यति नरसिंहानंद सरस्वती (बाएँ), अमानतुल्लाह खान (दाएँ)
आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानतुल्लाह खान ने पैगंबर मोहम्मद पर कथित आलोचनात्मक टिप्पणियों के लिए डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती की जुबान और गर्दन काटने की माँग की।
Delhi: Taking cognizance of a video in which a person can be seen using offensive language against Prophet Muhammad at an event in the Press Club, Delhi Police have registered an FIR at Parliament Street police station under sections 153-A & 295-A of IPC, say Delhi Police
— ANI (@ANI) April 3, 2021
Taking cognizance of a video circulating on social media in the matter of a conference took place in press club, a case FIR No. 57/21 u/s 153-A/ 295-A-IPC has been registered at PS Parliament Street and investigation taken up. - said Delhi Police Spokesperson Chinmoy Biswal.
— Mahender Singh Manral (@mahendermanral) April 3, 2021
Please file a complaint against him to. Without complaint police can’t take action.
— Dr Narain Rupani (@DrRupani) April 4, 2021
Delhi police is complying to orders of sh
— Manoj (@mankg64) April 3, 2021
@ArvindKejriwal swami ji will b arrested a produced before Amman saab for delivery of justice.
अमानतुल्लाह जेसो पर ना अमित शाह रासुका लगाते है ना केजरीवाल पार्टी से निकालता है ... नंगे लोगो से कोई नही भिड़ना चाहता इस देश मे ... यही बात कोई आम आदमी बोल दे तो 2 साल जमानत होने में लग जाए ...
— Geet Nagar (@NagarGeet) April 3, 2021
Has anyone even filed a complaint against him....I reported his tweet on twitter...buggers won't even consider it a threatning tweet
— EX Assoc Prof@Hahaward University (@NitinSh02657621) April 3, 2021
Atleast now realise Modi and taadipar shah are biggest Hindu backstabbers
— Rohith - Рохит (@mahisque) April 3, 2021
अमानतुल्लाह खान ने यति नरसिंहानंद सरस्वती का इस्लाम की निंदा करता हुआ वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, “हमारे नबी की शान में गुस्ताखी हमें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं, इस नफ़रती कीड़े की ज़ुबान और गर्दन दोनों काट कर इसे सख़्त से सख़्त सजा देनी चाहिए। लेकिन हिंदुस्तान का कानून हमें इसकी इजाज़त नहीं देता, हमें देश के संविधान पर भरोसा है और मैं चाहता हूँ कि दिल्ली पुलिस इसका संज्ञान ले।” अमानतुल्लाह के इस दो-मुखी बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संज्ञान लेकर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। अगर इन लोगों को अपने इस्लाम की बुराई पसंद नहीं, फिर किस आधार पर ये लोग हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित भाषा का प्रयोग करते हैं? दूसरे, शार्ली एब्डोलो द्वारा कार्टून पर शोर मचा सकते हैं, सलमान रश्दी और तस्लीमा के विरुद्ध हंगामा कर सकते हैं, लेकिन अनवर शेख के विरुद्ध बोलने अथवा फतवा