
योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ के लोग बड़े होटलों में रुकते हैं और फ्लाइट से यात्रा करते हैं। उन्होंने पूछा कि इन सबके लिए रुपया आख़िर आ कहाँ से रहा है? उन्होंने कहा कि मुल्सिम लॉ बोर्ड बस एक एनजीओ की तरह है जो देश के बदले अपने फायदे के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुधर जाए क्योंकि सरकार उनकी गतिविधियों पर जाँच भी बिठाएगी।
दूसरी सबसे बड़ी आबादी अल्पसंख्यक क्यों कही जाती है?
कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(NGO) कांग्रेस से दूर होते मुस्लिम समाज को कांग्रेस में बने रहने के उद्देश्य से इस NGO की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी द्वारा करवाई गयी थी और उसका लाभ कांग्रेस आज तक उठा रही है यानि मुस्लिम वोटबैंक की तरह इनका उपयोग कर रही है। इसी कारण कांग्रेस और उसके समर्थक पार्टियां मुस्लिमों की हर जायज-नाजायज मांग का आंख मीच कर समर्थन करते हैं, अल्पसंख्यक के नाम पर कभी उनको देश की मुख्यधारा से जुड़ने से दूर रखने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में अब चर्चा यह भी है, कि देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी अल्पसंख्यक क्यों कही जाती है?
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (NGO) की धार्मिक संस्था "नदवा" लखनऊ में असंवैधानिक Meeting कहीं देश के ख़िलाफ़ कोई साज़िश तो नहीं है ?@ANI @aajtak @News18India @IndiaToday @ABPNews @ZeeNewsHindi @indiatvnews pic.twitter.com/tk5HFlAuA5— Mohsin Raza (@Mohsinrazabjpup) October 12, 2019
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों व अन्य संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों को ठुकरा दिया है। आज ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की बैठक भी हुई। संगठन ने साफ़ कर दिया है कि विवादित ज़मीन को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। मुस्लिम पक्षकार जफरयाब जिलानी ने कहा कि बोर्ड इस तरह की किसी भी माँग से काफ़ी हैरान है। बोर्ड ने क़ानूनी प्रक्रिया से इस मामले का हल निकालने की अपनी बात दोहराई और कहा कि वे सभी सुप्रीम कोर्ट के बहुप्रतीक्षित फ़ैसले का इंतजार कर रहे हैं।
जमीरुद्दीन शाह ने कहा कि अगर हिन्दू पक्ष केस जीत जाता है, फिर भी भारतीय समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं जो इसका ग़लत फ़ायदा उठाना चाहेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की फंडिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि टेरर फंडिंग विदेश से होती है। साथ ही उन्होंने पूछा कि बोर्ड को फंडिंग कहाँ से मिल रही है?
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