आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
महाराष्ट्र सरकार द्वारा रिपब्लिक भारत पर पाबन्दी कांग्रेस द्वारा 1975 में लगाई आपातकाल की याद करवा दी है। इस दौरान प्रेस सेंसरशिप के साथ गायक किशोर कुमार द्वारा संजय गाँधी के एक कार्यक्रम में जाने से मना करने की वजह से किशोर के रेडियो और फिल्मों में गायन पर पाबन्दी के साथ संजीव कुमार और सुचित्रा सेन अभिनीत फिल्म "आंधी" पर प्रतिबन्ध केवल इसलिए लगाया कि नायिका इंदिरा गाँधी की छवि प्रस्तुत कर रही थी, अभिनेता-निर्माता और निर्देशक मनोज कुमार की फिल्म "रोटी कपडा और मकान" एक गीत "हाय महंगाई मार गयी...." को फिल्म से निकलवाने के साथ-साथ रेडियो प्रसारण पर भी पाबन्दी इसलिए लगाई कि यह चर्चित हो रहा था। इस गीत के रेडियो प्रसारण पर भी पूर्णरूप से प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। फिल्म "किस्सा कुर्सी का" को सेंसर से पास नहीं होने दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के विरुद्ध बोलने वाले नेताओं को जेलों में डाल दिया था। यानि जिस तरह कांग्रेस ने आपातकाल में व्यक्ति की अभिव्यक्ति पर पूर्णरूप से पाबन्दी लगा दी थी, उसी राह पर कांग्रेस के सहयोग से चल रही शिव सेना सरकार चल पड़ी है।
पत्रकारों और मीडिया नेटवर्क को धमकाने, डराने के अपने काम को जारी रखते हुए, शिवसेना ने सितम्बर 10, 2020 को महाराष्ट्र में स्थानीय केबल ऑपरेटरों को ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। संजय राउत को अपना मार्गदर्शक बताते हुए, शिवसेना ने ऐसा ना करने पर इसका ‘अंजाम भुगतने’ तक की भी धमकी दी है।
बृहस्पतिवार को जारी एक पत्र में शिवसेना से जुड़े ‘शिव केबल सेना’ ने महाराष्ट्र में केबल टीवी ऑपरेटरों से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। शिवसेना ने केबल ऑपरेटरों को अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले मीडिया नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने या परिणाम भुगतने जैसी धमकियाँ भी जारी की हैं।
शिवसेना द्वारा ‘रिपब्लिक टीवी’ के खिलाफ उठाया गया यह कदम बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर रिपब्लिक टीवी द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग के बीच आई है। इसके अलावा, हाल ही में अभिनेत्री कंगना रानौत के ऑफिस में द्वारा BMC द्वारा किए गए विवादास्पद नुकसान को लेकर भी महाराष्ट्र कि शिवसेना घिरती हुई नजर आ रही है और रिपब्लिक टीवी ने इसे भी प्रमुखता से अपने समाचार चैनल पर जगह दी है।
शिवसेना द्वारा प्रमुख टीवी केबल ऑपरेटर हैथवे, डेन, इन केबल, जीटीपीएल, सेवन स्टार, सिटी केबल्स को लिखे पत्र में कहा है कि ‘रिपब्लिक टीवी’ ने सीएम उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री के लिए अपमानजनक भाषा का बार-बार इस्तेमाल कर पत्रकारिता की नैतिकता और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है।
इसमें कहा गया है कि अर्नब गोस्वामी ने न्यूज़रूम में एक ‘समानांतर अदालत’ बना ली है। इस पत्र में कंगना राउत को ‘हरामखोर’ कहने वाले शिवसेना नेता संजय राउत को ‘मुख्य मार्गदर्शक’ बताया गया है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला
शिवसेना द्वारा रिपब्लिक टीवी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने के प्रयासों के बाद, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि शिवसेना केबल, जो कि शिवसेना विंग का हिस्सा है, ने ‘संजय राउत के मार्गदर्शन’ के तहत एक आदेश जारी किया। रिपब्लिक टीवी ने कहा कि यह आदेश पूरे महाराष्ट्र में केबल ऑपरेटरों के लिए एक खुला खतरा है।
