आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन एवं धरने में प्रारम्भ से ही इसके पीछे वामपंथियों, कांग्रेस और आप पार्टियों का योगदान माना जा रहा था, कि घुसपैठियों को रोकने के लिए आम मुसलमान को भड़का कर मोदी सरकार का डर मुसलमानों में बैठा कर अपनी तुष्टिकरण नीति को अंजाम देकर अपनी कुर्सी को बचाओ।
अपनी कुर्सी की खातिर इन विरोधों में उठ रहे हिन्दू और अलगाववादी नारों के लगने पर भी संविधान की दुहाई देने वालों को लेशमात्र भी लज्जा नहीं आयी, यानि अपनी कुर्सी की खातिर इन्हें देश विभाजन होने की भी परवाह नहीं। मोदी-योगी-अमित का विरोध तो समझ आता है, लेकिन अलगाववादी नारे क्यों? हिन्दुओं को पागल बनाने लोकसभा चुनावों में राहुल गाँधी कोट पर जनेऊ धारण करते दिखे, अब केजरीवाल अपने आपको हनुमान भक्त कहते नज़र आ रहे हैं, लेकिन ऐसे जनेऊ धारण कर और हनुमान भक्त होने का स्वांग खेल हिन्दू धर्म को बदनाम होते पार्टी में हिन्दू कार्यकर्ता और नेता देखते रहे। उस स्थिति में हिन्दू विरोधी नारों का लगने पर हैरान नहीं होना चाहिए।
शाहीन बाग में गोली चलाने वाले कपिल गुर्जर के राजनैतिक बैकग्राउंड का खुलासा होने के बाद आम आदमी पार्टी की बहुत फजीहत हो रही है। पार्टी के जो नेता कल तक ऐसी अप्रिय घटनाओं के लिए भाजपा को दोषी ठहरा रहे थे, मोदी-शाह पर ऊँगली उठा रहे थे वो अब खुद अपने ट्वीट डिलीट करते घूम रहे हैं।
सोमवार (फरवरी 4, 2020) को क्राइम ब्रांच के खुलासे के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कुलदीप कुमार ने बिना किसी सफाई के अपना वो ट्वीट डिलीट कर दिया, जिसमें उनकी पार्टी के दिग्गज नेता कपिल गुर्जर के साथ दिखाई दे रहे थे और जो प्रमाण था कि वाकई कपिल ने साल 2019 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी।
डिलीट किए पोस्ट को कुलदीप कुमार ने पिछले साल 14 मई को ट्वीट किया था।
उन्होंने अपने ट्वीट में बताया था कि पार्टी के मुख्यालय में कॉन्ग्रेस और बसपा छोड़ कई नेताओं ने राज्यसभा सांसद संजय आजाद और आतिशी मार्लेना के हाथों टोपी व पटका पहन आम आदमी पार्टी ज्वाइन की। इसके अलावा अपने ट्वीट में उन्होंने कपिल गुर्जर के पिता गजे सिंह का नाम भी मुख्य रूप से लिखा था। उन्होंने अपने डिलीट किए ट्वीट में लिखा था कि मुख्य रूप से उनकी पार्टी में पटपड़गंज जिले के बसपा अध्यक्ष गजे सिंह एवं पूर्व ईडीएमसी सचिव मदन मोहन और प्रदीप हांडले शामिल हुए।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टियों के बीच बिना निराधार आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला आम हो चुका है। लेकिन कपिल गुर्जर की सच्चाई का खुलासा होने के बाद कुलदीप कुमार द्वारा डिलीट किया गया उनका ये ट्वीट उनकी पार्टी की मंशा पर सवाल उठाता है और बताता है कि क्राइम ब्रांच द्वारा दिए गए सभी सबूत सही हैं। कपिल गुर्जर ने और उनके पिता ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी। वो भी चोरी छिपे नहीं। बल्कि आतिशी मार्लेना और संजय सिंह जैसे नेताओं की मौजूदगी में।
अवलोकन करें:-
