साभार : IndiaTV |
काम से ज्यादा विज्ञापन करने वाली दिल्ली की केजरीवाल सरकार कोरोना संकट की शुरुआत से ही झूठ और पाखंड का सहारा ले रही है। बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों को अफवाह और फेक न्यूज के जरिए दिल्ली से बाहर करने की बात हो या लाखों लोगों को खाना खिलाने की बात, हर बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का झूठ पकड़ा गया है। अब कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े छुपाने के मामले में भी केजरीवाल सरकार बेनकाब हो गई है। कुछ अखबारों की रिपोर्ट में बताया गया कि दरअसल दिल्ली में कोरोना से सैकड़ों लोग मारे गए हैं, लेकिन केजरीवाल ने अप्रैल 25 को सिर्फ 73 लोगों के मरने की बात कही। मामले पर चौतरफा घिरी दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में अस्पतालों को एक पत्र भेजा, जिसमें अस्पतालों को मौतों की स्पष्ट जानकारी रोजाना के आधार पर देने का निर्देश दिया गया। दरअसल, केजरीवाल की यह कोशिश थी कि ऐसा कर अस्पतालों को ही आंकड़ों में गलती का जिम्मेवार ठहरा दिया जाए। लेकिन, मुख्य सचिव के इस पत्र से यह बात स्पष्ट हो गया कि दिल्ली सरकार झूठ बोल रही थी और आंकड़े छिपा रही थी।
वैसे पहली बार मौत के आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई है, पिछली बार भी छेड़छाड़ की गयी थी। जितनी संख्या बताई जा रही थी, उससे अधिक तो कब्रिस्तानों में दफनाए मृतक थे, श्मशानों की संख्या अलग। दूसरे, इस खेल में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने वाला मीडिया भी शामिल है। विज्ञापनों की भरमार के लालच में अपना उत्तरदायित्व भूल गया। दिल्ली इतनी भयात्मक स्थिति से गुजर रही है और विज्ञापन के लालच में वास्तविक को छिपाती रही है। और "मोदी विरोधी कहते हैं मोदी ने मीडिया को खरीद रखा है।" अब इन्हीं के विधायक दिल्ली की भयात्मक स्थिति पर राष्ट्रपति शासन लागु करने की मांग करने लगे हैं। ये मीडिया को विज्ञापन और जनता को मुफ्त का पानी-बिजली देकर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। कोरोना के कहर को कम करने के लिए दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां लागू हैं फिर भी मामलों में कमी नहीं आ रही। इसी बीच सोशल मीडिया पर दिल्ली के केजरीवाल सरकार का एक और कारनामा वायरल हो रहा है, जिसमें नाकामी छुपाने के लिए कोरोना मरीजों की मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
सिर्फ टीवी पर चलने वाली @AamAadmiParty सरकार के मुखिया @ArvindKejriwal अब तक केवल अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए टीवी पर बड़े बड़े विजापन देते थे लेकिन अब देखो दिल्ली में कोरोना से हुई मौतों का आकड़ा भी छुपा रहे है।
— Kamaljeet Sehrawat (@kjsehrawat) April 29, 2021
27अप्रैल का डेटा 15099 और 28अप्रैल का डेटा 14616 कैसे हुआ..? pic.twitter.com/uHtcFIJolm
393 logo ko sad ji ne yamraj se lad ke wapas laya hai,
— V!pul P@ndey (@KoiMuskilNahi) April 29, 2021
kyuki imandar sarakar hai @AamAadmiParty syad yamraj ke yaha bhi Add ki rishwat de di ho.@ArvindKejriwal ye nihayat dhurt hai logo ki jaan se khilwad to kar hi rha hai sath me logo ki ankh me dhul dal rha hai😠😡
अरे कैसी बातें करते है आप? @ArvindKejriwal जी ने दिल्ली मे ऐसा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है जिससे हर रोज़ 50-60 मरे लोग वापिस ज़िंदा हो रहे है! अरे भाई देश की एकलौती ईमानदार सरकार है जो दिन रात दिल्ली की सेवा कर रही है वो भी टीवी चैनल्स पर
— अमित शर्मा (@asharma_022) April 29, 2021
— दिनेश कुमार सिंह (@vanrash02chahat) April 29, 2021
देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार यानि 27 अप्रैल, 2021 को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 381 मरीजों की मौत हो गई, जो एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों का यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इस दौरान देश की राजधानी में 24,149 नए मामले सामने आए और पॉजिटिविटी रेट करीब 33 प्रतिशत तक पहुंच गई। 27 अप्रैल तक कोरोना से जान गंवाने वालों का आकंड़ा 15,009 पहुंच गया। साथ ही एक्टिव मामलों की संख्या 98,000 के पार हो गई। इन आंकड़ों को नीचे लाल घरे में देखा जा सकता है।
कैसे पकड़ा गया केजरीवाल का झूठ
अस्पतालों के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 314 मौत केजरीवाल ने मरने वालों की संख्या 73 बताई मुख्य सचिव ने अस्पतालों को लिखा पत्र मौतों की जानकारी डेथ ऑडिट कमेटी को देने को कहा गया आंकड़ों में अंतर का ठीकरा अस्पतालों पर ही फोड़ा गया।
दिल्ली को बना दिया रेड जोन
दिल्ली में संक्रमितों की संख्या करीब 7000 मरने वालों की संख्या में भारी घालमेल कोरोना वॉरियर्स के संक्रमित होने की दर देश में सबसे ज्यादा दिल्ली में हॉटस्पॉट की संख्या 100 के पार काम की जगह विज्ञापन में जुटी है केजरीवाल सरकार।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार यानि 28 अप्रैल, 2021 को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले
24 घंटे में दिल्ली में 368 मरीजों की मौत हो गई। इस दौरान देश की राजधानी में 25,986 नए मामले सामने आए और पॉजिटिविटी रेट घटकर करीब 31.76 प्रतिशत हो गई। एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 99,752 के पार हो गई है। इन आंकड़ों को नीचे लाल घरे में देखा जा सकता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 27 अप्रैल तक कोरोना से मरने वालों का जो आकंड़ा 15,009 था, वो 368 की बढ़तोरी के बावजूद घटकर 14616 हो गया। यानि मरने वालों की संख्या 393 कम हो गई है। इन आंकड़ों को लाल घेरे में देखा जा सकता है। इससे पता चलता है कि केजरीवाल सरकार आंकड़ों में भी हेराफेरी करने लगी है।केजरीवाल सरकार की आंकड़ों की यह हेराफेरी सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने केजरीवाल की जमकर क्लास लगाई। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि अब केजरीवाल डेटा से भी छेड़छाड़ करने लगे हैं। कब तक ये जुठ बोल के राजनीति करते रहोंगे। लोगों का कहना है कि केजरीवाल ने सारी ऊर्जा तो बस विज्ञापन देने में लगाई। दिल्ली में किसी भी रोड पे चले जाओ हर जगह बस एक ही चेहरा दिखाई पड़ता है। लेकिन जमीन पर कोई काम दिखाई नहीं देता है। आज केजरीवाल के झूठ और फरेब की वजह से दिल्ली के लोग ऑक्सीजन और बेड़ के लिए भटक रहे हैं।
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