देने का विश्व में किसी में साहस नहीं हुआ। जिनकी पुस्तकें इस्लाम और पैगम्बर को तार-तार किया है। दुनियां में हर धर्म के देवी-देवताओं पर शोध हुए हैं, जरुरी है इस्लाम पर भी शोध हुआ होगा, क्यों नहीं जगजाहिर किया जाता? यति नरसिंहानंद हो या कमलेश तिवारी इन्होंने उन्हीं तथ्यों को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जिस शोध को जनता से छुपाया जा रहा है। यदि अमानतुल्लाह के उकसाने पर किसी सिरफिरे ने यति का कमलेश तिवारी वाला हाल किया, इसका अंजाम इतनी दूर तक जाने की संभावनाएं हैं, कोई कल्पना भी नहीं कर पाएगा। केवल भारत ही नहीं विश्व में एक नयी बहस छिड़ जाएगी, जिसकी गूंज कट्टरपंथियों की रोटी ही नहीं रातों की नींद हराम कर देगा। (पढ़िए नीचे मीनाक्षीपुरम का कड़वा सच, जब कांग्रेस काल में हिन्दुओं का इस्लामीकरण किया गया था, लेकिन डॉ नसरुद्दीन कमाल परिवार सहित हिन्दू बन गया। )#ArrestAmanatullah #Arrest_Amanatullah_khan pic.twitter.com/it5sSKda9S
— Rameshwar Arya 🇮🇳 🕉️ (@iRameshwarArya) April 3, 2021
हमारे नबी ﷺ की शान में गुस्ताखी हमें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं, इस नफ़रती कीड़े की ज़ुबान और गर्दन दोनो काट कर इसे सख़्त से सख़्त सजा देनी चाहिए।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) April 3, 2021
लेकिन हिंदुस्तान का क़ानून हमें इसकी इजाज़त नहीं देता, हमें देश के संविधान पर भरोसा है और मैं चाहता हूँ कि @DelhiPolice इसका संज्ञान ले। pic.twitter.com/GGcKl3LsX8
यति नरसिंहानंद सरस्वती प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहाँ उन्होंने पैगंबर मोहम्मद की असलियत को उजागर करने के लिए हिंदुओं से निडर होने का आग्रह किया। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा:
“अगर इस्लाम की असलियत, जिसके लिए मौलाना कहते हैं कि अगर मोहम्मद के बारे बोला तो सिर काट देंगे… हिंदू ये भय अपने दिमाग से निकाल दें। हम हिंदू हैं। हम राम के चरित्र की मीमांसा कर सकते हैं, हम परशुराम के चरित्र की मीमांसा कर सकते हैं, तो हमारे लिए मोहम्मद क्या चीज है? हम मोहम्मद की मीमांसा क्यों नहीं करेंगे और क्यों सच नहीं बोलेंगे?”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आज मोहम्मद का सच दुनिया के मुसलमान को चल जाए तो उसे अपने मुसलमान होने पर शर्म आएगी। क्योंकि भगवान हर इंसान के अंदर एक अंतरात्मा देता है, जिसे पता होता है कि क्या अच्छा है, क्या बुरा है और जब किसी इंसान को पता चलेगा कि वो केवल एक चोर, लुटेरे, बलात्कारी को, औरतों की सौदागरी करने वाले को फॉलो कर रहा था, तो उसे शर्म आएगी। ये तो हिंदुस्तान के घटिया नेता और नकली धर्मगुरु हैं, जिन्होंने इस्लाम जैसी गंदगी का महिमामंडन कर दिया। अगर इस्लाम के बारे में खुल कर बोला जाता तो आज हम मुसलमान को अपने मुसलमान होने पर शर्म आती। उसे शर्म आती कि वो हिंदुओं के खाने में थूक रहा है, उसे शर्म आती कि उसने अपने भाई जैस दोस्त की पत्नी और बेटी पर गंदी निगाह डाली।”
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वैदेही और इस्लाम....