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन एवं धरने में प्रारम्भ से ही इसके पीछे वामपंथियों, कांग्रेस और आप पार्टियों का योगदान माना जा रहा था, कि घुसपैठियों को रोकने के लिए आम मुसलमान को भड़का कर मोदी सरकार का डर मुसलमानों में बैठा कर अपनी तुष्टिकरण नीति को अंजाम देकर अपनी कुर्सी को बचाओ।
अपनी कुर्सी की खातिर इन विरोधों में उठ रहे हिन्दू और अलगाववादी नारों के लगने पर भी संविधान की दुहाई देने वालों को लेशमात्र भी लज्जा नहीं आयी, यानि अपनी कुर्सी की खातिर इन्हें देश विभाजन होने की भी परवाह नहीं। मोदी-योगी-अमित का विरोध तो समझ आता है, लेकिन अलगाववादी नारे क्यों? हिन्दुओं को पागल बनाने लोकसभा चुनावों में राहुल गाँधी कोट पर जनेऊ धारण करते दिखे, अब केजरीवाल अपने आपको हनुमान भक्त कहते नज़र आ रहे हैं, लेकिन ऐसे जनेऊ धारण कर और हनुमान भक्त होने का स्वांग खेल हिन्दू धर्म को बदनाम होते पार्टी में हिन्दू कार्यकर्ता और नेता देखते रहे। उस स्थिति में हिन्दू विरोधी नारों का लगने पर हैरान नहीं होना चाहिए।

सोमवार (फरवरी 4, 2020) को क्राइम ब्रांच के खुलासे के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कुलदीप कुमार ने बिना किसी सफाई के अपना वो ट्वीट डिलीट कर दिया, जिसमें उनकी पार्टी के दिग्गज नेता कपिल गुर्जर के साथ दिखाई दे रहे थे और जो प्रमाण था कि वाकई कपिल ने साल 2019 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी।
डिलीट किए पोस्ट को कुलदीप कुमार ने पिछले साल 14 मई को ट्वीट किया था।
उन्होंने अपने ट्वीट में बताया था कि पार्टी के मुख्यालय में कॉन्ग्रेस और बसपा छोड़ कई नेताओं ने राज्यसभा सांसद संजय आजाद और आतिशी मार्लेना के हाथों टोपी व पटका पहन आम आदमी पार्टी ज्वाइन की। इसके अलावा अपने ट्वीट में उन्होंने कपिल गुर्जर के पिता गजे सिंह का नाम भी मुख्य रूप से लिखा था। उन्होंने अपने डिलीट किए ट्वीट में लिखा था कि मुख्य रूप से उनकी पार्टी में पटपड़गंज जिले के बसपा अध्यक्ष गजे सिंह एवं पूर्व ईडीएमसी सचिव मदन मोहन और प्रदीप हांडले शामिल हुए।
Sources: The Crime Branch has found certain pictures on the mobile phone of Kapil Gujjar, who opened fire in Shaheen Bagh area on February 1. In these pictures, Kapil can be seen with AAP leaders such as Atishi and Sanjay Singh. pic.twitter.com/BKXifhTE7K— ANI (@ANI) February 4, 2020
Take the screenshots, Kapil Gujjar is there in the pics https://t.co/6qhEPYVO51— desi mojito (@desimojito) February 4, 2020
दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टियों के बीच बिना निराधार आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला आम हो चुका है। लेकिन कपिल गुर्जर की सच्चाई का खुलासा होने के बाद कुलदीप कुमार द्वारा डिलीट किया गया उनका ये ट्वीट उनकी पार्टी की मंशा पर सवाल उठाता है और बताता है कि क्राइम ब्रांच द्वारा दिए गए सभी सबूत सही हैं। कपिल गुर्जर ने और उनके पिता ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी। वो भी चोरी छिपे नहीं। बल्कि आतिशी मार्लेना और संजय सिंह जैसे नेताओं की मौजूदगी में।
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