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साभार : News18 |
रात भड़की इस हिंसा में मुस्लिम भीड़ ने न सिर्फ विधायक बल्कि थाने की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया गया और शरीफ नाम का प्रत्यक्षदर्शी वहीं पर मौजूद था। उसने पुलिस में भी अपना बयान दर्ज कराया है। वो सिविल डिफेंस का सदस्य है, जो पुलिसकर्मियों को दंगाइयों से बचाने की कोशिश कर रहा था।
उसने स्पष्ट कहा है कि इस पूरे काण्ड में पुलिस की कोई गलती नहीं है बल्कि हिंसा कर रहे दंगाइयों ने सब कुछ किया। उसने कहा कि ये पुलिस थाना उसके लिए मंदिर-मस्जिद की तरह है और वो पुलिस का सहयोग करना चाहता है। अब तक इस मामले में 165 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों पुलिस थानों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही पूरे बेंगलुरु में धारा-144 लागू कर दिया गया है।
‘न्यूज़ 18’ की एक खबर के अनुसार, पूरा पुल्केशी नगर विधानसभा क्षेत्र किसी युद्धस्थल की तरह दिख रहा है, जहाँ चीजें अस्त-व्यस्त पड़ी हुई हैं। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, उसके मलबे पड़े हुए हैं। घरों की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं और दरवाजे क्षतिग्रस्त हैं। सूनी पड़ी सड़कों पर ईंट और पत्थर पड़े हुए हैं। पुलिस की फायरिंग में 3 लोगों के मारे जाने की ख़बर है।
तड़के सुबह तक दंगे जारी रहे और पुलिस से संघर्ष होता रहा। दलित कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति की बहन जयंती ने रोते हुए बताया कि जब ये सब हो रहा था तब वो लोग घर पर नहीं थे। उन्होंने कहा कि सांत्वना की बात ये है कि उनके भाई और परिवार के लोग सुरक्षित हैं। पुलिस थाने की दीवार पर अभी भी काले निशान दिख रहे हैं, जो जलाने के कारण आए हैं।
कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि लूटपाट, दंगा और आगजनी- ये सब आपराधिक कृत्य हैं। उन्होंने कहा कि लोग कुछ भी कहना चाहते हों, कोई भी माँग उठाना चाहते हों, उन्हें ये सब क़ानूनी रूप दे करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिसने भी क़ानून को अपने हाथों में लिया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने दंगाइयों की संपत्ति जब्त करने की माँग की है।
I request Sri @BSYBJP to confiscate and attach properties of the rioters and compensate losses to public property in same way as Sri @myogiadityanath govt did in UP.— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) August 12, 2020
Bengaluru is known for its peace and harmonious society.
We must protect this strength of our city at all costs pic.twitter.com/KCeS7QGCce
Agreeeeeeeeeeeeeeeeeeeee💯💯 #bangaloreriots— Akshay Akki ಅಕ್ಷಯ್ (@FollowAkshay1) August 12, 2020
Government of Karnataka must attach the properties of the rioters and recover the losses caused to public property from them.#CongressSupportsRiots— Dharmvir Jangra (@dharmvir_9) August 12, 2020
Yes, and also cancel their BPL cards, Voter IDs and other benefits they enjoy at the cost of us tax payers.— Dr B Praveena Prakash (@BPravP) August 12, 2020
बेंगलुरु में भीम- मीम एकता की धज्जियाँ मीमों ने उड़ा दी ! मजाल है एक दलित नेता कुछ कहेगा !— Desai Karan 🇮🇳🇮🇳 (@Desaikaran00) August 12, 2020
इसलिए दलित भाईयो आप सबसे मेरी अपील है सिर्फ़ हिंदू बनें इन फ़र्ज़ी नेताओं के चक्कर में ना रहे
This has to stop and it will only stop if you start hitting it where it hurts the most - financially.— Kunal (@zoomtokunal) August 12, 2020
If it can be done in UP, it can be done in Bangalore also.@blsanthosh @JPNadda - We want the same rule for every BJP ruled state. Trust me it will be highly appreciated.
