कोरोना : या अल्लाह ऐसा वायरस भेज, जो 50 करोड़ भारतीयों को मार डाले

कोरोना-मौलाना-बंगाली
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
एक ओर जहाँ कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के कारण पूरा विश्व एकजुट होकर इससे लड़ रहा है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस वैश्विक महामारी के दौरान भी अपनी मजहबी भावनाओं से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। खासकर सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के मौलवियों के कुछ ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस को अल्ल्लाह का अजाब बताने से लेकर इसे ताबीज पहनकर ठीक करने जैसे बयान भी देखने को मिले हैं।
इन भारत विरोधी वीडियो के विरोध #intolerance गैंग खामोश है, क्यों? आखिर कब तक भारत में अराजकता फ़ैलाने का षड़यंत्र रचा जाएगा? कहाँ हैं गंगा-जमुना तहजीब की दुहाई देने वाले? ये मौलवी तो जहरीली ज़ुबान से जहर फैला कर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं, लेकिन यह नहीं सोंचा कि जब दूसरे तरफ से इसका प्रतिकार होने की स्थिति में उन मासूम और बेकसूर मुसलमानों के भविष्य का क्या होगा? 
ऐसा ही एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक बंगाली मौलवी अल्लाह से एक ऐसे वायरस की डिमांड कर रहा है, जो भारतवर्ष के करीब 50 करोड़ लोगों को एक ही बार में मार दे।
इस वीडियो में मौलाना बंगाली में कह रहा है – “बहुत जल्द मेरे पास खबर आई है कि पिछले दो दिनों से मस्जिदों में आग लगाईं जा रही है, माइक जलाए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि एक महीने के अंदर ही कुछ होने वाला है। अल्लाह हमारी दुआ कबूल करे। अल्लाह हमारे भारतवर्ष में एक ऐसा भयानक वायरस दे कि भारत में दस-बीस या पचास करोड़ लोग मर जाएँ। क्या कुछ गलत बोल रहा मैं? बिलकुल आनंद आ गया इस बात में।” इसके बाद वहाँ मौजूद भीड़ मौलवी की कही बात पर खूब शोर के साथ अपनी सहमती दर्ज कराती है।

@porbotialora ने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि बंगाली सुन्नी कह रहा है कि उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वह मरेगा या बचेगा लेकिन वो हिन्दुओं को अपने साथ लेकर जाएगा।
यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब दिल्ली स्थित निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मौलाना साद समेत तबलीगी के सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हाल ही में दिल्ली निजामुद्दीन इलाके में हुए इस्लामिक धार्मिक आयोजन (तबलीगी जमात मरकज) के बाद मरकज में शामिल कई मुस्लिमों के देशभर में फ़ैल जाने से बवाल खड़ा हो गया है।
इसी बीच तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें वो कह रहा था- “अल्लाह पर यकीन न रखने वालों की चाल और स्कीमें मुसलमानों को बीमारी से बचाने के बहाने से मुसलमानों को रोकने के लिए आ गई हैं। उन्हें मुसलमानों को रोकने और बिखेरने की तरकीब नजर आ गई है ताकि इनके दिल में हमेशा के लिए ये बात बैठ जाए कि किसी के पास मत जाओ, किसी के पास मत बैठो नहीं तो बीमारी लग जाएगी। आज अगर इस बीमारी की वजह से मुसलमानों के अकीदत बदल जाते हैं तो बीमारी तो खत्म हो जाएगी, लेकिन अकीदत खत्म नहीं होगी।”
वीडियो में साद आगे कहते हैं, “ये बीमारी बदल जाएगी, लेकिन तुम्हारे माशरे के आदाब, तुम्हारे साथ बैठना, एक प्लेट में खाना, इसका असर मुद्दतों के आसरे कभी खत्म ना हो। ये तो मुसलमानों के दरमियाँ शक पैदा करने, इनके दरमियाँ मोहब्बत खत्म करने के लिए एक प्रोग्राम तैयार किया गया है, एक प्रोग्राम बनाया गया है जिस तबलीगी जमात के अमीर मौलाना साद हैं वो दुनिया के करीब 190 मुल्कों में काम करती है। इसके हजारों सदस्य हैं। कोरोना के संकटकाल में मरकज ने देश के सामने मुसीबतें खड़ी कर दी हैं।कि मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने के लिए ये बहाना अच्छा है।”
इस ऑडियो में साद कहते हुए सुने गए- “मौत से भागकर जाओगे कहाँ, मौत तो तुम्हारे आगे-आगे चल रही है। इसलिए जरा इस मौके पर अपनी अकल-समझ को जरा ठिकाने रखो। ऐसा ना हो कि महज डॉक्टरों की बातों में आकर नमाजें छोड़ दो, मुलाकातें छोड़ दो, मिलना-जुलना छोड़ दो। 70 हजार फरिश्तों पर तुम क्यों नहीं यकीन रखते? जब अल्ला ताला ने बीमारी मुकद्दर कर दी तो किसी डॉक्टर या दवा के साथ मैं कैसे बच सकूँगा, क्या कर लूँगा जब 70 हजार फरिश्ते मुझे नहीं बचा पाए?”
साद मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच यह अफवाह फैलाते हुए पाए गए कि इस बात पर यकीन ना करें कि वो मस्जिद में मिलेंगे तो बीमारी फैलेगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को इस बात का यकीन करना चाहिए कि अगर वो मस्जिदों में जमा होंगे तो अल्ला ताला इस समय में फरिश्तों को हाजिर करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने मुहम्मद साद समेत मरकज के 6 अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालाँकि, मौलाना साद 28 मार्च से ही गायब बताए जा रहे हैं।

