#metoo अभियान चलाने वालों की सच्चाई

एक था कम्युनिस्ट, नाम था कामरेड सज्जाद जहीर, जो.लखनऊ में पैदा हुआ। 
ये मियाँ साहब ,पहले तो progressive writers association यानि अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के रहनुमा बनकर उभरे ,और अपनी किताब अंगारे से इन्होने अपने लेखक होने का दावा पेश किया। 
बाद मे ये जनाब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा बने, मगर बाबू साहब की रूह मे तो इस्लाम बसता था , इसीलिए 1947 मे नये इस्लामी देश बने, पाकिस्तान मे जाकर बस गये, इनकी बेगम रजिया सज्जाद जहीर भी उर्दू की लेखिका थी। 
सज्जाद जहीर, 1948 मे कलकत्ता के कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन मे भाग लेने कलकत्ता पहुँचे, और वहाँ कुछ मुसलमानो ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से अलग होकर CPP यानि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पाकिस्तान का गठन कर लिया, जो बांग्लादेश मे तो फली-फूली।
मगर पाकिस्तान मे, सज्जाद जहीर, मशहूर शायर लेखक फैज अहमद फैज, शायर अहमद फराज, रजिया सज्जाद जहीर, और कुछ पाकिस्तानी जनरलो ने मिलकर रावलपिंडी षडयंत्र केस मे पाकिस्तान मे सैन्य तख्ता पलट का प्रयास किया और पकडे जाने पर जेल मे डाल दिये गये। सज्जाद जहीर, अहमद फराज और फैज अहमद फैज को लंबी सजाऐ सुनाई गई। 
जेल से रिहा होने के बाद सज्जाद जहीर भारत आया और खुद को शरणार्थी घोषित करके कांग्रेस सरकार से भारतीय नागरिता मांगी, और कांग्रेस सरकार ने सज्जाद को भारतीय नागरिकता दे दी। 
इन मियाँ साहब, सज्जाद जहीर और रजिया जहीर की चार बेटियाँ थी। 
Related image1- नजमा जहीर बाकर, पाकिस्तानी सज्जाद जहीर की सबसे बडी बेटी, जो कि नेहरू के मदरसे ,JNU मे biochemistry की प्रोफेसर है। 
2- दूसरी बेटी नसीम भाटिया है। 
3- सज्जाद जहीर की तीसरी बेटी है, नादिरा बब्बर जिसने फिल्म एक्टर और कांग्रेस सांसद राज बब्बर से शादी की है, इनके दो बच्चे है, आर्य बब्बर और जूही बब्बर। 
4- सज्जाद जहीर की चौथी और सबसे छोटी बेटी का नाम है नूर जहीर, ये मोहतरमा भी लेखिका है, और JNU से जुडी है। 
नूर जहीर ने शादी नही की और जीवन भर अविवाहित रहने के अपने फैसले पर आज भी कायम है। चूँकि नूर जहीर ने शादी ही नही की, तो बच्चो का तो सवाल ही पैदा नही होता।  मगर रूकिये, यहाँ आपको निराश होना पडेगा। अविवाहित होने के बावजूद, नूर जहीर के चार बच्चे है, वो भी चार अलग-अलग पुरूषो से । 
इन्ही नूर जहीर और ए. दासगुप्ता की दूसरी संतान है पंखुडी जहीर, अरे नही चौंकिये मत। 
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जेएनयू में kiss of love 
kiss-of-love-012583ये वही पंखुडी जहीर है, जिसने कुछ ही वर्षो पहले दिल्ली मे संघ कार्यालय केशव कुञ्ज, झंडेवाला, के सामने खुलेआम चूमा-चाटी के लिए, किस ऑफ लव ( kiss of love ) के नाम से इवेंट आयोजित किया था। जी हाँ, ये वही है जो कन्हैया कुमार वाले मामले में सबसे ज्यादा उछल कूद मचा रही थी। इसे JNU मे कन्हैया कुमार की सबसे विश्वश्त सहयोगी माना जाता है । खुलेआम सिगरेट, शराब, और अनेकों व्यसनों की शौकीन, इन जैसी लड़कियाँ जब महिला अधिकारों के नाम पर बवंडर मचाती हैं, तो सच मे पूछ लेने को दिल करता है कि तुम्हारा खानदान क्या है ?
और क्या हैं तुम्हारे संस्कार ?
बिन ब्याही माँ की, दो अलग अलग पुरूषों से उत्पन्न चार संतानों मे से एक पंखुडी जहीर जैसी औरतें, खुद औरतों के नाम पर जिल्लत का दाग है।
शायद मेरी ये पोस्ट पाकिस्तान, अरबी इस्लाम, कम्युनिस्टो का सड़न भरा अतीत, इनकी मानसिकता, इनका खानदान, और इनके संस्कार बयां करने को काफी है।
इन्ही जैसे लोगो ने JNU की इज्जत मे चार चाँद लगा रखे है।
पाकिस्तान मे कम्युनिस्ट पार्टी आज तक 01% वोट भी नही जुटा पाई, कुल 176 वोट मिलते है इन्हे। और
पाकिस्तानी सज्जाद जहीर की औलादें, कम्युनिस्टो का चोला पहनकर भारत की बर्बादी के नारे लगा रही हैं।
समझ मे आया? JNU के कामरेडो का पाकिस्तान प्रेम और कश्मीर के मुद्दे पर नौटंकी करने का असली उद्देश्य।
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पिताश्री एम.बी.एल.निगम #metoo अभियान के तहत जो गड़े मुर्दे बाहर आ रहे हैं, शंका करने को मजबूर कर रहा है। मैंने जब स्वतन्त्....


