उपद्रव, उत्तेजक नारों के बाद जामिया कैंपस में दाखिल हुई दिल्ली पुलिस

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा हुई। रविवार (दिसंबर 15, 2019) शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूँक दी। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।
छात्रों ने एडमिशन ब्लॉक के बाहर निकलकर पुलिस पर पथराव और हवाई फायरिंग की। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर रबर बुलेट दागी। यूनिवर्सिटी में माहौल बिगड़ता देख 5 जनवरी तक कॉलेज को बंद कर दिया गया और देर रात ही सभी हॉस्टल खाली कराए गए। इसके अलावा सुरक्षा लिहाज से अलीगढ़ में इंटरनेट सेवाएँ भी सोमवार तक बंद हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों मेरठ, बुलंदशहर, कासगंज, बागपत, सहारनपुर एवं बरेली में एहतियातन धारा 144 लागू की गई है।
CAA Protest: आज संभल कर घर से निकलें, दिल्‍ली के इन इलाकों में नहीं कर सकते प्रवेशरविवार शाम दिल्ली के जामिया इलाके में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पहले उग्र हुआ, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने बसों और वाहनों में आग लगा दी। जामिया में इस हिंसा के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के अलावा जेएनयू और दूसरे संगठनों के लोगों ने भी पुलिस मुख्यालय पर देर रात प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस द्वारा 50 छात्रों को रिहा करने के बाद सोमवार (दिसंबर 16, 2019) सुबह 4 बजे प्रदर्शन खत्म हुआ।
हालाँकि जामिया इलाके में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। दिल्‍ली सरकार ने इलाके में स्‍कूलों की छुट्टी कर दी है। जामिया कैंपस में 5 जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने निष्‍पक्ष और स्‍वतंत्र जाँच की बात कही है। सोमवार को पुलिस और छात्रों के एक दल की मुलाकात हो सकती है। बता दें कि रविवार को जामिया में प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसा और पथराव में दक्षिण पूर्व जिला डीसीपी, अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिण), 2 सहायक पुलिस आयुक्त, 5 स्टेशन हाउस अधिकारी और निरीक्षक सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
हिन्दुओं के विरुद्ध नारेबाजी 
इसी क्रम में एक नया वीडियो आया है। इसमें जामिया के छात्र हिन्दुओं के ख़िलाफ़ नारेबाजी कर रहे हैं। घृणा फैलाने वाले नारे लगा रहे हैं। इस वीडियो में जामिया के छात्रों को ‘हिन्दुओं से आज़ादी’ के नारे लगाते देखा जा सकता है। हालाँकि, नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध-प्रदर्शन में उन्होंने हिन्दुओं के प्रति घृणास्पद नारे क्यों लगाए, ये चर्चा का विषय है।
जामिया के छात्रों ने ‘हिन्दुओं से लेकर रहेंगे आज़ादी’ का नारा लगाया। इससे पता चलता है कि इन विरोध-प्रदर्शनों का मुख्य उद्देश्य नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध नहीं, बल्कि कुछ और है। अगर एक यूनिवर्सिटी में पढ़े-लिखे छात्र इस तरह की नारेबाजी कर सकते हैं तो फिर बंगाल में हजारों की संख्या में मस्जिद से निकल कर सार्वजनिक संपत्ति को तहस-नहस करने वाले मुस्लिम दंगाइयों के मन में क्या सब चल रहा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। पूरे बंगाल में कई रेलवे स्टेशनों में तोड़-फोड़ कर के यात्रियों को घंटों बंधक बनाए रखे जाने की ख़बरें आ रही हैं।
वहीं यूनिवर्सिटी ने पुलिस पर जबरन विश्वविद्यालय परिसर में घुसने और छात्रों के साथ मारपीट के आरोप लगाए गए हैं। जिसका जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की है। पुलिस का कहना है कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए परिसर में दाखिल हुए थे। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को हिरासत में लिया गया है।