23 फरवरी 1981 का दिन था वह, जब तमिलनाडु के मीनाक्षीपुरम में डाँ० नसरुद्दीन कमाल अपने साथियों के साथ एक दलित परिवार को बंधक बनाए हुए थे। घर के सभी लोगों ने इस्लाम कबूल लिया था, घर के लोग ही क्यों लगभग एक हजार दलित धर्मांतरण करके जबरन मुस्लिम बनाए चुके थे। इसलिए मीनाक्षीपुरम का नाम बदलकर रहमतनगर रख दिया गया था।
यह दलित गिने के घर की कहानी है। उसकी 8 वर्ष की पोत्री थी वैदेही...वह किसी भी कीमत पर मुस्लिम बनने को तैयार नहीं हुई,
‘‘मै मर जाऊंगी लेकिन कलमा नहीं पढ़ूंगी,’’ उसने अपने दादा से कहा था, ‘‘बाबा आपने ही तो मुझे गायत्री मंत्र सिखाया था ना...आपने ही तो बताया था कि यह परमेश्वर की वाणी वेदों का सबसे सुंदर मंत्र है, इससे सब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, फिर मैं उन लोगों का कलमा कैसे पढ़ सकती हूं, जिन्होंने मेरे सहपाठियों का कत्ल कर दिया, क्योंकि वे भी मुस्लिम नहीं बनना चाहते थे।
हम ऐसे मजहब को कैसे अपना सकते हैं?, जिसे न अपनाने पर कत्ल का भय हो, मुझे तो गायत्री मंत्र प्रिय है जो मुझे निर्भय बनाता है।’’
''बेटी जीवन रहेगा तो ही धर्म रहेगा ना...जिद छोड दे और कबूल कर ले इस्लाम।'' बाबा ने अंतिम प्रयास किया था।
उसने बाबा से सवाल किया था, ''बाबा आपने एक दिन बताया था कि गुरु गोबिंद सिंह के दो बच्चे दीवार में जिंदा चिनवा दिए थे, लेकिन उन्होंने इस्लाम नहीं कबूला था, क्या मैं उन सिख भाइयो की छोटी बहन नहीं? जब वे धर्म से नहीं डिगे तो मैं कैसे डिग सकती हूं?''
‘‘दो टके की लड़की, कलमा पढ़ने से इंकार करती है,’ डाँ० नसरूद्दीन कमाल के साथ खड़े मौलाना नुरूद्दीन खान ने उसके बाल पकड़ते हुए चूल्हे पर गर्म हो रहे पानी के टब में उसका मुंह डूबा दिया था। पानी भभक रहा था, इतना गर्म था कि बनती भाप धुंए के समान नजर आ रही थी। बालिका के चेहरे की चमड़ी निकल गई थी एक बार ही डुबोते, चीख पड़ी थी, ‘‘भगवान मुझे बचा लो?’’
‘‘तेरा पत्थर का भगवान तुझे बचाने नहीं आएगा, अब तो इस्लाम कबूल ले लड़की, नहीं तो इस बार तुझे इस खोलते पानी में डुबा दिया जाएगा।’’ मौलवी ने कहा था, फिर उसके दादा ने भी कहा, ‘‘कबूल कर ले बेटी इस्लाम, हम भी सब मुसलमान बन चुके, तू जिंदा रहेगी तो तेरे सहारे मेरा भी बुढ़ापा भी कट जाएगा।’’
मौलवी ने चूल्हे के पास से मिर्च पाउडर उठाकर उसकी आंखों में भरते हुए और चेहरे पर मलते हुए कहा, ‘‘दूध के दांत टूटे नहीं, और इस्लाम नहीं कबूलेगी।’’
एक बार फिर तड़प उठी थी वह मासूम, पर इस बार भी यही कह रही थी, ‘‘नहीं मैं इस्लाम नहीं कबूल करूंगी।’’
मौलवी को भी क्रोध आ गया था, इस बार तो उसका सिर जलते हुए चूल्हें में ही दे डाला था। परंतु प्राण त्यागते हुए भी उस बालिका के मुख से यही निकल रहा था, ‘‘मैं इस्लाम नहीं कबूल करूंगी।’’
अंतिम बार डाॅक्टर नसरूद्दीन कमाल की ओर आशा भरी दृष्टि से देखा था, ‘‘मेरा धर्म बचा लो...डाॅक्टर साहब...पत्थर के भगवान नहीं आएंगे, आज से मैंने तुझे भगवान मान लिया...’’
