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| साभार ANI |
शुक्रवार की साप्ताहिक छुट्टी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि, कश्मीर को एक अलग देश के रूप मे परीक्षा मे सवाल पूछे गए अखिर ये सब किशनगंज मे ही क्यों हो रहा है @BiharEducation_ @ZeeBiharNews @abplive @aajtak @AshwiniUpadhyay @HMOIndia pic.twitter.com/4IzglM2g6l
— santosh kumar🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳📚📚✍ (@KumarSantu5555) October 19, 2022
दरअसल, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित की गई कक्षा सातवीं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सवाल पूछा गया कि नीचे दिए गए देशों के लोगों को क्या कहते हैं? नीचे दिए गए विकल्पों में चीन, नेपाल, इंग्लैंड और भारत के साथ कश्मीर का विकल्प भी दिया गया था। किशनगंज क्लास 7 के अंग्रेजी के पेपर में ये पहला ही सवाल था। पूछा गया कि- इन देशों के लोगों को क्या कहते हैं। जैसे- चीन के लोगों की Chinese कहते हैं-
नेपाल के लोगों को क्या कहते हैं?
इंग्लैंड के लोगों को क्या कहते हैं?
कश्मीर के लोगों को क्या कहते हैं?
भारत के लोगों को क्या कहते हैं?
बिहार: बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थापित सरकारी स्कूलों के लिए कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में कश्मीर को भारत से अलग हिस्सा बताया। तस्वीरें किशनगंज के एक स्कूल की हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2022
एक छात्रा ने बताया, "परीक्षा का पहला प्रश्न ही देश के लोगों को लेकर था।कश्मीर देश नहीं बल्कि एक राज्य है।"(18.10) pic.twitter.com/yEI3gXutqh
किशनगंज में कश्मीर को अलग देश बताए जाने पर बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि प्रश्न ही बताता है कि बिहार सरकार के सरकारी पदाधिकारी और बिहार सरकार कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती है। इसका सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत, नेपाल एक देश हैं वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है। संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार में बैठे हुए पीएफआई के समर्थकों और राजद के पीएफआई समर्थकों के नापाक गठजोड़ का परिणाम है।
"बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा सीमांचल के जिलों में यह पूछा जाना कि चीन के नागरिक को, इंग्लैंड के, नेपाल के, भारत के और इसी के साथ कश्मीर के नागरिक को क्या कहते हैं?
— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) October 18, 2022
यह बताता है कि सरकार में बैठे हुए पीएफआई के समर्थकों और राजद के पीएफआई समर्थक का नापाक गठजोड़ है।" pic.twitter.com/zsMQTWMo1W
वरिष्ठ पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने ट्वीट किया, “कश्मीर को भारत से काटने की इच्छा बहुत लोगों के मन में दबे छिपे है और कुछ खुलेआम प्रकट करते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि किसी राज्य सरकार के प्रश्न में कश्मीर को अलग देश के रूप में बताया जाए। बहाना, सफाई कुछ भी आए, लेकिन यह खतरनाक स्थिति बिहार में हुई। 7वीं के बच्चे पढ़ रहे हैं।”
कश्मीर को भारत से काटने की इच्छा बहुत लोगों के मन में दबे छिपे है और कुछ खुलेआम प्रकट करते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि किसी राज्य सरकार के प्रश्न में कश्मीर को अलग देश के रूप में बताया जाए। बहाना, सफाई कुछ भी आए, लेकिन यह खतरनाक स्थिति बिहार में हुई। 7वीं के बच्चे पढ़ रहे हैं
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी 🇮🇳Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) October 19, 2022
Right answer is "Indian"
— Anubhav Lal (@anubhavklal) October 19, 2022
अनुच्छेद 370 हटाने के लिए वोटिंग के दौरान नीतीश की पार्टी ने सदन से किया था वॉकआउट
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था। तब बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर विरोध प्रकट करते हुए वोटिंग के दौरान दोनों सदन से वॉकआउट कर दिया था।
अनुच्छेद 370 और 35A के उन्मूलन का समर्थन करने वाले राजनीतिक दल :-
— 🦁कट्टर हिन्दू राजपूत🦁BAiJU SiNGH Rathore🇮🇳🦁 (@BaijuRathore) August 5, 2019
BJP, AAP, BSP, BJD, AIDMK, YSR Congress, TDP, Shiv Sena, TRS, SAD
जो राजनीतिक दलों ने विरोध किया :-
Congress, TMC, JDU, SP, PDP, DMK, CPM, NC
मुझे आश्चर्य है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने इसका विरोध क्यों किया।।
जेडीयू सांसद ललन सिंह ने लोकसभा में खुला ऐलान किया था कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ है और इसके पास होने में भागीदार नहीं हो सकता, इसलिए पार्टी सदन का बहिष्कार करती है। 35A के मुद्दे पर भी जेडीयू ने यही रुख अपनाया था जिस अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते थे।
किशनगंज में ये पहला देश विरोधी गतिविधि नही है बल्कि सुनने को ये भी मिल रहा है वहाँ शुक्रवार को स्कूल बंद रहते है।बिहार सरकार से लेकर केंद्र सरकार को इस और गम्भीरता से सोचने की ज़रूरत है क्यूँकि ये सब सही नही है।नियम पूरे देश में एक जैसा ही चलेगा ये सब चीजें ग़लत है @narendramodi pic.twitter.com/hRJokV2lLU
— Priya Pandey (@Priyapandey_Phd) October 19, 2022

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