साभार: क्लैरियन इंडिया/न्यूज 18
पश्चिम बंगाल पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से कॉन्स्टेबल और महिला कॉन्स्टेबल के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 1000 से अधिक मुस्लिम लड़कियों ने फॉर्म भरते वक्त हिजाब पहनकर फोटो लगाई थी, जिससे उनके आवेदनों को रद कर दिया गया था। अब इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी है।
बंगाल पुलिस भर्ती बोर्ड के फैसले के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं के एक समूह ने कोलकाता हाईकोर्ट का रुख किया था। इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस अरिंदम मुखर्जी ने अंतरिम फैसला सुनाते हुए कहा कि भर्ती का भविष्य इस मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा।
बहरहाल कोर्ट के फैसलो को अपनी जीत बताते हुए इस मामले से जुड़ी एक याचिकाकर्ता तुहिना खातून ने स्थगन आदेश को ‘हमारी आशाओं की जीत’ करार दिया। खातून ने क्लेरियन इंडिया को बताया, “हम लंबे समय से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन हमें अवसर देने से वंचित कर दिया गया। अब अदालत हमारी बात सुन रही है और हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।” मुस्लिम महिलाओं की पैरवी कर रहे वकील फिरदौस समीम ने कहा, “संविधान अनुमति देता है कि एक मुस्लिम लड़की हिजाब पहन सकती है, लेकिन पुलिस बोर्ड द्वारा दी गई अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।”
साभार: लाइव लॉपश्चिम बंगाल पुलिस भर्ती बोर्ड (WBPRB) ने 26 सितंबर 2021 को राज्य पुलिस में कॉन्स्टेबलों और महिला कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की थी। बोर्ड ने 6 सितंबर को परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किए थे। लेकिन कई कारणों के कारण 30,000 से अधिक छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गए।
इस मामले में पीड़ित लड़कियों ने सीएम ममता बनर्जी से भी मिलने की कोशिश की थी, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकीं।


No comments:
Post a Comment