अब उसमें कुछ नहीं रहा था, वह तो मिट्टी बन चुकी थी, डाँ० नसरूद्दीन कमाल भी तो धर्मांतरण करने वाले लोगों की मंडली में ही शामिल था, लेकिन उस बालिका ने पता नहीं उसमें क्या देखा कि विधर्मी से ही धर्म बचाने की गुहार लगा बैठी थी, उस असहाय बालिका का धर्म के प्रति दृढ़ निश्चय देखकर हृदय चीत्कार कर उठा था नसरूद्दीन कमाल का, ‘‘या अल्लाह ऐसे इस्लाम के ठेकेदारों से तो मर जाना अच्छा है।’’ वह घर की ओर भाग लिया था और डाँ० नसरूद्दीन कमाल पूरे दस दिन अपने घर से नहीं निकला, कुछ खाया पीया नहीं, बस उस बालिका का ध्यान बराबर करता और आंखों में आंसू भर आते उसके...गायत्री मंत्र का अर्थ जानने के लिए उसने एक किताब खरीदी, गलती से वह नूरे हकीकत यानी सत्यार्थ प्रकाश थी। उसने उसका गहराई से अध्ययन किया और 11 नवंबर 1981 को एक जनसमूह के सामने विश्व हिन्दू परिषद और आर्य समाज के तत्वावधान में अपने पूरे परिवार के साथ वैदिक धर्म अंगीकार कर लिया।
डाँ० नसरूद्दीन ने अब अपना नाम रखा था आचार्य मित्रजीवन, पत्नी का नाम बेगम नुसरत जहां से श्रीमती श्रद्धादेवी और तीन पुत्रियों शमीम, शबनम और शीरीन का नाम क्रमशः आम्रपाली, अर्चना और अपराजिता रखा गया।
15 नवंबर 1981 को आर्य समाज सांताक्रुज, मुंबई में उनका जोरदार स्वागत हुआ, जहां उन्होंने केवल एक ही बात कही, ‘‘मैं वैदेही को तो वापस नहीं ला सकता, लेकिन हिन्दू समाज से मेरी विनती है, मेरी बेटियों को वह अपनाए, वे हिन्दू परिवारों की बहू बनेंगी तो समझूंगा कि उस पाप का प्रायश्चित कर लिया, जो मेरी आंखों के सामने हुआ। हालांकि वह मैंने नहीं किया, लेकिन मैं भी दोषी था, क्योंकि मेरी आंखों के सामने एक मासूम बालिका की निर्मम हत्या कर दी गई।’’
आचार्य मित्रजीवन ने अपना शेष जीवन वेदों के प्रचार-प्रसार में लगा दिया, इसलिए उन्हें आज बहुत से लोग जानते हैं, उनकी पुस्तकें पढ़ते हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि वे जन्म से मुस्लिम थे और यह तो कोई जानता ही नहीं कि वैदेही कौन थी?
साभार ......
वेद वृक्ष की छाया तले, पुस्तक का एक अंश
लेखिका फरहाना ताज
स्रोत : वैदेही के संदर्भ के लिए देखें 24 फरवरी 1981 इंडियन एक्सप्रेस
वैदिक गर्जना, मासिक पत्रिका 1982
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लोगों ने लगा दी अमानतुल्लाह और केजरीवाल की क्लास:-
KASAB
— जय जय हे महिषासुर मर्दिनी Free Tibet n AKSAICHIN (@SANJAY076080) April 3, 2021
DAWOOD
all who killed JK ,pandits
all who killed ,in Khilafat movement
all who killed in Direct Action Day
ये मुसलमान है या मुसलमान बनने की तैयारी कर रहे है
— Jayesh Kadia (@JayeshKadia5) April 3, 2021
True, why such hypocrisy?