Compensate th loss.— Dear Hindu, (@sanghagni) August 12, 2020
Mini Pak ideology inside Bangalore.
What are they being thought here to break India internally.
Keep this dense markaz institutions under control major cause of yesterday riots in Bangalore.#Bengalururiots pic.twitter.com/V5v4tTdryr
Also, do not miss the blue circles that are growing at the rate of mushrooms & converting people in the name of care & help. pic.twitter.com/1Cd0ppX5Nw— CJ (@CJoshi28) August 12, 2020
SP of Chamarajanar district Divya Sara Thomas has visited #AnjaneyaTemple in Kollegala. SP has reportedly put pressure on the priest to place the photo of #Jesus inside the sanctum sanctorum of Temple and asked for pooja to be offered. @noconversion@ShefVaidya pic.twitter.com/u760BXPXJr— Meenu (@Meenu02742656) August 12, 2020
मुजम्मिल पाशा के साथ SDPI के दो और नेता साथ थे जो लगातार लोगों को भड़का रहे थे। उसके सहयोगी नेताओं जफ़र और खलील ने मुस्लिम भीड़ को पत्थरबाजी करने और थाने के बाहर गाड़ियों को आग के हवाले करने के लिए भड़काया था। जहाँ पुलिस मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार करने में कामयाब रही है, वहीं बाकी 2 नेता फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज से भी इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
पैगंबर मुहम्मद पर खबर, भड़के दंगे
इस्लामिक भीड़ का आतताई चेहरा एक बार फिर बेंगलुरु में मंगलवार को देखने को मिला। अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर के नारों के बीच 1000 से भी अधिक मुस्लिमों ने एक पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया। यह पहली बार नहीं है, जब पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के बाद इस्लामिक भीड़ का ऐसा रूप देखने को मिला हो। इतिहास के पन्नों में ऐसे कई मामले दर्ज हैं, जब लोकतंत्र की दुहाई देने वाले समुदाय विशेष के लोग पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी सुनकर कानून को भूल गए और भीषण हिंसा को अंजाम दिया गया। इनमें कुछ मामले बहुत हालिया हैं और कुछ थोड़े पुराने हैं। आज हम उन 5 मौकों का जिक्र करेंगे, जब पैगंबर मुहम्मद के नाम पर इस्लामिक कट्टरता का भयावह चेहरा देखने को मिला।
कमलेश तिवारी कांड
18 अक्टूबर 2019 को हिंदू महासभा के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके आवास स्थित कार्यालय में बर्बरता से हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद मालूम चला था कि इसके पीछे कट्टरपंथियों का हाथ है, जो बहुत पहले से तिवारी के खिलाफ़ साजिश रच रहे थे। कमलेश तिवारी का अपराध केवल यह था कि उन्होंने साल 2015 में पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद से ही उन्हें मारने के प्रयास और ऐलान किए जा रहे थे।
शार्ली ऐब्दो नामक मैग्जीन द्वारा पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून पर दंगा
शार्ली ऐब्दो नामक मैग्जीन कुछ साल पहले पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छापने के कारण चर्चा में आई थी। इसके बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया। साल 2011 में इसके कार्यालय पर गोलीबारी हुई और बम फेंके गए। फिर 7 जनवरी, 2015 को कट्टरपंथियों ने इसे एक बार दोबारा निशाना बनाया और अल्लाह हू अकबर कहते हुए 12 लोगों को मौत के घाट उतार गए। इनमें तीन पुलिसकर्मी थे।
मोहम्मद की शादी पर आधारित "रंगीला रसूल" प्रकाशित करने पर महाशय राजपाल की हत्या
साल 1924 में अनाम लेखक के नाम से रंगीला रसूल नाम की एक किताब प्रकाशित हुई थी। इस किताब में मुहम्मद साहब और एक औरत के परस्पर संबंधों का कथानक था। जिसके कारण मुस्लिम समुदाय ने इसका काफी विरोध किया और इसके प्रकाशक को वैमनस्यता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन प्रकाशक के रिहा होते ही इल्मुद्दीन नामक कट्टरपंथी ने महाशय राजपाल की हत्या कर दी और इल्मुद्दीन को बचाने के लिए केस फिर मुहम्मद अली जिन्ना ने लड़ा।
