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शहर बसा नहीं, लुटेरे पहले आ गए यानि जिस बात का शुरू से ही अंदेशा था, वह नफरत और जहर किसी न किसी रूप में बाहर आनी शुरू हो चुकी है। और जो लोग जहर फैला रहे हैं, केंद्र सरकार उसका संज्ञान लेकर इन्हें और इन्हें समर्थन देने वाली पार्टियों को भी सचेत कर, सख्त कार्यवाही करे। भारत की धरती अब दंगों से लाल नहीं होनी चाहिए। इन मौलानाओं और इनके घर के किसी परिन्दे तक को खिरोंज तक नहीं आएगी, लेकिन मारा जायेगा बेगुनाह, फिर उन लाशों पर बैठ मालपुए खाएंगे।
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2013 में प्रकाशित मेरा स्तम्भ |

5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। इसके एक दिन बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मुखिया ने राम मंदिर पर विवादित बयान दिया। मौलाना साजिद राशिदी ने राम मंदिर को तोड़ने की धमकी दी। राशिदी के मुताबिक़, आने वाले समय में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बनाई जा सकती है। विवादित ज़मीन पर मस्जिद थी और वहीं रहेगी। इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने राशिदी को जवाब दिया है।
त्रिपाठी ने कहा, “यही भावना रही तो टीवी स्क्रीन से निकल कर कभी भी यूपी के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे।” भाजपा प्रवक्ता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा,
“यह 500 साल पुराना भारत नहीं है। यह मोदी जी का नया भारत है, UP, योगीजी, सीएए प्रदर्शन, पोस्टर, कुर्की, सरकारी वसूली यह सब याद है ना। वही जिससे बचने के लिए गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट तक दौड़े थे। यही भावना रही तो टीवी स्क्रीन से निकल कर कभी भी यूपी के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे।”
ये 500 साल पुराना भारत नहीं,मोदी जी का नया भारत है, UP,योगी जी, CAA प्रदर्शन,पोस्टर, कुर्की, सरकारी वसूली,ये सब याद है ना,वही जिससे बचने के लिए गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट तक दौड़े थे,यही भावना रही तो TV स्क्रिन से निकल कर कभी भी UP के चौराहों पर सरकारी पोस्टरों में चिपक जाओगे। https://t.co/RnNn6ohjur— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 6, 2020
मौलाना साजिद रशिदी ने राम मंदिर पर अपने बयान में कहा था,
“एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद ही रहती है। यह कुछ और बनाने के लिए तोड़ी नहीं जा सकती है। हम ऐसा मानते हैं और भरोसा करते हैं कि वहाँ मस्जिद थी और मस्जिद ही रहेगी। वह मस्जिद एक मंदिर को तोड़ कर नहीं बनाई गई थी, लेकिन अब ऐसा हो सकता है कि कभी मंदिर तोड़ कर उस जगह पर मस्जिद बनाई जाए। प्रधानमंत्री ने अयोध्या के मंदिर निर्माण कार्यक्रम में शामिल होकर संविधान की अवहेलना की है। उस ज़मीन पर बाबरी मस्जिद थी जिसे हिटलर की फ़ौज से मिलते -जुलते लोगों ने तोड़ा था। जो लोग इंसाफ में भरोसा रखते हैं वह किसी न किसी दिन उस मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर देंगे।”
माननीय त्रिपाठी जी। बातों से काम नही चलेगा अब, आप इस आदमी की तुरन्त गिरफ्तारी करवाये क्योकि ये आदमी तो इस तरह दँगा करवाने की फिराक में है।🙏🙏 इसको जेल में डालो।— Praneet (@being_praneet) August 6, 2020
Bhaiya.... zabardast... inko sahi time par sabak sikhaya jana behad jaruri... nhi to ye Imam aur Mullah ji log Dange karwayenge...— Arun Mishra/अरुण मिश्र (@mishrarun20) August 6, 2020
Hope that UP Police is taking a close look on all these hatemongers including AIMPLB and their members.
