राम मंदिर के जवाब में 1993 जैसे हमलों की फिराक में आतंकी

भूमिपूजन, मोदी
अगस्त 5 को भूमिपूजन करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
और संघ सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत 
लगभग 500 वर्ष चले अयोध्या में राममन्दिर विवाद पर पूर्ण विराम और फिर अगस्त 5 को भूमिपूजन से जो राममंदिर विरोधियों द्वारा उन्माद किए जाने पर समुद्र मंथन स्मरण आता है, जिसमें से निकला था अमृत जिसका देवताओं ने पान किया, लेकिन विष का देवों के देव महादेव ने, जिसे उन्होंने अपने कंठ में समां लेने के कारण नीलकंठ के नाम से भी जाने लगे। 
परन्तु वर्तमान सन्दर्भ में अयोध्या मुद्दा समुद्र मंथन की भूमिका में है। मन्दिर से पक्ष में वर्षों से रुकवाया गया निर्णय आने से विरोधी कोई न कोई उत्तेजित बयान दे रहे हैं, लेकिन भूल रहे हैं कि केंद्र में कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित सरकार नहीं। जो इनकी धमकी से डर जाएगी। वर्तमान सरकार का संकल्प मुग़ल आक्रांताओं और पिछली सरकारों की तुष्टिकरण नीति के वजह से खोई भारतीय संस्कृति को वापस मूलरूप में लाना है। खुदाई में मिले मंदिर प्रमाणों को अपनी कुर्सी की खातिर जनता और कोर्ट से छुपाया गया। इतना ही नहीं मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से पक्ष में आये निर्णय तक लागू करने में पूर्णरूप से असफल हुए। 1964 में आए अंतिम निर्णय से पूर्व पिछले पांचों निर्णय श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ही पक्ष में आये हैं। आखिर अपनी अस्मिता को दांव पर लगा कर कुर्सी की खातिर तुष्टिकरण करना केवल मजहब के आगे नतमस्तक होना न कहा जाए तो क्या कहा जाए।     
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही भारत में मौजूद पाकिस्तान समर्थित आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसका बदला लेने के लिए उन्होंने हमलों और दंगों की साजिश रची है। ये खुलासा टाइम्स नाऊ ने किया है।
न्यूज चैनल का दावा है कि उनके हाथ इंटेलीजेंस की खुफिया रिपोर्ट लगी है। इससे पता चलता है कि इस्लामिक आतंकी इस बार भी साल 1993 जैसा साम्प्रदायिक माहौल बनाने की फिराक में हैं। केंद्र ने इसी कारण 2 राज्यों को रेड अलर्ट पर भी रखा है।

इसके अलावा रिपोर्ट यह भी बताती है कि यह आतंकी मंदिर को मुद्दा बनाकर आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद समेत दक्षिणपंथी समूहों के नेताओं के साथ भाजपा नेताओं को मारने और दंगे भड़काने की साजिश रच रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में कई राज्यों को अलर्ट कर दिया है।


टाइम्स नाऊ के पत्रकार निकुंज ने बताया है कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि पाकिस्तान के आतंकी और पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकियों को इस कार्य के लिए निर्देश मिल चुका है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की निंदा से बचने के लिए पाकिस्तान ने इस बार सीमा पार से आतंकियों को नहीं भेजा है। वह भारत में मौजूद अपने लोगों के सहारे ही आतंकी मंसूबों को पूरा करने की फिराक में है


राम मंदिर का भूमिपूजन 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। भूमि पूजन की तारीख के ऐलान के बाद से ही खुफिया एजेंसियों के पास हमले को लेकर अलर्ट है। एजेंसियों ने अयोध्या में 5 अगस्त से 15 अगस्त के बीच बड़ी आतंकी साजिश का अंदेशा जताया था। इसके बाद यूपी के सभी जिलों के बस स्टैंड्स, रेलवे स्टेशन पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे। स्वयं भूमि पूजन से पहले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा को लेकर बैठक की थी और हर जिले में सतर्कता के साथ सभी असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा था।

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