नसीरुद्दीन शाह द्वारा दिए बयान पर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तर प्रदेश के जौनपुर में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह और धार्मिक भावनाएं आहत करने का परिवाद वकील आनंद श्रीवास्तव ने जौनपुर के दीवानी में हुआ परिवाद दाखिल किया है. जानकारी के मुताबिक, मजिस्ट्रेट ने इसे स्वीकार करते हुए परिवादी के बयान के लिए तीन जनवरी की तारीख मुकर्रर की है.
वकील आनंद श्रीवास्तव ने कोर्ट में परिवाद दाखिल कर कहा है कि अभिनेता पर भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कि अभिनेता के भड़काऊ वक्तव्य से मीडिया पर देख और सुनकर उनकी और साथियों की भावनाएं आहत हुईं.
अवलोकन करें:--
आपको बता दें कि बॉलीवुड के बेहतरीन और सीनियर एक्टर्स में से एक नसीरुद्दीन शाह ने हाल में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि देश में जैसा माहौल चल रहा है उसे देखकर उन्हें डर लगता है कि कल को उनके बच्चों को किसी गली में घेर कर न पूछ लिया जाए कि तुम हिंदू हो या मुस्लिम. हिंदू-मुस्लिम मामले पर बोलते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ये एक जहर की तरह जो जहर की तरह फैल रहा है. इस जिन्न को बोतल में बंद करने की जरूरत है.
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में बुलंदशहर हुई घटना की जिक्र करते हुए कहा कि गाय की मौत को एक पुलिसवाले की मौत से ज्यादा अहमियत दी जाती है. मुझे फ्रिक होती है अपनी औलाद के बारे में सोच कर क्योंकि उनका कोई मजहब ही नहीं है. मजहबी तालीम मुझे मिली थी और रत्ना (नसीरुद्दीन शाह की वाइफ) को थोड़ी-बहुत मिली थी लेकिन हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम बिलकुल भी नहीं दी है. क्योंकि मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है. हां अच्छाई और बुराई के बारे में मैंने उन्हें जरूर बताया है.
नसीरुद्दीन शाह ने आगे बात करते हुए अपना डर बयां किया कि मुझे फ्रिक होती है अपने बच्चों की अगर कल को उन्हें एक भीड़ ने घेर लिया कि तुम हिंदू हो या मुसलमान तो उनके पास तो कोई जवाब ही नहीं होगा. इस बात की फ्रिक होती है कि हालात इतनी जल्दी तो मुझे सुधरते नहीं नजर आ रहे. इन बातों से मुझे डर नहीं लगता गुस्सा आता है. और मुझे लगता है हर सही सोच वाले इंसान को गुस्सा आना चाहिए, डर नहीं लगना चाहिए. हमारा घर है हमें कोई कैस निकाल सकता है यहां से?
No comments:
Post a Comment