Jai Shri Ram... 🙏🙏🙏
ये चमचा किस बर्तन का है!!! pic.twitter.com/OkPEzxOl5T— Jirendra Yadav (@jirendra) August 6, 2020
एक केस लखनऊ में भी करवाईये.. दिल्ली में तजिन्दर बग्गा ने केस करवा दिया 🙏— चन्द्रा हिन्दुस्तानी (कायस्थ) 🇮🇳 (@ChowkidarChand4) August 6, 2020
इसके जैसे बाबर की नाजायज औलाद को इसकी औकात दिखानी होगी 😡
अयोध्या राम मंदिर का तो पता नहीं लेकिन हिन्दू धर्म और सनातन के लिए बाबा विश्वनाथ और मथुरा के प्रति और इच्छा बलवती हो गई है संविधानिक तरिके से उसे भी मुक्त करायेगे राम राज्य की स्थापना के लिए आक्रांताओं की अवशेष मिटाने जरूरी है— Dharmendra Dubey (@Dharmen88697469) August 6, 2020
जय सियाराम
This is pure rogue way which this muslim cleric has mentioned. It is very clear from his words that they have no regard for law!— Jaikumar Sharma (जयकुमार शर्मा) (@jaikumar_sharma) August 6, 2020
Such people must be handled with iron hand!
You are right @shalabhmani ji!
चौराहे पर सरकारी पोस्टर में इसको दिखा ही देना चाहिए। ये मंदिर तोड़ने की बात कर भी कैसे सकता है।।— abhishek kushwaha (@abhisher017) August 6, 2020
जो लोग समय के साथ नहीं बदलते अपना वजूद— Jaiprakash Gupta (@Jaiprak71890081) August 6, 2020
खो देते है,
जिस सत्ता ने बरसों हिन्दूओं को मूर्ख बनाया
आज हाशिये पर है
पाकिस्तान भी भारत के मुसलमानों का पक्ष लेता जरुर है, लेकिन कहता मुहाजिर है
हिन्दू सनातन नहीं होता तो?
It is Dawa which is his religious duty. Dawa commands Momins to invite Kafirs to accept Islam,if they don't agree,humiliate them.Making Mosque breaking temple is therfore Dawa. Make study of Quran,Hadith & Sira universal & compulsory for better understanding.— MudraRakchas (@mudrarakchas) August 6, 2020
लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लीमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर जहर उगला था। ओवैसी ने कहा था कि बाबरी मस्जिद थी और वही रहेगी। बुधवार की सुबह ट्वीट करते हुए ओवैसी ने कहा “बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाअल्लाह #BabriZindaHai।”
#BabriMasjid thi, hai aur rahegi inshallah #BabriZindaHai pic.twitter.com/RIhWyUjcYT— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2020
इसके अलावा ओवैसी ने यह भी कहा प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की शपथ का उल्लंघन किया है। हिंदुत्व की कामयाबी धर्मनिरपेक्षता की हार है। यह सिर्फ और सिर्फ हिंदू राष्ट्र की नींव रखी गई है। जहाँ मुसलमानों ने नमाज़ पढ़ी उसे सर्वोच्च न्यायालय में झूठ बोल कर तबाह किया गया। ओवैसी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भूमि पूजन को सिम्बल ऑफ़ इंडिया बताया, जबकि देश का सिम्बल कोई भी धार्मिक जगह नहीं हो सकती है।
अवलोकन करें:-
4 अगस्त के दिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से भी राम मंदिर मुद्दे पर बयान जारी किया गया था। बोर्ड द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था, “बाबरी हमेशा एक मस्जिद ही रहेगी। हागिया सोफ़िया इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी और शर्मनाक तरीके से ज़मीन पर कब्ज़ा किया गया। बहुसंख्यक समाज के तुष्टिकरण वाले इस निर्णय से मस्जिद का दर्जा नहीं बदल सकता। दिल तोड़ने की ज़रूरत नहीं है, हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते हैं।”
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