रिपब्लिक टीवी ने इस पर बयान देते हुए कहा, “किसी समाचार चैनल को उसके दर्शकों तक पहुँचने से रोकने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी मशीनरी और डराने के तरीकों का उपयोग करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत उल्लंघन है। रिपब्लिक भारत को रोकने करने का यह प्रयास एक स्वतंत्र प्रेस पर हमला है और एक आपातकालीन मानसिकता को दर्शाता है जो हमारे समय में एक अराजकतावाद है और इस महान लोकतंत्र के लिए एक विडंबना है।”
मीडिया नेटवर्क ने अपने बयान में कहा, “वे हर घर में दर्शकों तक पहुँचने के अपने रिपोर्ट के अधिकार और बचाव के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। मीडिया नेटवर्क ने कहा कि वे रिपब्लिक के सवालों को बंद करना चाहते हैं और रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग को रोकना चाहते हैं। हालाँकि, वे रिपब्लिक टीवी को ब्लॉक नहीं कर सकते क्योंकि भारत के लोग हमारे साथ हैं।”
महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग की घटना के कवरेज के बाद से ही रिपब्लिक टीवी चैनल महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर है। इसके बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के घर पर बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ कि कवरेज के दौरान भी मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक चैनल के पत्रकारों से धक्का-मुक्की की और उन्हें गिरफ्तार भी किया।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा रिपब्लिक भारत पर पाबन्दी कांग्रेस द्वारा 1975 में लगाई आपातकाल की याद करवा दी है। इस दौरान प्रेस सेंसरशिप के साथ गायक किशोर कुमार द्वारा संजय गाँधी के एक कार्यक्रम में जाने से मना करने की वजह से किशोर के रेडियो और फिल्मों में गायन पर पाबन्दी के साथ संजीव कुमार और सुचित्रा सेन अभिनीत फिल्म "आंधी" पर प्रतिबन्ध केवल इसलिए लगाया कि नायिका इंदिरा गाँधी की छवि प्रस्तुत कर रही थी, अभिनेता-निर्माता और निर्देशक मनोज कुमार की फिल्म "रोटी कपडा और मकान" एक गीत "हाय महंगाई मार गयी...." को फिल्म से निकलवाने के साथ-साथ रेडियो प्रसारण पर भी पाबन्दी इसलिए लगाई कि यह चर्चित हो रहा था। इस गीत के रेडियो प्रसारण पर भी पूर्णरूप से प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। फिल्म "किस्सा कुर्सी का" को सेंसर से पास नहीं होने दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के विरुद्ध बोलने वाले नेताओं को जेलों में डाल दिया था। यानि जिस तरह कांग्रेस ने आपातकाल में व्यक्ति की अभिव्यक्ति पर पूर्णरूप से पाबन्दी लगा दी थी, उसी राह पर कांग्रेस के सहयोग से चल रही शिव सेना सरकार चल पड़ी है।
पत्रकारों और मीडिया नेटवर्क को धमकाने, डराने के अपने काम को जारी रखते हुए, शिवसेना ने सितम्बर 10, 2020 को महाराष्ट्र में स्थानीय केबल ऑपरेटरों को ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। संजय राउत को अपना मार्गदर्शक बताते हुए, शिवसेना ने ऐसा ना करने पर इसका ‘अंजाम भुगतने’ तक की भी धमकी दी है।
बृहस्पतिवार को जारी एक पत्र में शिवसेना से जुड़े ‘शिव केबल सेना’ ने महाराष्ट्र में केबल टीवी ऑपरेटरों से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। शिवसेना ने केबल ऑपरेटरों को अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले मीडिया नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने या परिणाम भुगतने जैसी धमकियाँ भी जारी की हैं।
शिवसेना द्वारा ‘रिपब्लिक टीवी’ के खिलाफ उठाया गया यह कदम बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर रिपब्लिक टीवी द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग के बीच आई है। इसके अलावा, हाल ही में अभिनेत्री कंगना रानौत के ऑफिस में द्वारा BMC द्वारा किए गए विवादास्पद नुकसान को लेकर भी महाराष्ट्र कि शिवसेना घिरती हुई नजर आ रही है और रिपब्लिक टीवी ने इसे भी प्रमुखता से अपने समाचार चैनल पर जगह दी है।
