नदीम अहमद काज़मी के ट्विटर बायो का स्क्रीनशॉट
महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच पत्रकार नदीम अहमद काजमी ने ट्विटर पर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का अपमान किया और उनका मजाक उड़ाया। हालाँकि, जब यह बताया गया कि वह NDTV के लिए काम नहीं करता है, तो पत्रकार अपने पूर्व चैनल की ही बखिया उधेड़ने लगा। दरअसल, काजमी इस वक्त एनडीटीवी में काम नहीं करते हैं। चैनल ने उन्हें (काजमी) वर्ष 2017 में ही निकाल दिया था, लेकिन उनके ट्विटर बायो में अभी भी वर्किंग विद एनडीटीवी लिखा हुआ है, जिससे किसी को भी भ्रम हो सकता है कि वह इस विवादास्पद चैनल के लिए काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में मचे घमासान से सेक्युलरिस्ट्स में बैचेनी होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें नहीं मालूम की पटकथा तो भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले दिन ही लिख दी गयी थी। जिस तरह से महाराष्ट्र में हिन्दू विरोधी हरकतें होनी शुरू हुई थी, वह इस पटकथा को और अधिक शक्ति दे रही थी। सेक्युलरिस्ट्स यह भूल गए कि एकतरफा सेकुलरिज्म चलने के दिन लद चुके हैं।
खैर, नदीम अहमद काजमी ने 22 जून 2022 को शिंदे के खिलाफ एक अपमानजनक ट्वीट किया था, जो इस वक्त अपने सभी विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी में रेडिसन ब्लू होटल में डेरा जमाए हुए हैं। पत्रकार ने ट्वीट किया, “शालीनता मायने रखती है… शिंदे फिर से एक ऑटो चालक बनेंगे… बस मेरे शब्दों पर गौर करें।”
एनडीटीवी के तथाकथित पूर्व पत्रकार ने शिंदे को नीचा दिखाने के लिए उनके अतीत का सहारा लिया। एकनाथ शिंदे कभी मुंबई से सटे ठाणे शहर में एक ऑटो-रिक्शा चालक थे। 1980 में, वह शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे से प्रभावित हुए थे। वह राज्य की राजनीति में अपनी सफलता के पीछे पार्टी संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का कई बार आभार जता चुके हैं। शिंदे ने एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वह अपने संगठनात्मक कौशल और जनसमर्थन के बल पर शिवसेना के शीर्ष नेताओं में शुमार हो गए। चार बार विधायक रह चुके शिंदे, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी विभागों को संभालते हैं। 58 वर्षीय शिंदे ने राजनीति में कदम रखने के बाद बेहद कम समय में महाराष्ट्र के ठाणे-पालघर में शिवसेना के प्रमुख नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई। उन्हें जनता से जुड़े मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए पहचाना जाता है।
Woah pic.twitter.com/nYzSp5YjBC
— Singh Varun (@singhvarun) June 23, 2022
दोपहर के बाद दलबदल क़ानून उनपे लागू होगा जो एकनाथ शिंदे के साथ नहीं होंगे नतीजा ये होगा की एक भी नहीं बचेगा उद्भव बाबू के साथ , बाला साहेब ने कहा था Congress से हाथ मिलाने से पहले शिवसेना बंद कर दूँगा , हाथ मिला के बेटे ने सही में बंद कर दिया सोनिया सेना को और शिवसेना सैनिको की
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 23, 2022
एक यूजर वरुण शर्मा (@LogicalHindu_) ने अपने ट्विटर हैंडल पर काजमी के ट्विटर बायो के स्क्रीनशॉट के साथ उसका अपमानजनक ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा किया है। इस बायो में वह खुद को अभी भी एनडीटीवी का पत्रकार बताता है। वरुण शर्मा ने चैनल की एडिटोरियल डायरेक्टर सोनिया सिंह, कंसल्टिंग एडिटर निधि राजदान और न्यूज एंकर गार्गी रावत अंसारी को टैग करते हुए लिखा, “नदीम काजमी NDTV के पत्रकार हैं। अपने साथियों को शालीनता, शिष्टाचार और नैतिकता सिखाने वाली सोनिया सिंह, निधि राजदान और गार्गी रावत आप पर गर्व है।”
.@nadeemkazmi64 is a Journalist with NDTV.
