
आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार
चुनाव होने से पहले ही पूत के पाओं पालने में नज़र आने लगे। इसे कहते हैं, सत्ता भूख। मोदी के विरुद्ध हो रहे गठबन्धन की असलियत भी जगजाहिर होने लगी। छत्तीसगढ़ में अजित जोगी और मायावती ने कितनी बेताबी से हाथ मिलाया, लेकिन मतदान पास आते और जनता के रुख को देख अजित जोगी ने अभी से अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए, जो सिद्ध करता है कि मोदी के विरुद्ध जनता को उकसा कर केवल सत्ता में बैठ मालपुए खाने की आदत इन्हे सता रही है। यानि मोदी का विरोध कर किसी भी तरह पुनः सत्ता प्राप्त करना है।
क्या गठबंधन सत्ता पाने के लिए हो रहा है?
अगर किसी कारण छत्तीसगढ़ में त्रिशंकु बहुमत आता है, तो अजित सत्ता का सुख भोगने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने में देर नहीं करेंगे। जब विधानसभा चुनावों में गठबंधन का यह हाल है, लोकसभा चुनाव में क्या होगा? यही स्थिति लोकसभा चुनाव में भी हुई, निश्चित रूप से महागठबंधन को ताश के पत्तों की तरह बिखरने में समय नहीं लगेगा। अब प्रश्न उत्पन्न होता है कि "क्या ऐसे अवसरवादी और सत्ता के भूखे नेताओं पर विश्वास किया जा सकता है?" वास्तव में इन बेपेंदी अवसरवादी नेताओं की "जहाँ दिखे तवा पलांत, वहीँ बिता सारी रात" वाली हालत है। ऐसे नेताओं को न देश से, न प्रदेश से और न ही जनता से, इन्हे मतलब है केवल सत्ता में बैठकर मालपुए खाने की। मोदी विरोध बस जनता को गुमराह करना है, जो ये सत्ता के भूखे नेता अब तक करते आये हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिस तरह से पूर्व में अजीत जोगी ने बयान दिया था कि अगर प्रदेश में खंडित जनादेश आया तो क्या वह भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। उस वक्त उन्होंने कहा था कि कुछ भी संभव है। लेकिन मायावती के साथ आने के बाद अजीत जोगी ने साफ कर दिया है कि भाजपा के साथ गठबंधन कदापि नहीं हो सकता है। जोगी ने कहा कि मेरे बयान को गलत समझा गया, मैंने उसके बिल्कुल उलट कहा था।
मायावती के सामने बदला बयान


आपको बता दें जोगी और मायावती ने रायपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया, इसी दौरान जोगी ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि चुनाव के बाद गठबंधन एक काल्पनिक सवाल है। वहीं मायावती ने भी भाजपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना को इनकार करते हुए कहा किक हम उनके साथ गठबंधन करने की बजाए विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे। एक सांपनाथ है तो दूसरा नागनाथ, दोनों सांप हैं। आपको बता दें किक इससे पहले कांग्रेस और भाजपा के साथ गठबंधन की बात पर जोगी ने कहा था कि राजनीति में कुछ भी इनकार नहीं किया जा सकता है, कुछ भी हो सकता है।
अवलोकन करें:--
वहीं मायावती के बारे में जोगी ने कहा कि मैंने कांग्रेस और भाजपा के बारे में मायावती से बात नहीं की है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। यहां दो चरणों में चुनाव होना है, पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को हो चुका है, जबकि 20 नवंबर को दूसरे चरण का चुनाव होगा, यहां चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
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