जम्मू-कश्मीर के अलागवावादी नेताओं पर भारतीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घाटी के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत 14.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा ईडी ने 10 हजार डॉलर (करीब सात लाख रुपए) जब्त किए हैं। यह रकम साल 2002 में गिलानी के श्रीनगर स्थित आवास पर आयकर विभाग की छापे के दौरान पकड़ी गई थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने 87 वर्षीय अलगाववादी नेता को फेमा के अलग-अलग प्रावधानों के तहत नोटिस भेजा था। यही नहीं ईडी जेकेएलएफ के पूर्व चेयरमैन यासीन मलिक के पास से मिली अवैध विदेशी मुद्रा को जब्त करने के साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाएगा। मलिक के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही जारी है। बता दें कि एनआईए और अन्य एजेंसियां घाटी में टेरर फंडिंग की जांच कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस दौरान अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की है।
पुलवामा में गत 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगावादी नेताओं के खिलाफ भारत सरकार ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। सरकार ने अलगाववादी नेताओं को दी गई सुरक्षा वापस ले ली। सुरक्षा हटाए जाने के बाद अलगाववादी नेताओं ने कहा कि उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की थी। हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान समर्थक कहा जाता है। इन पर आरोप है कि ये घाटी में अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के साथ-साथ सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने के लिए युवाओं को पैसे देते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में कार्रवाई करते हुए कुछ समय पहले मीर वाइज उमर फारूक के घर से हॉट लाइन बरामद की। बताया गया कि मीर वाइज इस हॉट लाइन का इस्तेमाल पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बातचीत करने के लिए करते थे।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने 87 वर्षीय अलगाववादी नेता को फेमा के अलग-अलग प्रावधानों के तहत नोटिस भेजा था। यही नहीं ईडी जेकेएलएफ के पूर्व चेयरमैन यासीन मलिक के पास से मिली अवैध विदेशी मुद्रा को जब्त करने के साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाएगा। मलिक के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही जारी है। बता दें कि एनआईए और अन्य एजेंसियां घाटी में टेरर फंडिंग की जांच कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस दौरान अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की है।
पुलवामा में गत 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगावादी नेताओं के खिलाफ भारत सरकार ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। सरकार ने अलगाववादी नेताओं को दी गई सुरक्षा वापस ले ली। सुरक्षा हटाए जाने के बाद अलगाववादी नेताओं ने कहा कि उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की थी। हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान समर्थक कहा जाता है। इन पर आरोप है कि ये घाटी में अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के साथ-साथ सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने के लिए युवाओं को पैसे देते हैं।
ED Sources: Enforcement Directorate will also impose a penalty and confiscate the illegal acquisition of foreign exchange recovered from Yasin Malik, former Chairman of JKLF. The adjudication proceedings against Yasin Malik are in progress
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