केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने मार्च 6 को कहा कि लोग चाहते हैं कि आतंकवादियों को निशाना बनाने में भारत, इजराइल के अनुरूप व्यवहार करें लेकिन ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वहां का विपक्ष भारत जैसा नहीं है और आपरेशन म्यूनिख जैसे कार्यों के संबंध में अपनी सेना पर सवाल नहीं उठाता, अपमानित नहीं करता.
वीके सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में सरकार के आलोचकों पर निशाना साधा जिसमें विपक्षी नेता, छात्र नेता, कार्यकर्ता, मीडिया आदि शामिल हैं . उन्होंने भारत के भीतर एक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का आह्वान करते हुए दावा किया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो डकैत, लूटने को तैयार हैं .
‘लोगों को आज प्रतिशोध चाहिए’
‘हिन्दुस्तान इजराइल क्यों नहीं बनता…’ शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में वी के सिंह ने लिखा, ‘लोगों को आज प्रतिशोध चाहिए. बस मोदी टैंक लेकर घुसें, और सब पाकिस्तानियों को ख़त्म कर दें. हम चाहते हैं, रातों रात इजराइल मोड में आ जाएं.’ उन्होंने आगे लिखा कि मोदी है, तो उन्हें पूरी अपेक्षा और विश्वास है कि बदला होगा, भीषण होगा, सौ गुना हाहाकारी होगा. पर भारत, इजराइल नहीं बन सकता और ना ही बन पाएगा.
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि छोटे से इजराइल पर आस पास के 10 देश हमला कर दें, पर तब भी वह छः दिन के अंदर उन्हें धूल चटा कर वापस उन्हीं के घर में बिठा देता है. एक छोटे से देश पर कोई एक ग्रेनेड फेंकने से पहले 10 बार सोचता है, क्योंकि 10 गुना नुकसान वापस झेलना पड़ेगा.
‘क्योंकि इजराइल में कोई जेएनयू नहीं’
उन्होंने लिखा, सवाल है कि भारत इजराइल क्यों नहीं बन सकता? ‘क्योंकि इजराइल में कोई जेएनयू नहीं जहां इजराइल के युवा ‘इजराइल, तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगा सकें. इजराइल में कोई सरकार चुने जाने के दो महीने के अंदर किसी गंभीर आरोपों में घिरे किसी नक्सली को क्लीन चिट नहीं देती .’
पाकिस्तान में आतंकी शिविरों में वायु सेना के हमलों का सबूत मांगने वालों पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा कि क्योंकि इजराइल जब ऑपेरशन म्यूनिख करता है तो वहां का विपक्ष सबूत मांग कर देश एवं सेना को अपमानित नहीं करता . उनका परोक्ष संदर्भ इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा 1972 म्यूनिख ओलंपिक में आतंकी हमले में उसके दल कई सदस्यों की मौत में शामिल लोगों को मारने के छिपे अभियान के संदर्भ में था .
वीके सिंह ने यह पोस्ट ऐसे समय में लिखा है जब बालाकोट वायु सेना हमले को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच शब्दों के बाण तेज हो गए हैं . विपक्षी दल की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कुछ पार्टी नेताओं द्वारा हमले में आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या संबंधी बयान के संबंध में सबूत मांगे जा रहे हैं . इस संबंध में एक ट्वीट में वी के सिंह ने कहा, ‘रात 3.30 बजे मच्छर बहुत थे, तो मैंने हिट मारा . अब मच्छर कितने मारे, ये गिनने बैठूँ, या आराम से सो जाऊं?’
‘वहां के पत्रकार आंतकियों के लिए मानवाधिकार का रोना नहीं रोते’
वहीं, फेसबुक पोस्ट में सिंह ने कहा कि क्योंकि वहां (इजराइल) के पत्रकार आतंकियों के लिए मानवाधिकार का रोना नहीं रोते हैं. और ना ही वहां के पत्रकार आतंकी को आतंकवादी कहने के बजाय चरमपंथी या उग्रवादी कहते हैं . क्योंकि इजराइल के कोई जाट, गुर्जर, मराठा वहां की किसी सार्वजनिक सम्पत्ति को नहीं जलाते. वहां देश सर्वोपरि होता है, जाति या धर्म नहीं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्योंकि वहां के नेता, सेनाध्यक्ष को कुत्ता, गुंडा नहीं कहते. वहां करदाताओं के पैसों पर पढ़ने वाले शेहला रशीद या कन्हैया कुमार जैसे जोंक नहीं है . वहां के अभिनेता अपनी धरती पर जहां वो पैदा हुए हैं, जहां वो सफल हुए हैं, उस पर शर्मिंदा नहीं होते. असहिष्णुता का नाटक नहीं करते.
विपक्षी दलों पर परोक्ष तंज कसते हुए सिंह ने कहा कि वहां लोग नेतन्याहू या उसकी पार्टी का विरोध करते करते इजराइल विरोधी नहीं हो जाते. यहाँ आपको सैकड़ो मिलेंगे जिनके मन में एक अजीब सी खुशी है कि बस इसी बहाने मोदी, भाजपा पर कीचड़ उछालेंगे, कि बहुत कूद रहे थे कि कोई आतंकवादी हमला नहीं हुआ.
