केजरीवाल सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर उठी आपराधिक मुकदमा दायर करने की मांग

कोरोना महामारी को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की लापरवाही को लेकर लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना से निपटने में विफल रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश की। उन्होंने दिल्ली के लिए जरूरत से ज्यादा मैट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की। केजरीवाल ने पहले कहा कि दिल्ली को 700 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, फिर उनकी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा कि दिल्ली में 976 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है। केजरीवाल सरकार ने ऑक्सीजन तो मंगा लिया, लेकिन दिल्ली के पास ना तो इसे रखने, ना ही वितरण की कोई व्यवस्था थी। केजरीवाल सरकार ने ऑक्सीजन भेजने वाली कंपनियों को इसे अपने पास ही रखने को कहा। इसको लेकर अस्पताल और ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियों ने शिकायत की। इसपर जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ऑक्सीजन ऑडिट की मांग की तो केजरीवाल ने मामले से ध्यान हटाने के लिए वैक्सीन का रोना शुरू कर दिया और आनन-फानन में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी कि उसके पास सरप्लस ऑक्सीजन हैं जिसे जरूरतमंद राज्यों को दे दिया जाए।

केजरीवाल सरकार की इस लापरवाही पर लोगों नें काफी नाराजगी है। वे सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हुई है तो क्यों ना उनपर आपराधिक मुकदमा दायर हो?

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