आतंकियों के लिए सुप्रीम कोर्ट आधी रात को खुल सकता है लेकिन बंगाल हिंसा के खिलाफ याचिका लिस्ट तक नहीं हो रही- इंडिक कलेक्टिव

पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद से ही हिंसा जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के गुंडे बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है। इसे लेकर 3 मई को ‘इंडिक कलेक्टिव’ नामक ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इंडिक कलेक्टिव ने इसे सुनवाई के लिए तुरंत लिस्ट करने की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब देने के बाद भी लिस्ट नहीं हो पाई।

इंडिक कलेक्टिव के अनुसार उसकी तरफ से सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद और जे साईं दीपक ने वकील सुविदत्त सुंदरम के साथ मिल कर जस्टिस यूयू ललित के समक्ष इस मामले को 6 मई 2021 को उठाने के लिए मौखिक रूप से आग्रह किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा अस्वीकार कर दिया गया।

6 मई को ट्रस्ट के एक और पत्र को अस्वीकार कर दिया गया। इंडिक कलेक्टिव ने कहा है कि यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि सजायाफ्ता आतंकियों के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट आधी रात को खुलता है, लेकिन पश्चिम बंगाल हिंसा के खिलाफ याचिका लिस्ट नहीं की जा रही है, जबकि अब भी जानें जा रही हैं। साफ है कुछ लोग औरों से ज्यादा बराबर हैं।

ट्र्स्ट ने आगे ट्वीट किया है कि 28 जून तक गर्मी छुट्टी से पहले आज सुप्रीम कोर्ट के कामकाज का अंतिम दिन है। हम एक बार फिर से वेकेशन बेंच के सामने याचिका की अर्जेन्ट लिस्टिंग के लिए आग्रह करने जा रहे हैं। हम अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। इस बीच बंगाल हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो हमारी टीम को मिली हैं।

दरअसल पश्चिम बंगाल में टीएमसी के गुंडे सीएम ममता बनर्जी की जीत का खूनी जश्न मना रहे हैं। टीएमसी के गुंडे हिंसा, लूट, अग्निकांड और बलात्कार को अंजाम दे रहे हैं। बीजेपी नेता और समर्थकों के घरों, दुकानों, मंदिरों, बस्तियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। हिंसा में एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन इन सब मामलों में स्थानीय पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा है। ऐसे में बीजेपी समर्थक राज्य से पलायन कर असम और अन्य राज्यों में शरण ले रहे हैं। देखिए कुछ ट्वीट-


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