योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल की जनसभा को फोन से संबोधित कर रच दिया इतिहास


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
अक्सर अपने लेखों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी अधिक निर्भीक और कठोर प्रशासक बताता रहा हूँ। शायद यही कारण है कि योगी के मुख्यमन्त्री बनने के बाद से हुए चुनावों में मोदी-अमित के साथ-साथ योगी को भी प्रचार के लिए बराबर का भागीदार बनाया जाता है। बंगाल में रैली को फोन से सम्बोधित कर एक नया इतिहास रच दिया।  
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बिना कोई नोटिस दिए ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलिकॉप्टर लैंडिंग की इजाज़त नहीं दी जिस वजह से उनकी बालुर घाट में होने वाली एक रैली रद्द हो गई है। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया, 'यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की लोकप्रियता का ही असर है कि ममता बनर्जी ने हेलिकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत तक नहीं दी।' खबरों की मानें तो पश्चिम बंगाल सरकार ने रैली के लिए भी ईजाजत नहीं दी थी।
रैली की इजाजत नहीं मिलने पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा महासचिव  और पश्चिम बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, 'सत्ता का दुरुपयोग !!! योगी आदित्यनाथ जी को पश्चिम बंगाल में हेलीकॉप्टर उतारने की परमीशन नहीं दी! बालारूघाट प्रशासन पर सरकार का दबाव! ये लोकतंत्र है या राजतंत्र ?  हेलीकॉप्टर उतारने की इजाजत न देने का विरोध! जब तक इजाजत नहीं, घरना जारी रहेगा!'


UP CM: Mamata Banerjee has opposed BJP’s 'save democracy' movement from beginning, Amit Shah was to go there to start this initiative,WB govt stopped it. I had rallies in Balurghat&Raiganj today but they didn’t permit chopper landing. That's why had to address rally via telephone
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के जनसभा की अनुमति न देने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरा रास्ता निकाल लिया है। वहां पर जनसभा में काफी भीड़ आने के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में सभा को फोन पर संबोधित किया।


UP CM in Lucknow while addressing a rally in Balurghat,South Dinajpur via telephone:Mamata Ji must accept that you don’t misuse admn. in a democracy, the way it's being done in West Bengal.The way Bengal’s admn is functioning as the workers of TMC, should not be acceptable at all
पश्चिम बंगाल में आज सीएम योगी आदित्यनाथ को दो जनसभा को संबोधित करना था। सभास्थल के पास हेलिकॉप्टर की लैंडिंग की परमिशन नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पश्चिम बंगाल नहीं जा सके तो उन्होंने दूसरा तरीका निकाल लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सूचना मिली थी कि जनसभा स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी है। इसके बाद उन्होंने जनसभा को मोबाइल फोन से संबोधित करने का फैसला किया।
उनको आज(फरवरी 3) बांकुरा के साथ पुरुलिया में जनसभा करनी थी। सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उनकों परमिशन नहीं दी गई। परमिशन नहीं मिलने के कारण सीएम योगी अपने सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग पर वापस लौट आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर जिले में दोनों जनसभाओं के लिए ममता सरकार ने अनुमति नहीं दी है। सभा के साथ ही हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति देने के लिए जिला प्रशासन के कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन रविवार को दिन के साढ़े दस बजे कर अनुमति नहीं मिली।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली के लिए अनुमति न मिलने को भाजपा ने अलोकतांत्रिक बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गहरी नाराजगी जताई है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता मुकुल रॉय ने ममता सरकार के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अंतत: भाजपा को बालुरघाट में रैली की इजाजत मिलेगी। वहां कोई रेगुलर एय़रपोर्ट नहीं है, ऐसे में हेलीकॉप्टर को लैंडिग की इजाजत देने से कौन सा नुकसान हो सकात है। यह पश्चिम बंगाल सरकार का अलोकतांत्रिक कदम है।'


West Bengal BJP leader Mukul Roy: Ultimately, BJP will get permission at Balurghat. There is a regular airport at Balurghat. What is the harm of giving permission to land helicopter on that regular helipad? So, it is absolutely undemocratic attitude of the govt of West Bengal.
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भी मालदा में रैली से पहले इजाजत को लेकर विवाद हो गया था। जिस स्कूल के ग्राउंड पर रैली प्रस्तावित थी उसकी अनुमति भी डीएम ने नहीं दी थी। भाजपा ने 18 जनवरी को एडीएम को पत्र लिखकर मालदा में भाजपा अध्यक्ष के हेलिकॉप्टर के उतरने की अनुमति मांगी थी जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला प्रशासन ने कहा, 'मालदा हवाई पट्टी के उन्नतिकरण का काम किया जा रहा है। वहां बालू और अन्य निर्माण सामग्री फैली हुई है। ऐसे में एयरपोर्ट हेलिकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए अनुमति देना संभव नहीं है। हालांकि बाद में विवाद बढ़ने पर जिला प्रशासन ने उनके हेलिकॉप्टर को उतरने की अनुमति दे दी थी। 

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