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शिव सेना द्वारा महाराष्ट्र के केबल ऑपरेटर्स को लिखा गया पत्र |
इसमें कहा गया है कि अर्नब गोस्वामी ने न्यूज़रूम में एक ‘समानांतर अदालत’ बना ली है। इस पत्र में कंगना राउत को ‘हरामखोर’ कहने वाले शिवसेना नेता संजय राउत को ‘मुख्य मार्गदर्शक’ बताया गया है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला
शिवसेना द्वारा रिपब्लिक टीवी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने के प्रयासों के बाद, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि शिवसेना केबल, जो कि शिवसेना विंग का हिस्सा है, ने ‘संजय राउत के मार्गदर्शन’ के तहत एक आदेश जारी किया। रिपब्लिक टीवी ने कहा कि यह आदेश पूरे महाराष्ट्र में केबल ऑपरेटरों के लिए एक खुला खतरा है।
#CantBlockRepublic | Open threat to cable operators across Maharashtra to ban Republic Media Network or 'face consequences'. Join the call to defend the right to report, sign the petition, Tweet us your videos and watch them on-air on Republic https://t.co/Y9zlarecVl— Republic (@republic) September 11, 2020
I did sign the petition and will forward to all my contact.— bhagesh chauhan (@chauhan_bhagesh) September 11, 2020
This is not good for our democracy and i strongly believe that now there has to be Presidential rule in Maharashtra.#ShameOnUddhavThackeray
Yeh kya gundaraaj hai Mumbai mai. Does the constitution allows this?— Buie (Rakhee) ਰਾਖੀ 🇺🇸|🇮🇳 (@buiejames) September 11, 2020
Kangana’s point proven.@KanganaTeam #DeathOfDemocracy— Rhea Chakraborty Bhatt (@RheaMaheshBhatt) September 11, 2020
Sir @PrakashJavdekar Ji, this is the violation of article 19(1)(A) of Constitution of India for freedom of Press. Pls look into this matter Sir.@AmitShah @PMOIndia @rashtrapatibhvn @narendramodi @HMOIndia @rsprasad @Republic_Bharat @republic @ishkarnBHANDARI #CantBlockRepublic— Paddy (@MishraPaddy) September 11, 2020
Arey Shiv Sena cable tv pe nhi dikhayegi toh hum youtube pe dekhenge....aur 24ghante dekhenge kya kya bandh karegi— Sneha Bhatnagar (@Sneha71189) September 11, 2020
रिपब्लिक टीवी ने इस पर बयान देते हुए कहा, “किसी समाचार चैनल को उसके दर्शकों तक पहुँचने से रोकने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी मशीनरी और डराने के तरीकों का उपयोग करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत उल्लंघन है। रिपब्लिक भारत को रोकने करने का यह प्रयास एक स्वतंत्र प्रेस पर हमला है और एक आपातकालीन मानसिकता को दर्शाता है जो हमारे समय में एक अराजकतावाद है और इस महान लोकतंत्र के लिए एक विडंबना है।”
मीडिया नेटवर्क ने अपने बयान में कहा, “वे हर घर में दर्शकों तक पहुँचने के अपने रिपोर्ट के अधिकार और बचाव के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। मीडिया नेटवर्क ने कहा कि वे रिपब्लिक के सवालों को बंद करना चाहते हैं और रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग को रोकना चाहते हैं। हालाँकि, वे रिपब्लिक टीवी को ब्लॉक नहीं कर सकते क्योंकि भारत के लोग हमारे साथ हैं।”
महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग की घटना के कवरेज के बाद से ही रिपब्लिक टीवी चैनल महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर है। इसके बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के घर पर बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ कि कवरेज के दौरान भी मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक चैनल के पत्रकारों से धक्का-मुक्की की और उन्हें गिरफ्तार भी किया।
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