700 साल पुरानी किताब से एक कोट लेने पर New Indian Express को मांगनी पड़ी थी माफ़ी
साल 2000 में न्यू इंडियन एक्सप्रेस नामक समाचार पत्र ने 700 साल पुरानी एक किताब से एक कोट लेकर अपना आर्टिकल लिखा। जिसके कारण मुस्लिम भीड़ भड़क गई और बेंगलुरू के इस अखबार ने मुस्लिम भीड़ का एक भयानक चेहरा देखा। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 1000 की भीड़ ने सिर्फ़ आर्टिकल में पैगंबर का नाम आने से कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था और 20 उलेमाओं ने बाद में अखबार के चीफ रिपोर्टर से मिलकर माँग की कि लेख लिखने वाले अखबार के सम्पादकीय सलाहकार टीजेएस जॉर्ज माफी माँगें।
1986 में Deccan Herald को भी झेलना पड़ा था कट्टरपंथियों को
साल 1986 में डेक्कन हेराल्ड को ऐसे आक्रोश का सामना करना पड़ा था, जब एक छोटी से स्टोरी के कारण देश में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई और 17 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी। बाद में अखबार ने रेडियो और टेलीविजन के जरिए समुदाय से माफी माँगी। इस घटना में भी मुस्लिमों को स्टोरी में यही लगा था कि लिखने वाले ने पैगंबर का अपमान किया है।
मुस्लिमों के मंदिर बचाने का ड्रामा अंत के 5 सेकंड में फुस्स
यह वीडियो कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और सोशल मीडिया प्रभारी जाकिया खान ने शेयर किया। 11-12 अगस्त की रात लगभग 2 बजे इस वीडियो को शेयर किया गया। इस वीडियो को शेयर करते हुए जाकिया खान ने दावा किया कि मुस्लिम युवकों ने मंदिर को ‘अनियंत्रित भीड़’ से ‘बचाने के लिए’ ‘मानव श्रृंखला’ का निर्माण किया।
इस ट्वीट में बड़ी ही चतुराई से ‘temples’ हैशटैग का इस्तेमाल किया गया और ‘अनियंत्रित भीड़’ के मजहब को छिपाया गया, जबकि ‘मानव श्रृंखला’ बनाने वाले युवकों के मजहब को उजागर किया गया। जबकि सच्चाई यह है कि ‘अनियंत्रित भीड़’ का धर्म भी इस्लाम था।
#muslim youth from #bangalore stands outside #temples to safeguard against unruly Mob .#bangaloreriots @ProfNoorul @_garrywalia @sushant_says @SalmanNizami_ pic.twitter.com/TM8iTNE1ck— Zakiya Khan (@ZakiyakINC) August 11, 2020
जो इस खबर को फर्जी बताकर एक विशेष धर्म या समुदाय के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं उनके मुंह पर मोदी जी के प्रिय न्यूज़ चैनल @ANI का यह वीडियो एक जोरदार चांटा है.https://t.co/8FVEWcKfrb— Zakiya Khan (@ZakiyakINC) August 12, 2020
#सावधान शांतिदूत 15 अगस्त की तैयारियों में लगे हैं। बैंगलोर जलाया जा रहा हैं। आप भी आपके आस-पास नज़र रखे। #banglore #BangloreRiots— Krishna Jha (@KrishnaJha99032) August 12, 2020
Plan1.TeamA attacksrapesmurders 2.TeamB says v r gud muslms pls dont point on us to cool down feathers 3. Team C terorist expertise call out for ganga jamuna tehzib tell v r secular country v must forget&forgiv Team As crimes all religions hav gud&bad cyclerepeat TeamD victimcard— Jayesh Kumar Indian (@ChanakyaJayesh) August 12, 2020
TOTAL LIE!!! 3000 muslims gathered within 5 min and participated in violent riot. 60 plus police personnel injured, police station burnt, tons of vehicles and houses burnt, created havoc, finally lit the temple and standing outside for PR. Shame! Shame! Shame!— BINOD (@dweepatheameri1) August 12, 2020
MLA कांग्रेस का , जाति से दलित , भीम मीम एकता का प्रतीक , लेकिन उसके लिए लड़ने वाले सिर्फ़ भाजपा और Right विंग वाले है क्योंकि MLA और दलित बाद में है हमारे वो व्यक्ति हिंदू पहले है 🙏— MRUGESH PARMAR 🇮🇳 (@IamMrugesh) August 12, 2020
