भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार (अक्टूबर 9, 2021) को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की लिंचिंग को वह गलत नहीं मानते। उन्होंने कहा, “जो हुआ वो गलत नहीं था। मैं उनको दोषी नहीं मानता।” उनका कहना है कि पीट-पीट कर मारना उनकी नजर में हत्या नहीं है। ये बातें ‘किसान नेता’ ने दिल्ली प्रेस क्लब में मीटिंग के दौरान कहीं। इसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल सिंह, जोगिंदर उगराहां के साथ स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव भी मौजूद रहे। इसी दौरान राकेश टिकैत से उन लोगों के बारे में सवाल किया गया जिन्हें कथित तौर पर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार दिया गया और जिन्हें भाजपा कार्यकर्ता बताया जा रहा है। इस पर टिकैत ने कहा –लखीमपुर खीरी हिंसा में BJP कार्यकर्ताओं की लिंचिंग
को गलत नहीं मानते राकेश टिकैत
“वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा? जब जंगल में खूंखार कोई आदमी हो जाता है..एक्शन का रिएक्शन है वो, कोई प्लानिंग नहीं है। यहां पे दोषी किसको कहते हैं। यहां गाड़ियां टकराती हैं तो तुरंत दोनों उतर के लड़ने लगते हैं सड़क के ऊपर वो क्या है। वो रिएक्शन है, वो हत्या में नहीं आता। हम दोषी नहीं मानते।
#WATCH: वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा... जिन्होंने बाद में लाठी से हमला किया वह एक्शन का रिएक्शन है। कोई योजना नहीं है। वो हत्या में नहीं आता, हम उन्हें दोषी नहीं मानते: किसान नेता राकेश टिकैत, लखीमपुर खीरी हिंसक घटना पर बोलते हुए pic.twitter.com/IVJ8lAdoGd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 9, 2021
गांव में जब कोई पंचायत या प्रोग्राम होता है तो एक आदमी होता है जिसका काम केवल हुक्का भरने का होता है वो ये पीले कुर्ते वाला है। पिछले 10 महीने के वीडियो देख लो इस से ज्यादा इसका काम नहीं।
— Er. RAJIV KUMAR CHOUDHARY (@Rajiv_kumar1983) October 9, 2021
सही कहा ना योगेंद्र ।।😅😅🤣🤣@HarishKhuranna @KapilMishra_IND @ZeeNewsEnglish
मुझे समझ नही आता पुलिस @RakeshTikaitBKU को गिरफ्तार क्यों नही करती? इन सारे हत्याओं का जिम्मेदार सिर्फ यही व्यक्ति है, ये जब तक बाहर रहेगा ऐसी हरकते करता रहेगा. खुलेआम ये हत्या को समर्थन दे रहा है. @HMOIndia @myogiadityanath
— Ravi Singh (@RaviSin14936884) October 9, 2021
यदि किसान आंदोलन को गौर से देखें तो ये प्रारम्भ से ही हिंसक है लाल किले की घटना में पुलिस पर आक्रमण , टोल पर भाजपा के वस्ल्मीकि प्रभारी की पिटाई हो ,
— हिमांशु वर्मा (@Gangwar_Bly) October 9, 2021
बुक्कल उतार देंगे , मोदी को गुजरात भगा देंगे
विधायकों की पिटाई इत्यादि कोई भी ऐसा आचरण नहीं है जो अहिंसक की श्रेणी में आता हो ।
महोदय कृपया ऐसे गधों के लिए सुचिता एवं संविधानिक शब्दों का वापर ना करें ।
— Mohan Mayande (@MohanMayande) October 9, 2021
टिकैत से पत्रकार ने फिर पूछा कि आप इनमें (लाठी चलाने वालों में) से किसी को दोषी नहीं मानते तो टिकैत ने साफ कहा कि- नहीं मानते। हालांकि टिकैत की बात को संभालते हुए योगेंद्र यादव ने फौरन कहा कि किसी की भी असामयिक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण होती है इसलिए न्याय सभी को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा किसी की भी मृत्यु को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रहा है।
लेकिन किसी पत्रकार ने टिकैत से यह नहीं पूछा कि तुम जो बात-बात पर बक्कल उखाड़ देंगे जैसे भड़काऊ भाषण देते हो, क्या उससे हिंसा को प्रोत्साहन नहीं नहीं मिलता? क्या तुम्हारी और खालिस्तानी पुन्नू की भाषाशैली एक नहीं। जब पंजाब और राजस्थान में किसानों पर लाठीचार्ज हुआ था, तब इन राज्यों के शासित कांग्रेस के विरुद्ध क्यों नहीं ऐसा आंदोलन किया?
