एक तरफ भारत में मोदी विरोधी पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों की लाशें देखने के लिए जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान किसी मीडिया को उस स्थान तक जाने से रोक रहा है, ताकि एयर स्ट्राइक से हुए नुकसान की सच्चाई सार्वजनिक न हो सके।
भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एक पहाड़ी पर जिस मदरसे पर एयर स्ट्राइक की थी, वहां अभी भी मीडिया को जाने से रोका जा रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को एक मीडिया एजेंसी की टीम को उस मदरसे और आसपास की इमारतों के एक समूह पर चढ़ाई करने से रोक दिया, जहां पिछले सप्ताह भारतीय युद्धक विमानों ने हवाई हमले किए थे।
पिछले 9 दिनों में यह तीसरी बार है जब रॉयटर्स के पत्रकारों ने इस क्षेत्र का दौरा किया। पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने पहुंच से इनकार करने के लिए सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया। इस्लामाबाद में सेना की प्रेस विंग ने दो बार मौसम और संगठनात्मक कारणों से साइट पर जाने का प्लान बदल दिया। एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के कारण कुछ दिनों के लिए कोई यात्रा संभव नहीं होगी।
अवलोकन करें:-
26 फरवरी को वायु सेना की कार्रवाई के बाद से ही पाकिस्तान कह रहा है कि वहां कोई नुकसान नहीं हुआ है और किसी की भी जान नहीं गई है। जिस दिन भारत ने ये कार्रवाई की, उस दिन विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि इसमें कथित प्रशिक्षण शिविर में बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों और जिहादियों के समूहों को मार डाला।
रॉयटर्स की टीम मदरसे को 100 मीटर दूर से देख सकती थी। जिस इमारत को पत्रकार देखे सकते है, वह पेड़ों से घिरी हुई है, और इसमें क्षति या गतिविधि के कोई संकेत नहीं दिख रहे। यह देखते हुए मूल्यांकन बहुत सीमित है।
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