दिल्ली पुलिस ने कहा, “हमने हिंसा के बाद स्थिति से निपटने के लिए कार्रवाई की। जामिया यूनिवर्सिटी में स्थिति नियंत्रण में है। यह हिंसक भीड़ थी, जिसमें से कुछ को हिरासत में लिया गया है।” दक्षिण पूर्व दिल्ली पुलिस के डीसीपी चिनमय बिस्वाल ने कहा, “किसी पर कोई फायरिंग नहीं की गई है। झूठी जानकारियाँ फैलाई जा रही हैं।” उन्होंने कहा, “भीड़ ने आगजनी की, मोटरसाइकलों में आग लगा दी गई, हम पर पथराव किया गया। हमारा एकमात्र उद्देश्य भीड़ को पीछे करना था, ताकि इलाके में कानून-व्यवस्था बरकरार रखी जाए। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से हमें कोई दिक्कत नहीं है।” दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस स्‍टेशन से छोड़ दिया गया। इसके अलावा 15 छात्रों को न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी से छोड़ा गया।
जहाँ पर हिंसा हुई थी, वहाँ पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान भी मौजूद थे। हालाँकि, अमानतुल्लाह ख़ान ने दावा किया है कि वो वारदात वाली जगह पर न तो विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे और न ही उसका हिस्सा थे। उन्होंने भले ही आरोपों से इनकार किया हो लेकिन वीडियो में उन्हें उस विरोध प्रदर्शन में देखा जा सकता है, जो बाद में इतना हिंसक हो उठा कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने कहा है कि इस पूरे मामले की जाँच की जा रही है
एएमयू, पुलिस प्रशासन
 के छात्रों ने किया पथराव, हवाई फायरिंग: कैंपस में दाखिल हुई पुलिस, हॉस्टल खाली कराए
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कल दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई पुलिस कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए प्रदर्शन के लिए निकली छात्रों की भीड़ परिसर का मुख्य गेट तोड़कर एएमयू सर्किल पर आ गई। जहाँ पुलिस ने इन्हें पानी की बौछार कर रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने रुकने के बजाय पुलिस पर पथराव किया। हालाँकि, जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को दौड़ाने का प्रयास किया। मगर इस बीच छात्र पथराव के अलावा हवाई फायरिंग करने लगे। जिसमें प्रॉक्टोरियल टीम, डीआइजी डॉ. प्रीतेंदर सिंह, एसपी सिटी अभिषेक कुमार के अलावा आरएएफ व पुलिस के 20 जवान घायल हो गए। इसके अलावा 30 छात्रों को भी चोटें आई। हालात काबू में पाने के लिए पुलिस आँसू के गोले छोड़ते हुए कैंपस में अंदर घुस गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रात 11 बजे तक चले इस टकराव के बाद पुलिस ने एएमयू के अंदर से 8 युवकों को गिरफ्तार किया और देखते ही देखते पूरा कैंपस छावनी में बदल गया। छात्रों की ओर से लगातार पथराव के बाद आरएएफ के दो वज्र वाहन, वाटर कैनन की गाड़ी और एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी पुलिस बल के साथ कैंपस में घुस गई। ऐसा पहली बार हुआ है, जब एएमयू के अंदर व्रज वाहन गए। 
नागरिकता संशोधन विधेयक पर जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ वीडियो वायरल हो रही हैं। जिनमें पुलिस और छात्रों के बीच का टकराव नहीं, बल्कि कुछ लोगों द्वारा लगाए जा रहे आपत्तिजनक नारे सुनाई पड़ रहे हैं। इस वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि ये छात्र जामिया और एएमयू के हैं।

अलीगढ़ से वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि छात्र परिसर में खड़े होकर कह रहे हैं, “हिंदुत्व की कब्र खुदेगी एएमयू की छाती पर, सावरकर की कब्र खुदेगी एएमयू की धरती पर, बीजेपी की कब्र खुदेगी एएमयू की छाती पर…।” यह वीडियो कब का यह साफ़ नहीं है।
टीम अशोक राजपूत की फेसबुक वाल से  to Nationalist Ashok Rajput Group - राष्ट्रवादी अशोक राजपूत ग्रुप
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Ashok Yadav
तीनों चित्र अलग-अलग दिन के है लेकिन तीनों में जो लड़कियां हैं वह समान है और यह इस उपद्रव का रोजाना का हिस्सा थीं जब इनके साथ सख्ती हुई तो सबको मानवता याद आ गई,क्या अपराध और दंगा इसके दोषियों को नियंत्रित करते समय महिला या पुरुष देखा जाएगा ? जब कानून व्यवस्था बिगाड़ोगे तो उसका दंड भी भुगतोगे !

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