सिख दंगे पर प्रस्ताव: वापस लिया जाए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का 'भारत रत्न' : दिल्ली विधानसभा में आप विधायक

Jarnail Singh
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत में सोनिया गाँधी की सलाहकार परिषद् के रहे सदस्यों द्वारा गठित आम आदमी पार्टी भी लगता है, मोदी के इस अभियान में सम्मिलित हो गयी है। 
दिल्ली के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 में सिख विरोधी दंगे भड़काने के आरोप में दोषी सिद्ध होते ही आप पार्टी में कांग्रेस के विरुद्ध आवाज़ बुलंद होनी स्वाभाविक है। 
यही कारण है कि आम आदमी पार्टी में इन दिनों राजीव गांधी को लेकर विरोधी स्वर सुनाई दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी के एक विधायक का कहना है कि राजीव गांधी से उनका भारत रत्न पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए। इसके पीछे की वजह साल 1984 में हुआ सिखों का कत्लेआम बताई जा रही है। पीटीआई की खबर के मुताबिक दिसम्बर 21 को दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में पारित भी हो गया। 
इस प्रस्ताव को आम आदमी पार्टी के विधायक जनरैल सिंह ने विधानसभा में पेश किया। खबरों के अनुसार यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया है। प्रस्ताव में यह बात कही गई कि दिल्ली सरकार की ओर से गृह मंत्रालय को कड़े शब्दों में यह लिख कर दिया जाना चाहिए कि राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास के सबसे भयानक जनसंहार के पीड़ितों के परिवार और उनके अपने न्याय से वंचित हैं।’View image on Twitter
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Jarnail Singh,AAP MLA: Delhi Assembly today declared 1984 anti-Sikh riots as worst genocide in the history of India’s national capital. In a resolution that has been passed today we have demanded from the Centre that Bharat Ratna should be withdrawn from Former PM Rajiv Gandhi.
राजीव गांधी की मां और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद देश की बागडोर राजीव गांधी के हाथ में आई थी। इस दौरान हुए दंगों में सिख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में देश भर में मारे गए थे। साल 1991 में राजीव गांधी को भारत रत्न पुरस्कार दिया गया था।
 'आप' विधायक जनरैल सिंह ने कहा, 'दिल्ली विधानसभा ने साल 1984 के सिख विरोधी दंगे को राजधानी के इतिहास का सबसे बर्बर नरसंहार करार दिया है। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न पुरस्कार वापस ले।'
Lines about Late Rajiv Gandhi were not part of resolution placed before house and distributed to the members.
One MLA in his handwriting proposed an addition/amendment about Late Rajiv Gandhi.
Amendments cannot be passed in this manner.
आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि फिलहाल राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। एक विधायक की ओर से प्रस्ताव में इस बात को शामिल किए जाने के लिए कहा गया था लेकिन यह संशोधन इस तरह पास नहीं किया जा सकता है।
प्रस्ताव के अनुसार राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की मौत के बाद विवादित बयान देकर सिख दंगों को भड़काया था। इसके बाद AAP के विधायक ने मीडिया से बात कर इसकी पुष्टि भी की थी। जरनैल सिंह ने कहा था, 'राजीव गांधी के खिलाफ इस प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से मांग करती है कि केंद्र सरकार राजीव गांधी को दिए गए अवार्ड को वापस ले, क्योंकि यह भारत के इतिहास में सबसे खराब "नरसंहार" था। इसके पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है और इसे बार-बार टाल दिया जाता है। बता दें कि 1991 में राजीव गांधी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।' 
Related imageप्रस्ताव का विरोध करने पर विधायिका अलका लाम्बा निष्कासित 
अलका लांबा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिये गये ‘भारत रत्न’ सम्मान को वापस लेने की मांग संबंधी विधानसभा में पेश कथित प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफ़ा देने जा रही हैं। टाइम्स नाउ से बात करते हुए चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा ने कहा, 'मैं पार्टी के प्रस्ताव से सहमत नहीं थी, इसलिए यह ने यह निर्णय लिया। पार्टी बैक फुट पर थी। मैं इस बात के लिए सहमत नहीं थी कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिया जाए। मैं अपने स्टैंड पर कायम रहूंगी चाहे इसका मुझे कोई भी परिणाम भुगतना पड़े।'
अलका लांबा ने आगे कहा, 'केजरीवाल चाहते थे कि मैं इस्तीफा दूं। मैं उनकी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीती थी, इसलिए मैं इस्तीफा दे रही हूं।' यहीं नहीं अलका ने ट्वीट कर भी कहा, 'आज दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए, मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने के लिये कहा गया, जो मुझे मंजूर नहीं था, मैंने सदन से वॉकआउट किया। अब इसकी जो सजा मिलेगी मैं उसके लिये तैयार हूं।’View image on Twitter
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आज @DelhiAssembly में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये,
मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया,जो मुझे मंजूर नही था,मैंने सदन से वॉक आउट किया।
अब इसकी जो सज़ा मिलेगी,मैं उसके लिये तैयार हूँ।
इससे पहले लांबा ने पीटीआई से कहा कि किसी व्यक्ति को किसी एक कार्य के लिये भारत रत्न नहीं मिलता है। देश के लिए जीवन पर्यन्त उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह सम्मान दिया जाता है। इसलिए किसी एक वजह से भारत रत्न वापस लेने की बात का समर्थन करना उचित नहीं है।उन्होंने कहा, 'राजीव जी ने देश के लिए क़ुर्बानी दी है, इस बात को नहीं भुलाया जा सकता है।' 
आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि फिलहाल राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। एक विधायक की ओर से प्रस्ताव में इस बात को शामिल किए जाने के लिए कहा गया था लेकिन यह संशोधन इस तरह पास नहीं किया जा सकता है।