कोंग्रेस और भीम मीम वाले सब मुँह में दही जमा लेंगे #bangaloreriots
यह विशेष रूप से राम मंदिर भूमिपूजन की पूर्व संध्या पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा की गई धमकी के बाद और अधिक भयावह प्रतीत होता है, जहाँ इस्लामी निकाय ने हागिया सोफिया का उदाहरण दिया था और धमकी दी थी कि कैसे एक बार बनी मस्जिद हमेशा एक मस्जिद ही बनी रहेगी।
ट्वीट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखा था, “बाबरी मस्जिद थी, और हमेशा एक मस्जिद रहेगी। हागिया सोफिया हमारे लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण वाले फैसले से भूमि का पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है। दुखी होने की जरूरत नहीं है। परिस्थति हमेशा के लिए नहीं रहती है।”
एक सोशल मीडिया यूजर मुहम्मद नुम्मिर ने भी इसी वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि यही तो भारत की सुंदरता है। लेकिन मंदिर को बचाने के लिए मानव श्रृंखला का उल्लेख करते हुए नुम्मिर यह आसानी से भूल गए कि हमलावर भी उनके अपने मुस्लिम भाई थे।
कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने भी दंगाई को ‘भीड़’ के रूप में प्रदर्शित किया, मगर मंदिरों को बचाने के लिए मुस्लिमों ने मानव श्रृंखला बनाई’ थी।
That's the beauty of India— 𝗠𝘂𝗵𝗮𝗺𝗺𝗮𝗱 𝗡𝘂𝗮𝗺𝗺𝗶𝗿 💞 ( نُعَمِّرْ ) (@iam_nuammir) August 11, 2020
Muslims created human chain to guard a Temple in #Bengaluru during violence.
Stay calm make peace #BengaluruViolence
pic.twitter.com/bHNXJQ9rPchttps://t.co/43VcdpfDjo
निजामी ने 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को शहीद बताया था और 5 अगस्त को ‘काला दिन’ घोषित किया था, जिस दिन भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया था।
Human chain by Muslims to protect Hindu temples from mob. Well done Bangalore, stay calm, maintain peace! pic.twitter.com/ahNt3ZLbwV— Salman Nizami (@SalmanNizami_) August 11, 2020
Nation harming activities which were happening on behalf of secularism from last 72 years in this country. now bjp only differenciating that due to which the people of india is devided into two parts one is nationalists another is anti-nationals— chef ashutosh pandey (@chefpandey456) August 12, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई ने भी उस इलाके का वीडियो शेयर किया, जिसमें उसने दंगाइयों को ‘आगजनी करने वाला’ बताया।
#WATCH Karnataka: A group of Muslim youth gathered and formed a human chain around a temple in DJ Halli police station limits of Bengaluru city late last night, to protect it from arsonists after violence erupted in the area. (Video source: DJ Halli local) pic.twitter.com/dKIhMjQh96— ANI (@ANI) August 12, 2020
Name arsonist as well...one sided reporting won't do— graffy (@graffy_vibhav) August 12, 2020
मंदिर कुछ इस प्रकार बचाया गया pic.twitter.com/uXTF3skYVD— ☘️विशाल☘️ (@VISHUU101) August 12, 2020
@ANI For ur information 👇— Nandini Idnani (@idnani_nandini) August 12, 2020
Not going to be trapped in this ganga jamni tehjib drama we saw this before & after 5th August
Jai Siya Ram 🙏 pic.twitter.com/JdN7ELrVxN
Hindu Dalit Congress MLA Akhanda Srinivas Murthy and his Hindi Dalit relative houses has been burnt down in #BengaluruRiot by peacefuls?— WaghKG (@WaghKg) August 12, 2020
Will @RahulGandhi @priyankagandhi @SitaramYechury @Mayawati condemn attacks on Dalits and against burning of Dalit houses in #BengaluruRiot ? pic.twitter.com/Nsy0oJL7fC