— Vikrant Pathania (@vpathania76) April 3, 2021
तो इसकी जिम्मेदारी सिर्फ इसी अमनातुल्लाह की होगी। यह पहले भी दिल्ली में दंगे करवा चुका है। और इसी प्रकार पहले कमलेश तिवारी की भी हत्या हो चुकी है।
— I_Demand_Explanation (@LiiTLLe) April 3, 2021
Tum kisi ke bhi dharm ke bare me kuch bhi bolege to kaisa chalega
— Gaurav (@Gaurav11990262) April 3, 2021
Agar tum kuch bhi bol sakte ho
To kuch bhi sun ne ki himmat rakho
चूड़ियां तो उसी दिन दिल्ली पुलिस ने पहन ली थी जब साद जैसे मौलाना को आज तक गिरफ्तार करने की हिम्मत तक नही हुई दिल्ली पुलिस को।
— नितेश झा राष्ट्रवादी (@NiteshJ18923740) April 3, 2021
संविधान के नाम पर आतंकवाद pic.twitter.com/g6YfzLtZI7
— Anil Singh (@anil5152) April 3, 2021
बड़ी विडंबना है , क्या अब डरे हुए मुसलमान किसी का गला भी नहीं काट सकते , ये कैसा संविधान है। आपको गोदी मीडिया ये कभी नहीं बताएगा कि अल्पसंख्यको के द्वारा अगर किसी की गर्दन काटी जाती है तो इससे भाई चारा बड़ता,ये कैसा भारत बना दिया आपने जहां अल्पसंख्यक किसी का गला भी नहीं काट सकते pic.twitter.com/Zh7j1QQiAU
— Perpendicular (@Perpend92286456) April 3, 2021
#ArrestAmanatullahKhan #केजरीवाल_जेहादियों_के_साथ#कांग्रेस_का_हाथ_देशद्रोहियों_के_साथ #सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है #कांग्रेस_मुक्त_भारत #मैं_नरसिंहानंद_जी_के_साथ_हूं #हर_हर_महादेव
— ओम प्रकाश सोनी #३ह (@osoni132) April 3, 2021
Educated ho kar itni nafrat kaha se laati hai aap..MOHAMMAD sahab Ki biography zaroor padhe aap
— farhan ahmad shaikh (@amfarhansheikh) April 3, 2021
नारा ए तकबीर
— khalid ansari (@khalida81183572) April 3, 2021
अल्लाहुअकबर
Cc @DelhiPolice ये सत्ताधारी पार्टी का MLA खुलेआम 1 हिन्दू का गला काटने के लिए उकसा रहा है, हम पहले भी कमलेश तिवारी जी के खिलाफ उकसावे का परिणाम देख चुके हैं, कृपया उचित और त्वरित कार्यवाही करें@LegalLro @HinduITCell https://t.co/16xG73e8Aq
— Krishna_Wing (@Krishna_Caravan) April 3, 2021
— Sanjeev Nahata 🚩R.H.S (@NahataSanjeev) April 3, 2021
Aapko MOHAMMAD SAHAB ki biography padhna chahiye ...insaan ko insaniyat sikhayi hai
— farhan ahmad shaikh (@amfarhansheikh) April 3, 2021
Tune aur terr baap Ne kitni books padhi hai
— MƛӇMƛƊ (@Mahmad0107) April 3, 2021
jo bhouke jaa rha hai
— दलीप पंचोली🇮🇳 (@DalipPancholi) April 3, 2021
मदरसे के मुल्ला की पिटाई
— 🇮🇳Yogendra 🌎 (@yogendrapbh) April 3, 2021
pic.twitter.com/yBYxiVjvmj
पैगम्बर साहब के भतीजे दुर्गा जी के नाम की बीड़ी बेच रहे थे। फिर गया बजरंग दल से फोन ...आगे ख़ुद सुनिए।😊 pic.twitter.com/5Qo3nyqN5s
— Vinod Sharma #HTL 🕉️ (@vinodsharma1834) March 30, 2021
@shadab_chouhan1 साहब मुझे नहीं लगता इस वक्त @KhanAmanatullah साहब पर इस तरह तंज़ करना मुनासिब है अगर इस स्टेज पर आकर भी कौम मुत्तहिद नहीं होती है तो इस उम्मत को नीस्त व नाबूद होने से कौन बचा सकता है?
— Samina Fayaz (@samina_fayaz) April 3, 2021
इस फिल्म को काट कर छोटा क्यों कर दिया है? आगे और भी बहुत कुछ था 😂😂
— Rajiv Ranjan 🇮🇳 (@rajivranjan926) April 3, 2021
इससे पहले भी अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन का बचाव करने के लिए ’मुस्लिम कार्ड’ खेला था। उसने उसके खिलाफ ढेर सारे सबूतों को अनदेखा करते हुए दावा किया कि उसे सिर्फ इसलिए सजा दी जा रही है क्योंकि वह मुस्लिम है। बता दें कि खान पर खुद CAA विरोध प्रदर्शनों के दौरान 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है।
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