बिहार : किशनगंज में देश की अखंडता पर सवाल, सातवीं कक्षा के प्रश्न पत्र में कश्मीर को बताया भारत से अलग देश

                                                                                                                           साभार ANI 
बिहार में सरकार बदलते ही महागठबंधन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की देश विरोधी मानसिकता सामने आने लगी है। मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज में शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि देश की एकता और अखंडता पर उठे सवाल ने घमासान मचा दिया है। एक स्कूल में सातवीं कक्षा के प्रश्न पत्र में  में कश्मीर को अलग देश बताया गया है। इस विवादित प्रश्न पत्र के सामने आने के बाद जहां बीजेपी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है, वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने कश्मीर को लेकर महागठबंधन सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।

दरअसल, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित की गई कक्षा सातवीं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सवाल पूछा गया कि नीचे दिए गए देशों के लोगों को क्या कहते हैं? नीचे दिए गए विकल्पों में चीन, नेपाल, इंग्लैंड और भारत के साथ कश्मीर का विकल्प भी दिया गया था। किशनगंज क्लास 7 के अंग्रेजी के पेपर में ये पहला ही सवाल था। पूछा गया कि- इन देशों के लोगों को क्या कहते हैं। जैसे- चीन के लोगों की Chinese कहते हैं-

नेपाल के लोगों को क्या कहते हैं?
इंग्लैंड के लोगों को क्या कहते हैं?
कश्मीर के लोगों को क्या कहते हैं?
भारत के लोगों को क्या कहते हैं?

किशनगंज में कश्मीर को अलग देश बताए जाने पर बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि प्रश्न ही बताता है कि बिहार सरकार के सरकारी पदाधिकारी और बिहार सरकार कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती है। इसका सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत, नेपाल एक देश हैं वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है। संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार में बैठे हुए पीएफआई के समर्थकों और राजद के पीएफआई समर्थकों के नापाक गठजोड़ का परिणाम है।

वरिष्ठ पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने ट्वीट किया, “कश्मीर को भारत से काटने की इच्छा बहुत लोगों के मन में दबे छिपे है और कुछ खुलेआम प्रकट करते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि किसी राज्य सरकार के प्रश्न में कश्मीर को अलग देश के रूप में बताया जाए। बहाना, सफाई कुछ भी आए, लेकिन यह खतरनाक स्थिति बिहार में हुई। 7वीं के बच्चे पढ़ रहे हैं।”

अनुच्छेद 370 हटाने के लिए वोटिंग के दौरान नीतीश की पार्टी ने सदन से किया था वॉकआउट 

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था। तब बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर विरोध प्रकट करते हुए वोटिंग के दौरान दोनों सदन से वॉकआउट कर दिया था।

जेडीयू सांसद ललन सिंह ने लोकसभा में खुला ऐलान किया था कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ है और इसके पास होने में भागीदार नहीं हो सकता, इसलिए पार्टी सदन का बहिष्कार करती है। 35A के मुद्दे पर भी जेडीयू ने यही रुख अपनाया था जिस अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते थे।

 

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