आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला देते ही शनिवार(नवम्बर 9) को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वह कोर्ट के निर्णय के साथ है और अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए। लेकिन रविवार(नवम्बर 10) को कांग्रेस के मुखपत्र 'नेशनल हेराल्ड' में एक ऐसा विवादित कार्टून छपा जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे कांग्रेस के दोहरे रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
नेशनल हेराल्ड में एक एक विवादित कार्टून छापा है जिसमें 1992 की अयोध्या वाली तस्वीर और 2019 वाले सुप्रीम कोर्ट की तस्वीर है और कार्टून में लिखा गया है, 'जिसकी लाठी. उसकी भैंस।' इसके साथ कैप्शन दिया गया है, 'क्या भगवान बल, हिंसा और रक्तपात से निर्मित मंदिर में निवास कर सकते हैं? भले ही भगवान वहाँ निवास करने का निर्णय लेते हों लेकिन क्या कभी ऐसे मंदिर में प्रार्थना की जा सकती है?
नेशनल हेराल्ड में छपे इस कार्टून को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस की जमकर आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'भारत की सर्वोच्च न्यायालय और भारत की न्याय प्रणाली से अच्छी न्याय प्रणाली पूरे विश्व भर में नहीं है और उस न्याय प्रणाली पर उँगली उठाने का काम कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड एक शर्मनाक तरीके से करती है।'
दशकों पुराने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का ज्यादातर लोगों ने स्वागत किया है। लेकिन, एक वर्ग ऐसा भी है जिन्हें विवादित जमीन रामलला को मिलना खटक रहा है। ऐसा ही हाल कांग्रेस का भी है। एक तरफ उसके नेता फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी ओर उसका मुखपत्र नेशनल हेराल्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तुलना पाकिस्तानी कोर्ट के एक बेतुके फरमान से कर रहा है।
The #SupremeCourt of India has ruled exactly what #VishwaHinduParishad and #BJP wanted from the beginning, even after accepting that installing idols and demolition of the mosque was unlawful https://t.co/IuKRdczuV0— National Herald (@NH_India) November 10, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामजन्मभूमि बताते हुए पूरी राम मंदिर के निर्माण के लिए देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि इस जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना हक साबित करने में विफल रहा। बावजूद इसके अदालत ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए पॉंच एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश भी केंद्र सरकार को दिया है।
इस फैसले का स्वागत कांग्रेस ने भी किया। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने फैसला आने के बाद ट्वीट कर कहा, “सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।”
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है।— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 9, 2019
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।
इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी और अन्य लोगों के सत्ता के भोग के लिए देश की आस्था के साथ राजनीति करने के द्वार भी हमेशा के लिए बंद हो गए हैं।#AYODHYAVERDICT pic.twitter.com/mZB9nPW4dI
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है।”
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 9, 2019
#AyodhyaVerdict
अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 9, 2019
प्रियंका गाँधी ने इस फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा, “अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।”
लेकिन, मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के एक लेख के जरिए इस फैसले की तुलना पाकिस्तानी कोर्ट के आदेश से की गई है। कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वैसा ही फैसला सुनाया जैसा शुरुआत से भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद चाहती रही है। फैसले से स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी तौर पर वही किया है जिसकी मॉंग बीजेपी और विहिप लंबे समय से कर रही थी।
नेशनल हेराल्ड के इस लेख को लिखा है आकार पटेल ने। लेख में अपना एक अनुभव साझा करते हुए पटेल ने लिखा है कि 30 साल पहले जब वो छात्र थे, तो बोकारो में उनके यूनिवर्सिटी में इसी मुद्दे पर बोलने के लिए अरुण शौरी आए थे, जो उस समय भाजपा समर्थक थे। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम कहीं और मस्जिद बनाए, क्योंकि यह स्थान हिन्दू के लिए पवित्र स्थान है। आकार पटेल ने लिखा कि अभी जो हुआ, वह वही बात है, सिवाय इसके कि अब इसे कानूनी कवर मिल गया है।
नेशनल हेराल्ड के इस लेख में कहा गया है कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के 65 साल पुराने एक आदेश जैसा है। लेख में कहा गया है कि 1948 में जिन्ना की मौत और 1951 में उनके उत्तराधिकारी लियाकत अली खान की हत्या के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग नेतृत्व विहीन हो गया। ऐसे हालात में गुलाम मोहम्मद गवर्नर जनरल बना। उसने 1954 में पाकिस्तान की संविधान सभा को गैरकानूनी तरीके से भंग कर दिया। इसके खिलाफ अदालत में अपील की गई। गुलाम ने जो किया वह कानून के खिलाफ होने के बावजूद अदालत ने उसके फैसले का बचाव किया। इस फैसले ने गुलाम मोहम्मद को मनमर्जी करने की छूट दे दी।
लेख में कहा गया है कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दूरगामी असर होगा। समय के साथ यह देखने को मिलेगा। लेकिन, यह तय है कि इसके नतीजे दिखाई पड़ेंगे ही। हालाँकि लेखक ने ‘उम्मीद’ जताई है कि भारत के लिए यह उतना घातक नहीं हो, जिस तरह वह फैसला पाकिस्तान के लिए साबित हुआ।
कांग्रेस ने की शर्मनाक हरकत, पाक जाकर सिद्धू ने किया देश को बदनाम
वहीं सिद्धू द्वारा पाकिस्तान के करतारपुर जाकर दिए गए बयान पर भी बीजेपी ने सिद्धू और कांग्रेस दोनों को घेरा है। संबित पात्रा ने कहा, 'करतारपुर कॉरिडोर और राम जन्मभूमि को लेकर जिस प्रकार कांग्रेस का रवैया रहा है वो आज हमारे सामने उजागर हुआ है। नवजोत सिंह सिद्धू वो करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में पाकिस्तान की ओर से मुख्य अतिथि के रूप में जाते हैं और भारत के पहले जत्थे में भी नहीं जाते हैं।'
सिद्धू पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए संबित पात्रा ने कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू का ये कहना कि 'हम मार रहे हैं और वो (पाकिस्तान) बचा रहे है' ये कांग्रेस की मनोस्थिति दर्शाता है। अगर जान से कोई मारने का काम करता है तो ये पाकिस्तान करता है। हमारे जवानों को मारने का काम करता है वो पाकिस्तान करता है। नवजोत सिंह सिद्धू और कांग्रेस पार्टी का पाकिस्तान में जाकर हिंदुस्तान को बदनाम करने साजिश है। हम माँग करते है कि सोनिया गांधी जी देश से क्षमा माँगे।'
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