— Varun Sharma (@LogicalHindu_) June 23, 2022
Proud of you @soniandtv , @Nidhi , @GargiRawat - for teaching your colleagues decency, manners and ethics. pic.twitter.com/IZOkSoL3X8
Matter is subjudice . NDTV has been slapped with 10 k fine for not appearing in the court Pls find out from your lawyers. Thanks..
— nadeem ahmad kazmi (@nadeemkazmi64) June 23, 2022
ट्विटर यूजर वरुण शर्मा ने अपने दूसरे ट्वीट में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया को टैग करते हुए पूछा कि क्या वे अपने महासचिव नदीम अहमद काजमी द्वारा की गई टिप्पणी का समर्थन करते हैं।
.@nadeemkazmi64 is a Journalist with NDTV.
— Varun Sharma (@LogicalHindu_) June 23, 2022
Proud of you @soniandtv , @Nidhi , @GargiRawat - for teaching your colleagues decency, manners and ethics. pic.twitter.com/IZOkSoL3X8
NDTV की एडिटोरियल डायरेक्टर सोनिया सिंह ने वरुण शर्मा के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “नदीम अहमद काज़मी 2017 से एनडीटीवी के साथ नहीं हैं।”
सोनिया सिंह के जवाब से काजमी का चैनल को लेकर पुराना जख्म फिर से ताजा हो गया और उन्होंने एनडीटीवी के लिए बेहद निम्नस्तरीय भाषा का प्रयोग किया। काजमी ने लिखा, “मामला विचाराधीन है। अदालत में पेश नहीं होने पर एनडीटीवी पर 10 हजार जुर्माना लगाया गया है कृपया अपने वकीलों से पता करें। धन्यवाद।” एक अन्य ट्विटर यूजर ने उनसे पूछा कि उनके और एनडीटीवी के बीच ऐसा क्या गलत हुआ है? इस पर काजमी ने दावा किया कि 2017 में चैनल ने उन्हें निकाल दिया था, जबकि उन्होंने दो दशक तक चैनल में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया।
I was illegally removed from my duty despite giving 2 decades of my prime time to the organisation. I stood fir them on crucial times but they ..you know..i suffered immensely and forced to leave Delhi. Have no source of income at the fag end of life at 58.
— nadeem ahmad kazmi (@nadeemkazmi64) June 23, 2022
वह यही नहीं रुके उन्होंने अपने दर्द बयाँ करते हुए आगे कहा, “मैं संस्थान के साथ पूरी ईमानदारी के साथ 2 दशक तक मजबूती से खड़ा रहा। अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटा। लेकिन आप जानते हैं.. उस वक्त मुझे बहुत कष्ट हुआ जब मुझे दिल्ली छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। 58 साल की उम्र में जीवन के अंतिम पड़ाव पर मेरे पास आय का कोई साधन नहीं है।”
काजमी ने खुद शिकायत की थी कि चैनल ने उन्हें गलत तरीके से निकाल दिया था। ऐसे में यह बेहद हैरान करने वाली बात है कि वह फिर भी खुद को एनडीटीवी का पत्रकार बताते हैं। उनके ट्विटर बायो में 2017 के बाद से यानी 5 सालों से एनडीटीवी लिखा हुआ है। यही नहीं उनके लिंक्डइन प्रोफाइल में भी लिखा है कि वह ‘एनडीटीवी में असाइनमेंट‘ पर हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे के खास मानें जाने वाले एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का सारा खेल बिगाड़ दिया है। विधायकों के पाला बदलने से शिवसेना प्रमुख एक तरफ छटपटा रहे हैं और विधायकों की तलाश में मुंबई का चप्पा-चप्पा छान मार रहे हैं। उद्धव ठाकरे की नाक के नीचे से निकल बागी नेता एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो रहे हैं, लेकिन शिवसेना प्रमुख को इसकी भनक भी नहीं लग पा रही है। इस बौखलाहट में शिवसेना को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें और क्या बोले? शिवसेना ने अपने मुख पत्र ‘सामना’ के संपादकीय में मौजूदा सियासी तूफान को ‘स्वप्न दोष’ की तरह बताया है। पार्टी ने अपने बागियों को चेताया है कि समय रहते सावधान हो जाएँ, वरना उन्हें कचरे में फेंक दिया जाएगा।
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