Great PR STUNT 😂😂— Shoutloud For💭 (@Shoutloudfor) August 12, 2020
After burning vehicles, Police station, Dalit MLA house ,
attacking police, journalists, fire engine and much more violence,#bangaloreriots #Bangalore #bengaluruviolence #BengaluruRiot pic.twitter.com/tJF5ijFAWP
इंडिया टुडे के कर्मचारी राजदीप सरदेसाई ने भी मुसलमानों को ‘मानव श्रृंखला’ कहा। इन आगजनी करने वालों का कोई धर्म नहीं है, मगर मंदिरों की रक्षा के लिए मानव श्रृंखला बनाने वाले युवकों का मजहब है।
As always, for every rioter who takes law into their own hands, there will be those who will stand up for communal harmony and rule of law. Defeat the vandals and law breakers, don’t demonise a community. 🙏 https://t.co/2l7Te12oF4— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) August 12, 2020
No guts to show the real reporting— A K Sinha (@AK_Aspire) August 12, 2020
Did you listen the end of it. This video was made just to fool peoplehttps://t.co/tbjXjZoH88
अगर जबर्दस्ती दंगा करने की निंदा नहीं कर सकते तो कम से कम चुप तो रह ही सकते हो! अगर चुप नहीं रह सकते तो बताओ जो मकान और गाड़ियां जले और 60 पुलिसकर्मी घायल हुए उसका जिम्मेवार कौन है और नुकसान का मुआवजा कौन भरेगा?— गर्वित भारतीय (@Aryavrat_73) August 12, 2020
Photo ops for damage control...People can see through it...Instead of human chain around temple they should have done the same in front of MLA house , police station and nearly 300 vehicles destroyed...That would have stopped the mayhem..Who pays for the damage ?— Samik Mukhopadhyay (@samik75) August 12, 2020
Who is going to destroy temple?— Manvendra Singh (@Manva_tweets) August 12, 2020
Against whom they r Fightng?
We shall be talking abt how the law breakers shall b punished
Who killed 3 People
Who injured 60 Policemen
Who burnt Banglaore
What is this mentality
That one post & they do riot?
Nothing can set them right they have perfected the art of posing as neutral journalist to win the trust & viewers who are sensible , so that when it's required they can whitewash , normalise , Rationalise & justify Rwing Narrative to ppl who otherwise don't buy those narrative— aamir (@Inquilabo) August 12, 2020
कई सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि यह वीडियो फर्जी है। इसे कांग्रेस के नेताओं ने पीआर स्टंट के लिए बनवाया है, क्योंकि कांग्रेस नेता ही इस वीडियो को वायरल करने में लगे हुए हैं।
उसी स्थान से एक और वीडियो अब सामने आया है। वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को बैकग्राउंड से किसी को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि इसे ‘जल्दी से अपलोड करे।’
Et tu, ANI?— Raju Das | ৰাজু দাস (@rajudasonline) August 12, 2020
If religion is mentioned for those who formed human chain, why the religion of the 'arsonists' is not mentioned?? https://t.co/35V7NDRXIB
You should see this video. 'jaldi upload kar'— ರಾಘವೇಂದ್ರ ಹೆಬ್ಬಾರ್ (@RK_Hebbar) August 12, 2020
All drama for publicity sake @smitaprakash pic.twitter.com/agHW4ayRP9
अवलोकन करें:-
यह इस बात की उत्सुकता जागृत करती है कि क्या सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से शहर को उपद्रवियों द्वारा जला दिए जाने के बाद मंदिर की रक्षा के लिए मुस्लिमों द्वारा मानव श्रृंखला का वीडियो महज एक पब्लिसिटी स्टंट था।(एजेंसीज इनपुट्स सहित)
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