Don't consider those who killed BJP workers in Lakhimpur as culprits, they only reacted to SUV running over protesters: BKU's Rakesh Tikait
— Press Trust of India (@PTI_News) October 9, 2021
But Tikait must not forget that it's Yogi's area where no-one can be spared for creating ruckus. Perhaps your biggest blunder so far to enter this area.
— खदेड़न सिंह (घर में रहें, सुरक्षित रहें) (@khadedan) October 9, 2021
The honourable SC should have taken Suo Moto notice of the difficulties faced by citizens due to road blockage by Kishan’s or is it that the common man has to rights and their free movement can be curtailed .
— Abhay Kumar Singhi (@AbhayKumarSin17) October 9, 2021
Supreme Court should take suo moto cognizance of this unlawful comment!
— Fokatiya फोकटिया (@Abzyk1) October 9, 2021
BJP karykarta insan nahi hai kya unki hatya karne walon ko bhi saja do ya to kisan andolan ke organiser ko doshi banao
— L M Dass (@LMDass1) October 9, 2021
Very Right 😂😭🤣
— Sanjay Singh (@SanjayS00663282) October 9, 2021
Talibani dictat by dakait
— s c shrivastava (@csuresh1950) October 9, 2021
जब मृत किसानों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा हुई थी, तबसे अजय मिश्रा और आशीष मिश्रा मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी मुआवजे की मांग उठाते आ रहे हैं। आशीष मिश्रा ने एक इंटरव्यू में आरोप लगाते हुए ये तक कहा था कि इन लोगों को लाठी-डंडे और नुकीले हथियारों से बेरहमी से मारा गया और ऐसा करने वाले किसान तो नहीं हो सकते।
योगेंद्र यादव ने कहा –
“संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि इस हत्याकांड के प्रमुख आरोपी मोनू मिश्रा और उसके हिस्ट्रीशीटर बाप अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया जाए। अजय मिश्रा को यूनियन काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स से बर्ख़ास्त किया जाए। किसानों के लिए ये घटना जलियांवाला बाग से कम नहीं है। और पिछले छह दिन से सरकार ने किसानों के जख़्मों पर नमक ही डाला है। वो सरकार, जो ठोको की नीति पर काम करती है, अपराधियों के नाम पर पकड़कर गोली मार देती है, वो मंत्री के बेटे को 6 दिन बाद बुलाकर कॉफी पिला रही है.”
इधर संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में 15 अक्टूबर को पुतला दहन का ऐलान किया है। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हिंसा का विरोध जताते हुए वह दशहरे के दिन पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला जलाएँगे। राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा बैठक कर पूरे देश में कलश यात्राएँ निकालेगा। इसके साथ ही 18 अक्टूबर को किसान संगठन 6 घंटे ट्रेन रोकेंगे।
वहीं, किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलकर दोषियों ने डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी, लेकिन किसान नहीं डरेंगे। उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा को पूर्व नियोजित बताया। वहीं, किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सरकार द्वारा हिंसक रूप अपनाया गया है। साथ ही उन्होंने साफ किया कि वह हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएँगे। इसके साथ ही उन्होंने भी मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष की गिरफ्तारी की माँग की।
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