Related imageआप में घमासान, अलका लांबा की छुट्टी के साथ सोमनाथ भारती भी हटाए गए

आम आदमी पार्टी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में पारित होने के बाद,अब एक नया मोड़ सामने आया है। AAP की विधायक अलका लांबा की पार्टी से छुट्टी कर दी गई है। वहीं सोमनाथ भारती को भी प्रवक्ताओं के पैनल से हटा दिया गया है। जबकि विधायक जरनैल सिंह पर भी कार्रवाई करने किए जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अलका इस प्रस्ताव के खिलाफ थीं और नहीं चाहती थीं कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग की जाए।
वहीं सोमनाथ भारती कुछ अलग ही कहते नजर आ रहे हैं। सोमनाथ भारती ने ट्वीट कर लिखा कि ऐसा कोई बिल विधानसभा में पारित ही नहीं हुआ। हालांकि वह यह मानते हैं कि इसकी पेशकश उन्होंने की थी, लेकिन उनके अनुसार यह प्रस्ताव का मूल हिस्सा नहीं बनी, न इसपर कोई वोटिंग हुई।
सोमनाथ भारती ने लिखा, 'लेजिसलेटिव प्रोसेस में किसी भी प्रस्ताव पर हर विधायक अपने विचार को रखते हुए मूल प्रस्ताव में अपने विचार को जोड़ने की मांग या प्रस्ताव से किसी लाइन के साथ राजी ना होते हुए उसे प्रस्ताव से हटाने की मांग रख सकता है, लेकिन जब तक उस विधायक का जोड़ने घटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होती तब तक वह मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं बनता है। मेरा सुझाव सदन में माननीय अध्यक्ष महोदय ने वोटिंग के लिए रखा ही नहीं तो उस पर वोट कहां से होती इसी कारण मेरा सुझाव मूल प्रस्ताव का हिस्सा बना ही नहीं।'
लेकिन जब तक उस विधायक का जोड़ने घटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होती तब तक वह मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं बनता है। मेरा सुझाव सदन में माननीय अध्यक्ष महोदय ने वोटिंग के लिए रखा ही नहीं तो उस पर वोट कहां से होती इसी कारण मेरा सुझाव मूल प्रस्ताव का हिस्सा बना ही नहीं।...2/2
विवाद कॉपी को लेकर है और मामला सामने आने के बाद AAP इस मामले से खुद को दूर करने का ठिकाना ढ़ुंढ़ रही है। इन दो विधायकों के अलग-अलग बयान के बाद से यह तो पता चल गया है कि AAP में आपस में ही राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने की मांग को लेकर मतभेद हैं। अलका द्वारा अपलोड किए गए प्रस्ताव की कॉपी में साफ-साफ इसको पास होने को लेकर लिखा गया है, जबकि सोमनाथ भारती इससे इनकार कर रहे हैं। AAP विधायक सौरभ भारद्वाज भी सोमनाथ भारती से सहमत दिख रहे हैं। भारद्वाज ने कहा है कि एक विधायक ने खुद से इसमें यह बात लिख दी, जबकि यह  मूल प्रस्ताव का हिस्सा थी ही नहीं।

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