अवलोकन करें:-
उन्होंने कहा कि क्योंकि वहां के नेता देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों के पीछे नहीं खड़े होते, और ना ही वहां की जनता किसी बात के लालच में आकर ऐसे नेताओं के पीछे खड़ी होती है. उन्होंने कहा कि वहां का विपक्ष अपने धुर विरोधी ईरान में जाकर ये नहीं कहता कि आप नेतन्याहू को हटाने में हमारी मदद करो .
वीके सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में सरकार के आलोचकों पर निशाना साधा जिसमें विपक्षी नेता, छात्र नेता, कार्यकर्ता, मीडिया आदि शामिल हैं . उन्होंने भारत के भीतर एक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का आह्वान करते हुए दावा किया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो डकैत, लूटने को तैयार हैं .
‘लोगों को आज प्रतिशोध चाहिए’
‘हिन्दुस्तान इजराइल क्यों नहीं बनता…’ शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में वी के सिंह ने लिखा, ‘लोगों को आज प्रतिशोध चाहिए. बस मोदी टैंक लेकर घुसें, और सब पाकिस्तानियों को ख़त्म कर दें. हम चाहते हैं, रातों रात इजराइल मोड में आ जाएं.’ उन्होंने आगे लिखा कि मोदी है, तो उन्हें पूरी अपेक्षा और विश्वास है कि बदला होगा, भीषण होगा, सौ गुना हाहाकारी होगा. पर भारत, इजराइल नहीं बन सकता और ना ही बन पाएगा.
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि छोटे से इजराइल पर आस पास के 10 देश हमला कर दें, पर तब भी वह छः दिन के अंदर उन्हें धूल चटा कर वापस उन्हीं के घर में बिठा देता है. एक छोटे से देश पर कोई एक ग्रेनेड फेंकने से पहले 10 बार सोचता है, क्योंकि 10 गुना नुकसान वापस झेलना पड़ेगा.
‘क्योंकि इजराइल में कोई जेएनयू नहीं’
उन्होंने लिखा, सवाल है कि भारत इजराइल क्यों नहीं बन सकता? ‘क्योंकि इजराइल में कोई जेएनयू नहीं जहां इजराइल के युवा ‘इजराइल, तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगा सकें. इजराइल में कोई सरकार चुने जाने के दो महीने के अंदर किसी गंभीर आरोपों में घिरे किसी नक्सली को क्लीन चिट नहीं देती .’
पाकिस्तान में आतंकी शिविरों में वायु सेना के हमलों का सबूत मांगने वालों पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा कि क्योंकि इजराइल जब ऑपेरशन म्यूनिख करता है तो वहां का विपक्ष सबूत मांग कर देश एवं सेना को अपमानित नहीं करता . उनका परोक्ष संदर्भ इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा 1972 म्यूनिख ओलंपिक में आतंकी हमले में उसके दल कई सदस्यों की मौत में शामिल लोगों को मारने के छिपे अभियान के संदर्भ में था .
वीके सिंह ने यह पोस्ट ऐसे समय में लिखा है जब बालाकोट वायु सेना हमले को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच शब्दों के बाण तेज हो गए हैं . विपक्षी दल की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कुछ पार्टी नेताओं द्वारा हमले में आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या संबंधी बयान के संबंध में सबूत मांगे जा रहे हैं . इस संबंध में एक ट्वीट में वी के सिंह ने कहा, ‘रात 3.30 बजे मच्छर बहुत थे, तो मैंने हिट मारा . अब मच्छर कितने मारे, ये गिनने बैठूँ, या आराम से सो जाऊं?’
‘वहां के पत्रकार आंतकियों के लिए मानवाधिकार का रोना नहीं रोते’
वहीं, फेसबुक पोस्ट में सिंह ने कहा कि क्योंकि वहां (इजराइल) के पत्रकार आतंकियों के लिए मानवाधिकार का रोना नहीं रोते हैं. और ना ही वहां के पत्रकार आतंकी को आतंकवादी कहने के बजाय चरमपंथी या उग्रवादी कहते हैं . क्योंकि इजराइल के कोई जाट, गुर्जर, मराठा वहां की किसी सार्वजनिक सम्पत्ति को नहीं जलाते. वहां देश सर्वोपरि होता है, जाति या धर्म नहीं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्योंकि वहां के नेता, सेनाध्यक्ष को कुत्ता, गुंडा नहीं कहते. वहां करदाताओं के पैसों पर पढ़ने वाले शेहला रशीद या कन्हैया कुमार जैसे जोंक नहीं है . वहां के अभिनेता अपनी धरती पर जहां वो पैदा हुए हैं, जहां वो सफल हुए हैं, उस पर शर्मिंदा नहीं होते. असहिष्णुता का नाटक नहीं करते.
विपक्षी दलों पर परोक्ष तंज कसते हुए सिंह ने कहा कि वहां लोग नेतन्याहू या उसकी पार्टी का विरोध करते करते इजराइल विरोधी नहीं हो जाते. यहाँ आपको सैकड़ो मिलेंगे जिनके मन में एक अजीब सी खुशी है कि बस इसी बहाने मोदी, भाजपा पर कीचड़ उछालेंगे, कि बहुत कूद रहे थे कि कोई आतंकवादी हमला नहीं हुआ.
अवलोकन करें:-
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