर दे और उसी पर भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। यह मंदिर सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि अभी मंदिर निर्माण शुरू नहीं हुआ तो यह प्रभु राम के साथ बेईमानी होगी, उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि जो राम का नहीं वह किसी के काम का नहीं, इसलिए मंदिर हर हाल में बनकर ही रहेगा। उन्होंने सपा, बसपा व कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पार्टियां केवल लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं, कभी राहुल गाँधी शिवभक्त बन जाते हैं तो कभी अखिलेश कृष्ण का नाम लेते हैं, लेकिन जहां राम मंदिर की बात आती है, तब सब साम्प्रदायिकता का राग अलापते हैं।
राम मंदिर को लेकर दिग्विजय ने दिया बड़ा बयान, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर मसले पर विवादित बयान देकर एक बार फिर मामले को तूल दे दिया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनावी मौसम में ही भगवान राम को याद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने बयान में भाजपा के फायरब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी जमकर निशाना साधा.
दिग्गी राजा के नाम से मशहूर नेता ने कहा, ‘अजीब बात है जब चुनाव आता है भगवान राम का मंदिर बनाने की बात सामने आती है, मंदिर बने इसमें किसी को ऐतराज नहीं है, हम सब भी यही चाहते हैं, लेकिन भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादास्पद स्थल उनका मंदिर बनाया जाए.’ दिग्विजय के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बयानबाज़ी की जा रही है, दिग्विजय ने यह बयान मध्य प्रदेश में एक चुनावी जनसभा के दौरान दिया है.
अवलोकन करें:--
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आपको बता दें कि 2019 लोक सभा चुनाव की नज़दीकियों के चलते राम मंदिर मुद्दा एक बार फिर से सुर्ख़ियों में छाया हुआ है, आरएसएस और भाजपा के कई नेताओं ने मांग की है कि सरकार इस मुद्दे पर कानून लाए और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे, वहीं सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को विवादित जमीन मामले का नाम देकर दोनों पक्षों की सुनवाई करके हल निकालने के पक्ष में है।
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