काजी जैनुर राशिदीन
चीन पर अल्लाह का अजाब है कोरोना, मस्जिदें बंद की इसलिए आया: मेरठ का काजी जैनुर राशिदीन
दुनिया के करीब 150 देशों को चपेट में ले चुके कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के वुहान से शुरू हुआ था। इस महामारी पर काबू पाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाएँ जा रहे हैं। लेकिन, इसके साथ-साथ बेतुके बयानों का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में मेरठ के शहर काजी की तरफ से कहा गया है कि चीन ने मस्जिदों को बंद किया, जिसकी वजह से कोरोना वायरस आया। मेरठ के नायब शहर काजी की मानें तो चीन में मस्जिद बंद करने से कोरोना वायरस आया है। काजी जैनुर राशिदीन ने कहा है कि कोरोना वायरस अल्लाह का अजाब है। चीन में मस्जिदों को बंद कर दिया गया था। इसलिए वहाँ अल्लाह का अजाब बीमारी की सूरत में आया और सरकार को दोबारा मस्जिदें खुलवानी पड़ीं। उन्होंने कहा कि इसका असर अब हिंदुस्तान में भी दिखाई दे रहा है। इस अजाब से बचने के लिए हमें अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। पाँच वक्त की नमाज पढ़ें और जो डॉक्टर बता रहे हैं, उन पर अमल करें। जमीयत उलेमा हिंद मेरठ शाखा के अध्यक्ष और नायब शहर काजी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि लोग पाँचों वक्त नमाज और कुरान पढ़ें। नमाज में अल्लाह से रो-रोकर दुआएँ और अपने गुनाहों की माफी माँगें। गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करें। बयान में उन्होंने आगे कहा, “जब-जब दुनिया में लोग अल्लाह की नाफरमानी करते हैं, अल्लाह के बताए रास्ते पर नहीं चलते, नमाज, रोजा, कुरान से दूर जाते हैं, जुल्म-ज्यादती ज्यादा होती है, लोगों को सताया जाता है, छोटे-बड़ों का आदर खत्म हो जाता है और बेशर्मी बढ़ जाती है तो अल्लाह अपना असर दिखाते हैं। जैसे सूरज ग्रहण, चाँद ग्रहण, आँधी-तूफान, जलजले (भूकंप) और ऐसी बीमारियाँ फैलाता है जो लाइलाज हों। कोरोना वायरस भी इसी तरह के अजाबों में से एक है।” काजी ने इस वायरस से बचने के भी कई उपाय बताते हुए कहा कि अपने घरों में लोबान, गंधक और आजवायन आदि की धूनी देकर इस अजाब से बचा जा सकता है। साथ ही बाहर से आने पर साबुन से हाथ-मुँह धोएँ। घबराने की जरूरत नहीं है। इससे पहले एक इस्लामी धर्मगुरु इलियास शराफुद्दीन ने कहा था कि उइगर मुसलमानों से क्रूरता करने के कारण अल्लाह ने चीन पर इस वायरस का कहर भरपाया है और उन्हें दंडित किया है। एक वायरल ऑडियो में धर्मगुरु को कहते सुना गया था कि याद करो कैसे उन्होंने मुसलमानों को धमकी दी थी और दो करोड़ मुसलमानों की जिंदगी बर्बाद करने की कोशिश की। मुसलमानों को शराब पीने के लिए मजबूर किया गया, उनकी मस्जिदों को तोड़ दिया गया और उनकी पवित्र पुस्तकों को जला दिया गया। उन्होंने कहा था कि चीन ने सोचा कि कोई भी उन्हें चुनौती नहीं दे सकता, लेकिन अल्लाह सबसे शक्तिशाली है, अल्लाह ने चीन को सजा दी।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार राष्ट्रीय संकट के समय हम अक्सर कथित उदारवादी और सेक्युलर ब्रिगेड से सुना करते हैं कि ....
इराक मूल के ईरान में रहने वाले इस्लामिक नेता अयातुल्ला सैयद हादी-अल-मुदारिसी ने भी 28 फरवरी को MEMRI-TV पर दिए एक वीडियो संदेश में चीन पर निशाना साधते हुए कहा था कि- नि:संदेह अल्लाह ने चीन को ये सज़ा दी है, चीन के उन कारनामों के लिए, जिसमें वो मुस्लिम औऱ इस्लाम के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जाहिर सी बात है कि ये कोरोना वायरस चीन पर अल्लाह का अज़ाब है। बाद में मुदारिसी के भी इससे संक्रमित होने की खबरें सामने आई थी।

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