आंकड़े छिपा रहा चीन : कोरोना से चीन में 1 करोड़ 50 लाख मौतें ?


ये है दिल्ली का जामा मस्जिद क्षेत्र 
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
भारतीय राजनीतिक दलों और मीडिया को चीन से सीखना चाहिए, जहाँ कोरोना से इतनी अधिक मृत्यु हो गयी है, कोई विपक्ष शोर मचाने की बजाए इस संक्रामक बीमारी के लड़ने के लिए सरकार से कंधे से कन्धा मिलाकर चल रहे है। जबकि भारत में चैनलों पर सजती चौपालों में बैठ मोदी सरकार के प्रयासों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। कोई कहता है कि "कोरोना कोई बीमारी नहीं, CAA और NRC से जनता का ध्यान हटाने का शोशा है।" किस तरह जनता को गुमराह करने में व्यस्त हैं। शर्म आती है, ऐसे भारतीय नेताओं पर। आज मार्च 22 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "जनता के लिए, जनता द्वारा कर्फ्यू" का आव्हान किया, लेकिन दिल्ली के जामा मस्जिद क्षेत्र को छोड़ सब जगह सन्ना है। देखिए चित्र। दूध और परचून की एकाध दुकान को छोड़ सब दुकानें बंद जरूर हैं, लेकिन जनता सड़क पर है। 
विपरीत इसके हैदराबाद में पुलिस सड़क आये लोगों से हाथ जोड़ कर घर वापस जाने के लिए निवेदन कर रही है, शाबाश है हैदराबाद पुलिस।(नीचे देखिए 2 चित्र)   
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा "जनता कर्फ्यू" आव्हान पर विश्व चकित है, लेकिन भारत में मोदी विरोधी मोदी विरोध के चक्कर में जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मोदी का विरोध करने को मुद्दे बहुत हैं, पहले इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए, जनता को गुमराह तो मत करो।  
सबसे पहले ये समझ लें की चीन में स्वतंत्र मीडिया जैसी कोई चीज नहीं है, वहां मीडिया पूरी तरह सरकारी कण्ट्रोल में है और चीन से इसी कारण आसानी से जानकारियां बाहर नहीं आती

वाह हैदराबाद पुलिस ! शाबाश है। 
वुहान शहर में कोरोना वायरस की शुरुवात हुई, जिसके बाद दुनिया भर में अब कोरोना का आतंक है, वहीँ चीन को लेकर गंभीर बातें सामने आ रही है, चीन इन दिनों बता रहा है की उसके यहाँ नए मामलों में बहुत कमी आई है और मरने वालो की संख्या भी बहुत कम है 
चीन के मुताबिक उसके यहाँ 4 हज़ार के आसपास ही मौतें हुई है, पर जो जानकारियां अब निकल कर सामने आ रही है वो बेहद खतरनाक है और चीन को लेकर कहा जा रहा है की चीन सही आंकड़े नहीं दे रहा, चीन झूठ बोल रहा है, आंकड़े छिपा रहा है 
जैसे भारत में कुछ प्रमुख मोबाइल कम्पनियाँ है उदाहरण के तौर पर जिओ, एयरटेल, आईडिया, वोडाफोन इत्यादि, वैसे चीन में मुख्यतः 3 प्रमुख मोबाइल कम्पनियां है 
इन मोबाइल कंपनियों को लेकर ये जानकारी सामने आई है की जनवरी 2020 से पहले हर महीने इसके ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी पर जनवरी से मार्च के बीच इसके 1 करोड़ 50 लाख लाख से ज्यादा एक्टिव ग्राहक गुम हो चुके है, 80 लाख से ज्यादा ऐसे लोग जो रोज इस मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे थे वो अब कहा हैं किसी को नहीं पता, वो एक्टिव यूजर थे पर उनके मोबाइल अब बंद है



इसके अलावा ये भी जानकारी सामने आई है की वुहान शहर और उसके आसपास अब कई घरों में रात को लाइट भी नहीं जलती, जबकि बिजली वितरण में कोई समस्या नहीं है और पहले यहाँ लाइट जला करती थी
At 8:00 pm today local time in #Wuhan. See how few lights there are? One can fake the numbers, but can’t fake the fact that only a few apartments are still lit up. Where have people gone? #CCPVirus #COVID19ON #coronavirus pic.twitter.com/VBevAqy0XC

जनवरी से पहले हर महीने चीनी मोबाइल कंपनियों के ग्राहक बढ़ रहे थे, पर जनवरी के बाद मार्च तक अब 15 मिलियन यानि 1 करोड़ 50 लाख ऐसे ग्राहक जो एक्टिव थे वो कम हो चुके है, उनके मोबाइल बंद हो चुके है, उन मोबाइल फ़ोन को कोई इस्तेमाल नहीं करता
इसके अलावा पहले जिन घरों में लाइट जला करती थी वहां अब लाइट नहीं जलती, मामला बहुत गंभीर है, ये भी सत्य है की कई लोग 1 से ज्यादा मोबाइल रखते है, पर अगर 1 करोड़ 50 लाख एक एक्टिव नंबर अब बंद हो चुके है तो भी मरने वालो की संख्या लाखों में ही है। अगर हर शख्स 2 मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था तो कम हुए लोगो की संख्या 75 लाख होती है, और अगर हर शख्स 4 नंबर भी इस्तेमाल कर रहा था तब भी कम हुए लोगो की संख्या 37 लाख 50 हज़ार की है
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं "झुकती है दुनियां झुकाने वाला चाहिए", जिसे चरितार्थ कर रहे हैं भारत के प्रधान.....
मामला बहुत गंभीर है, लाखों करोडो लोग चीन में गायब है और घरों में लाइट नहीं जल रही है, चीन ऐसा देश है जहाँ मीडिया स्वतंत्र नहीं है इसलिए चीन से सही खबरें भी सामने नहीं आती

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