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https://timesofindia.indiatimes.com/india/Kiss-of-love-fest-near-RSS-office-in-Delhi-turns-slugfest/articleshow/45083193.cms
क्या कारण है कि ये पंखुडी दासगुप्ता ना लिखकर खुद को पंखुडी जहीर लिखती है?
और हाँ, इसकी सगी मौसी के लड़के, नादिरा बब्बर और राज बब्बर की संतान ,फिल्म एक्टर आर्य बब्बर का घर का नाम सज्जाद है।
#metoo के शुरुआत होते ही मन में शंका कोतुहल कर रही थी कि कहीं दाल में कुछ काला है, लेकिन पत्रकारिता के जूनून ने इस अभियान की कुछ गहराई तक तो पहुंचा दिया। #not in my name, #mob lynching आदि मोदी विरोधी ही है, जो देश में अराजकता फ़ैलाने का प्रयास कर रहे हैं। कहते है "in love and war everything is fair", क्योकि इस #metoo अभियान में नया किस्सा कोई नहीं आया, सभी गढ़े मुर्दे उखाड़े गए हैं। यही अपने आपमें शंका पैदा कर देता है।
देखिए 2014 में दिल्ली में आरएसएस  कार्यालय पर इन लोगों ने भारतीय संस्कृति की धज्जियाँ उड़ा रहे थे। शायद, इनके माँ-बाप ने शिक्षा की बजाये इसी काम को करने के लिए कॉलेज भेजा था।

Kiss of Love Supporters March towards Delhi RSS Office

Over five dozen protesters, mostly from Jawaharlal Nehru University and Delhi University, who are said to be supporters of `Kiss of Love’ attempted to march towards RSS headquarters in Jhandewalan, New Delhi. This was part of agitation spearheaded by a group of Facebook users.However police barricades foiled their march.
They held hands, cuddled in public and even kissed. But when a couple was spotted kissing, they were roughed up by the counter protesters from a right-wing group called Hindu Sena. “Why are we being stopped? The whole idea is to promote love and peace. Those who are getting into confrontation mode aren’t being stopped,” Vipin Krishna, a JNU student, said.
The movement snowballed after activists from all over Kerala decided to protest against alleged moral policing by fundamentalist groups by organising a public-kissing campaign on November 2. Organisers of the Delhi chapter said they chose the venue near the RSS because the right wing outfits have been denying them public spaces to express their affection.
Heavy police presence outside the metro station thwarted their attempts to march towards the RSS office. And when they succeeded, police barricades blocked their way. The public-kissing event caused traffic jams as marchers clogged the road leading to the RSS office. But they shrunk into huddles and sang love songs whenever charged upon by police or counter protesters.
“Come embrace, hold, shake hands, give high fives... and kiss. They take away our cafes, our pubs, our parks, our galis and mohallas and tell us this is no place to kiss. Let’s go to Jhandewala where the grand office of RSS is located and register our protest,” said the Facebook group of Delhi chapter.  

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